ज़ी न्यूज़ के प्रधान संपादक सुधीर चौधरी ने 7 मई को अपने ऊपर हुई एक FIR की कॉपी ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा, “यह मेरा सही खबर दिखाने के लिए मुझे मिला पुलित्ज़र अवॉर्ड है.” FIR में लिखा है कि “सुधीर चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया क्योंकि उन्होंने 11 मार्च 2020 को जी न्यूज़ में अपने प्रोग्राम DNA में मुस्लिम समुदाय का अपमान किया.” एक और ट्वीट में सुधीर चौधरी ने कहा कि यह उनके ‘जम्मू में ज़मीन जिहाद और केरल में लव जिहाद के ख़िलाफ़ बोलने की कीमत है.’
This is the price for daring to speak against #ZameenJihad in Jammu,#LoveJihad in Kerala,
PFI funding of CAA protests,
and for daring to enter Shaheen Bagh.
I have all the respect for the law but these tactics won’t stop me. Bring it on! https://t.co/4xoLhIgDSi— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) May 7, 2020
पुलित्ज़र?
FIR में सुधीर चौधरी के 11 मई के DNA कार्यक्रम को लेकर बात की गई है जिसमें वो 5 मिनट तक ‘अलग-अलग किस्म के जिहाद’ के बारे में ज्ञान दे रहे थे. “आज हमारे पास जिहाद से सम्बंधित एक डायग्राम है, जिसे हम चाहते हैं कि आप पढ़ें ताकि आप इस साज़िश को समझ सकें.” इसके बाद चौधरी ‘हार्ड’ और ‘सॉफ्ट’ जिहाद को परिभाषित करते हैं. डायग्राम की मदद से वो जिहाद का इतिहास, मीडिया जिहाद, लव जिहाद, फ़िल्म जिहाद, जनसंख्या जिहाद और ज़मीन जिहाद वगैरह समझाते हैं.
#DNA : जम्मू, ज़मीन और जेहाद#ZameenJihad @sudhirchaudhary pic.twitter.com/lVqROQguga
— Zee News (@ZeeNews) March 11, 2020
24 अप्रैल को कसाबा थाने में कोझिकोड के AIYF राज्य संयुक्त सचिव एडवोकेट पी गवास के द्वारा FIR दर्ज कराई गई. चौधरी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 295A (अपमान की दुर्भावना रखने, किसी धर्म पर अपमानजनक टिप्पणी करके किसी समुदाय की भावनाएं भड़काने) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
गवास ने अपनी शिकायत की कॉपी ऑल्ट न्यूज़ के साथ शेयर की है जिसमें कहा गया है, “ज़ी न्यूज़ के मुखिया और प्रधान संपादक सुधीर चौधरी ने अपने कार्यक्रम में मुस्लिमों के द्वारा फैलाये गए अलग-अलग प्रकार के जिहाद के बारे में खबर दिखाई. उन्होंने भारतीय मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए एक डायग्राम का इस्तेमाल किया. उन्होंने अपने शो में ऐसे कमेंट किए जो धार्मिक नफरत और साम्प्रदायिक दंगे फैला सकते हैं.” शिकायत में 11 मार्च के शो ‘जिहाद के प्रकार’ का मलयालम अनुवाद भी जोड़ा गया है.
‘आइडिया चोरी जिहाद’
विडम्बना देखिए कि ज़ी न्यूज़ ने एक चालू फ़ेसबुक पेज के चार्ट की ‘साहित्यिक चोरी’ की है. न्यूज़लांड्री ने ‘बायकॉट हलाल इन इंडिया’ नाम के फेसबुक पेज के 5 साल पुरानी पोस्ट का पता लगाया. फ़ेसबुक पेज ने इस बात का विस्तृत वर्णन किया है कि कैसे ‘हलाल’ आर्थिक जिहाद का उदाहरण है.
Halal as economic jihad
“Full employment for Moslems …no others need apply”.
