सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें एक शख्स शाहीन बाग में नमाज़ के बाद मस्जिद से बाहर निकल रहे लोगों का इंटरव्यू ले रहा है. इस वीडियो में इंटरव्यू ले रहा व्यक्ति वहां मौजूद लोगों की नागरिकता जानने की कोशिश कर रहा है. उनलोगों को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि वे बांग्लादेश से आए हैं. इन लोगों को हिंदी समझ में नहीं आती लेकिन इंटरव्यू लेने वाला उनसे हिंदी में ऐसे सवाल पूछता है, ताकि ये दिखाया जा सके कि आम आदमी पार्टी की सरकार शाहीन बाग में रहने वाले बांग्लादेशी नागरिकों को मुफ़्त बिजली और पानी मुहैया करा रही है.

ये ध्यान दिया जाना चाहिए कि वीडियो में ज़्यादातर लोग ये कहते हैं कि वो “दूतावास से संबंधित काम” के लिए भारत आए हैं और अंत में उनमें से एक ये भी कहता है कि वो बांग्लादेश वापस जा रहा है. इसके बावजूद बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने उन्हें ‘बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठिए’ बताते हुए लिखा कि उनकी संपत्तियां ज़ब्त करके उन्हें 10-20 साल के लिए जेल में रखा जाए. उन्होंने ट्विटर और फ़ेसबुक दोनों प्लेटफ़ॉर्म पर वीडियो पोस्ट किया जिसे कुल मिलाकर 2.5 लाख व्यूज़ मिले.

फ़ेसबुक मॉनिटरिंग टूल क्राउडटेंगल का इस्तेमाल करके हमने देखा कि 100 से ज़्यादा अकाउंट्स ने अश्विनी उपाध्याय की पोस्ट को शेयर किया था. उनमें से ज़्यादातर भाजपा समर्थक ग्रुप या फ़ेसबुक पेज हैं. एक स्प्रेडशीट यहां देखी जा सकती है जिसमें ऐसे एकाउंट्स की लिस्ट है.

बीजेपी सदस्य मेजर सुरेंद्र पूनिया (सेवानिवृत्त) ने ट्वीट किया, “रोहिंग्या-बांग्लादेशी घुसपैठिए आराम से दिल्ली में घूम रहे हैं! ये दिल्ली में ही क्यों आते हैं? कौन है यहां जो इनके आधार/राशन कार्ड और वोटर आईडी बनवा रहा है? कौन है दिल्ली में जो इनको बिजली/रहने की जगह दे रहा है?” इस वीडियो को करीब 1 लाख व्यूज़ मिले हैं. [आर्काइव्ड लिंक]

बीजेपी दिल्ली की प्रवक्ता सारिका ए जैन ने भी इस वीडियो क्लिप को ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “…सभी हिंदू भाई, देखें कि कैसे आपकी दिल्ली आपके ही हाथों से एक दिन चली जाएगी…”

बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष योगिता सिंह ने लिखा, “कुछ ही महीनों में दिल्ली का शाहीन बाग ही बांग्लादेश बन जाएगा.”

इस वीडियो क्लिप को शेयर करने वाले अन्य ट्विटर अकाउंट @RituRathaur, @No_negativityxd, @Incognito_qfs, @RijulJK, और @mekarora हैं.

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क्या वीडियो में दिख रहे लोग “बांग्लादेशी घुसपैठिए” हैं?

वायरल वीडियो में एक लोगो है जिस पर ‘वर्तमान भारत’ लिखा हुआ है. इसे ध्यान में रखते हुए, ऑल्ट न्यूज़ ने फ़ेसबुक पर एक कीवर्ड सर्च किया, जिससे हमें इसी नाम का एक पेज मिला. 7 और 8 मई को इस पेज ने शाहीन बाग से 5 मिनट के दो वॉक्स-पॉप वीडियो अपलोड किए.

‘वर्तमान भारत’ ने 8 मई को एक फ़ेसबुक लाइव भी पोस्ट किया जहां इसके “रिपोर्टर” ने शाहीन बाग को निशाना बनाते हुए अजीबोगरीब आरोप लगाए. ‘वर्तमान भारत’ पर इंटरव्यू लेने वाले व्यक्ति के बयान टाइमस्टैम्प के साथ नीचे देखे जा सकते हैं.

TIME STAMPSTATEMENT
2:00 - 2:07"CAA प्रोटेस्ट में ज़्यादातर लोग बंगलादेशी थे."
8:50 - 8.58"क्या AAP MLA अमानतुल्ला खान के पास उस ताले की चाभी है जो शाहीन बाग में ड्रग्स मिलता है.पिछले हफ़्ते शाहीन बाग में ड्रग्स मिला.
1:50 - 1:54"क्या ये लोग (घुसपैठिये} नहीं हैं जो बैठे हुए थे धरने पे?"
18:30 - 18.45"जिसके कागज़ बकरी खा गई तो भाईसाब अब क्या हो सकता है? आपने बकरी को खा लिया तो हिसाब बराबर."
13.50 - 13.56"तुम (मुस्लिम) पायजामा खोल के अंग्रेज़ों के साथ थे."
1:10 - 1:14"बंगलादेशी घुसपैठिये का अड्डा बन चुका है शाहीन बाग"
22.30 - 20.23"मौलाओं की सैलरी बंधी हुई है मदरसे में. क्या पंडितों की सैलरी बंधी हुई है?"
7:40 - 7:50"शाहीन बाग एक ऐसा अड्डा बन चुका है जहां एक कम्युनिटी के लोगों ने अपना अड्डा बना लिया है."
3.00 - 3.08"शाहीन बाग ऐसा इलाका बन चुका है जहाँ 7-8 लाख लोग एक ही वर्ग एक ही घर्म विशेष की आबादी बन चुकी है.
19.00 - 19.11"शाहीन बाग तो डिस्ट्रॉय करो"

‘वर्तमान भारत’ के सभी वीडियोज़ देखने पर ये बातें साफ होती हैं –

  1. एक भी व्यक्ति ने ऐसा नहीं कहा कि वो रोहिंग्या हैं.
  2. कई लोगों ने कहा कि वे माल्टीज़ वीज़ा आवेदन के लिए नई दिल्ली में हैं.
  3. बांग्लादेशी पर्यटकों ने आप सरकार से मुफ़्त पानी और बिजली मिलने के आरोपों को ग़लत बताया.

सिर्फ ‘वर्तमान भारत’ के वीडियोज़ देखकर दर्शकों के सामने पेश किए गए अजीबोगरीब दावों को ग़लत साबित किया जा सकता है.

‘वर्तमान भारत’ वीडियो का विश्लेषण

‘वर्तमान भारत’ द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में न सिर्फ ग़लत जानकारी है बल्कि पत्रकारिता को भी बदनाम किया गया है. इंटरव्यू लेने वाले व्यक्ति को कई लोगों ने बताया कि उन्हें हिंदी नहीं आती. फिर भी, उसने इसी भाषा में चालाकी भरे और अजीब सवाल पूछे. ऐसा ही एक सवाल था, “क्या आप तारों के नीचे से आए या प्लेन से आए?” इंटरव्यू ले रहे व्यक्ति ने ये सवाल कई बार पूछा.

इंटरव्यू दे रहे एक शख्स के लिए ये सवाल इतना अजीब था कि वो अपनी हंसी रोक नहीं पा रहा था. फिर भी, वो शांत रहा और विनम्रता से पूछा, “तारों के नीचे से क्यूं आयेंगे दादा?” नीचे 7 मई के वीडियो का एक हिस्सा दिया गया है जहां ये वाकया देखा जा सकता है.

ऐसा एक और उदाहरण है जहां इंटरव्यू लेने वाले व्यक्ति का प्रोपगंडा ज़ाहिर होता है. जब एक व्यक्ति ने जवाब दिया कि वो वीज़ा की फ़ॉर्मलिटीज़ के लिए दिल्ली आया है तो उसने वापस पूछा, “पैसे के लिए आए हैं?” पैसा शब्द सुनने में वीजा के तरह लगता है.

20 मिनट के फ़ेसबुक लाइव में उन्होंने शाहीन बाग को निशाना बनाते हुए निंदनीय आरोप लगाए. ऐसा ही एक आरोप ये भी था कि बांग्लादेशियों ने भारत में CAA के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. 2019 और 2020 में ऑल्ट न्यूज़ ने शाहीन बाग में शांतिपूर्ण CAA प्रदर्शन को निशाना बनाने वाले वाले कई सोशल मीडिया दावे का डॉक्यूमेंटेशन किया है. लगातार किए गए आरोपों में से एक ये था कि प्रदर्शनकारी “पेड एजेंट” थे. यानी, जब इंटरव्यू ले रहे व्यक्ति ने ये कहा कि बांग्लादेशी पर्यटक पैसे के लिए भारत में है, तो उसका मतलब था कि शाहीन बाग में बांग्लादेशियों को पैसे दिए जा रहे हैं.

ज़मीनी हकीकत

ऑल्ट न्यूज़ ने ‘वर्तमान भारत’ वीडियो में दिख रहे लोगों की पहचान करने और उनका इंटरव्यू लेने के लिए शाहीन बाग स्थित रिपोर्टर अरबाब अली के साथ काम किया. हमारे तहकीकात के मुताबिक, वीडियो शाहीन बाग में मस्जिद अल-हबीब के पास लिया गया था. हमें ये भी पता चला कि कई बांग्लादेशी पर्यटक शाहीन बाग के पास के इलाकों में रहते हैं.

हम पांच पर्यटकों की पहचान करने में कामयाब रहे – आरिफ़ हुसैन, फ़हद महफूज चौधरी, सैफुल इस्लाम, अख्तर हुसैन और राशिद उल हसन. वे अल-हबीब मस्जिद से 2 किलोमीटर से भी कम दूरी पर ठहरे हैं. होटल मालिकों के रिक्वेस्ट की वजह से हम लॉजिंग फ़ैसिलिटीज खुलासा नहीं कर रहे हैं.

बांग्लादेशी नागरिकों के साथ बातचीत आधार पर ये कहा जा सकता है कि वायरल वीडियो में ज़्यादातर लोग माल्टीज़ दूतावास में वीज़ा प्रक्रिया के लिए नई दिल्ली आए हैं.

राशिद उल हसन ने ऑल्ट न्यूज़ को एक टेलीफ़ोन पर हुई बातचीत में बताया, “बांग्लादेश में हमारा कोई माल्टीज़ दूतावास नहीं है. बांग्लादेश सरकार ने भारत सरकार के साथ बातचीत की ताकि बांग्लादेशी नागरिक उस देश का दौरा कर सकें और माल्टीज़ दूतावास तक आसानी से पहुंच सकें. फ़िलहाल, मेरा पासपोर्ट माल्टीज़ दूतावास के पास है. वीज़ा की औपचारिकताएं पूरी होते ही मैं बांग्लादेश लौट जाऊंगा.”

जब हमने उनके ठहरने की जगह के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, “मेरी जानकारी के अनुसार, कम से कम 350 बांग्लादेशी यहां वीज़ा के लिए आवेदन करने आए हैं. हमने दिल्ली में कई होटलों की तलाश की, लेकिन वहां कोई कमरा नहीं मिल सका. इसलिए जब हमने सुना कि पहाड़गंज और सरिता विहार में कमरे मिल रहे हैं तो हम यहां आ गए. सरिता विहार में रहने का निर्णय पहले से नहीं था बल्कि अलग-अलग वजहों से लिया गया.”

एक और पर्यटक आरिफ़ हुसैन ने माल्टा में लंबे समय तक रहने के लिए वीज़ा का आवेदन किया है और वो 40 दिनों से भारत में रह रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘ये वीडियो ग़लत है…उन्होंने सिर्फ इतना पूछा कि मैं कहां से आया हूं. इतना ही. उन्होंने ये नहीं बताया कि वीडियो किस मकसद से लिया जा रहा है.” उन्होंने आगे कहा, “ये वीडियो बांग्लादेशी नागरिकों के लिए बहुत बुरा है.”

इंटरव्यू से नाखुश फ़हद महफूज चौधरी ने कहा, “एक आदमी ने मेरा इंटरव्यू लिया. उसने पूछा कि मैं कहां रहता हूँ. मैंने उससे कहा कि मैं सरिता विहार में रह रहा हूं. इसके बावजूद, उन्होंने मुझे सिर्फ दो ऑप्शन दिया- शाहीन बाग या मदनपुर खादर. रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए दिल्ली मुख्य जगह है जहां जसोला और यमुना नदी के किनारे और जगहों पर पांच बड़े अनौपचारिक शिविर हैं. मदनपुर खादर यमुना नदी के करीब है.”

नाम न छापने की शर्त पर लॉजिंग फ़ैसिलिटीज के एक स्टाफ़ ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “हम न सिर्फ बांग्लादेश बल्कि इराक, ईरान और दूसरे देशों के लोगों की मेजबानी भी करते हैं. बांग्लादेशियों के यहां रहने का कारण ये है कि वे हिंदी में पारंगत नहीं हैं. मैं असम से हूं और बंगाली अच्छे से बोल सकता हूं. वे यहां सहज महसूस करते हैं क्योंकि वे मुझे अपनी समस्याएं बता सकते हैं.” यहां चार बांग्लादेशी पर्यटक ठहरे हुए थे.

लॉजिंग स्टाफ़ ने आगे कहा, “मेरे ज़्यादातर बांग्लादेशी मेहमान माल्टीज़ दूतावास में वीज़ा संबंधी औपचारिकताओं के लिए भारत आते हैं. इस प्रक्रिया में तीन से चार महीने तक लग सकते हैं. वीज़ा एक्सपायर होने पर में वे फ़ॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफ़िसेज में एक एक्सटेंडेड स्टे के लिए डॉक्यूमेंटेशन मांगते हैं.”

गौरतलब है कि ढाका में एक माल्टीज़ वाणिज्य दूतावास है. हमने बांग्लादेश के नागरिकों के लिए वीज़ा प्रक्रिया की बारीकियों को समझने के लिए उन्हें और भारत में माल्टीज़ और बांग्लादेशी दूतावासों को एक ईमेल लिखा था. अगर वे हमारे ईमेल का जवाब देते हैं तो आर्टिकल को अपडेट किया जाएगा.

कुल मिलाकर, 7 और 8 मई से फ़ेसबुक पेज ‘वर्तमान भारत’ ने कई वीडियो पोस्ट किए और आरोप लगाया गया कि नई दिल्ली में बांग्लादेशी पर्यटक “घुसपैठिए” हैं. साथ ही उनके रहने के लिए पसंदीदा जगह शाहीन बाग है. 7 मई का अधूरा वीडियो कई भाजपा नेताओं ने और आगे बढ़ाया.

हमारी ग्राउंड रिपोर्ट में पाया गया कि वीडियो में दिख रहे ज़्यादातर बांग्लादेशी माल्टीज़ वीज़ा आवेदनों के लिए नई दिल्ली में हैं.

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