When existing food producing companies go…Posted by Boycott Halal In India on Friday, 31 July 2015
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह तस्वीर 1 अगस्त 2015 से भी पुरानी है, जब इसे ‘बॉयकॉट हलाल’ नाम के पेज से पोस्ट किया गया था. इस पर ‘सेकुलरिज़्म की टोपी’ नाम के फ़ेसबुक पेज का वॉटरमार्क है जो अब डिलीट हो चुका है. यह चार्ट sickular. com नाम के ब्लॉग पर भी 2015 में लगा मिला जो अल्पसंख्यकों के खिलाफ प्रोपगैंडा फैलाने का काम करता रहा है. यह तस्वीर विभिन्न फ़ेसबुक और ट्विटर यूजर्स द्वारा 2014 से ही इस्लामोफ़ोबिक बातों के साथ वायरल किया जा रहा है, जिस उद्देश्य से इसे बनाया गया था. नीचे भाजपा समर्थक पायल रोहतगी का ट्वीट है जो उन्होंने सितंबर 2019 में किया था.
Why did Mughals come to Bharatvarsh from Middle-east? They wanted to CONQUER, do #FORCEDCONVERSION 🙏 Simple but jokers like #ZainabSikander who are jobless, have NO logic in their brain want money to run their house so spread misinformation in disguise of #HistoryJihad 🙏 pic.twitter.com/HA9qhZIOV6
— PAYAL ROHATGI & Team- Bhagwan Ram Bhakts (@Payal_Rohatgi) September 9, 2019
यह चार्ट ज़ी न्यूज़ के न्यूज़रूम में बनने से पहले से वायरल हो रहा है, जैसा कि 1 मार्च 2020 के इस ट्वीट में देखा जा सकता है.
Forms of jihad pic.twitter.com/KvVRnuHi0k
— Twamevaaham…. (@Suryaevani) March 1, 2020
दिलचस्प ये है कि सुधीर चौधरी ने अपने कार्यक्रम DNA में ‘जिहाद चार्ट’ दिखाने से पहले पाकिस्तानी कनाडाई लेखक तारेक फतेह की बातचीत को भी जगह दे चुके हैं जो भारतीय मुसलमानों को अपनी झूठी जानकारी के इस्तेमाल से निशाना बनाते रहे हैं. फतेह को ज़ी न्यूज़ पर ‘इस्लाम के जानकर’ के रूप में पेश किया जाता रहा है.
‘जिहाद चार्ट’ से फैले असन्तोष के बाद सुधीर चौधरी अपने शो का बचाव करने के लिए आरोप-प्रत्यारोप में लग गए और विरोध करने वालों को ‘डिज़ायनर पत्रकार’ और ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’ कहने लगे.
जिहाद चार्ट के बचाव में चौधरी ने ‘गजवा ए हिन्द’ कॉन्सेप्ट की व्याख्या करने की कोशिश की जिसमें अमेरिका के विवादास्पद मुस्लिम विरोधी लेखक और ब्लॉगर रॉबर्ट स्पेंसर की किताब का अंश इस्तेमाल किया. यह पूरी व्याख्या करते समय चौधरी बार-बार यह कहते रहे कि उनका मकसद किसी सम्प्रदाय को निशाना बनाना नहीं है बल्कि उनका निशाना देश तोड़ने की कोशिश करने वालों पर है.
बता दें कि एक फ़र्ज़ी फेसबुक पेज के जिहाद चार्ट की चोरी करने वाले सुधीर चौधरी ने एक बार तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पर साहित्यिक चोरी का आरोप लगाया था. महुआ मोइत्रा पर साहित्यिक चोरी का आरोप न सिर्फ़ बेबुनियाद साबित हुआ बल्कि जिस शख्स की चोरी का आरोप लगा था उसने खुद सामने आकर महुआ पर लगे आरोप को झूठा करार दिया.
I’m internet famous in India because a politician is being falsely accused of plagiarizing me. It’s kind of funny, but right-wing assholes seem to be similar in every country.
— Martin Longman (@BooMan23) July 2, 2019
महुआ मोइत्रा ने सुधीर चौधरी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया था.
जिस समय देश की राजधानी घातक साम्प्रदायिक दंगों की चपेट में थी और 50 के करीब लोगों की मौत हो चुकी थी, ज़ी न्यूज़ ने पूरा एक प्रोग्राम ‘जिहाद के प्रकार’ पर चलाया. एक ऐसा शब्द जिसने मुस्लिम विरोधी भावनाओं को हवा दी. यह न केवल गैरज़िम्मेदाराना पत्रकारिता थी बल्कि इसके द्वारा जनता की भावनाओं का गलत इस्तेमाल किया गया जो उस समय उफ़ान पर थी. यह शो प्रोपगैंडा के ज़रिए भावनाओं के ध्रुवीकरण के प्रयास के अलावा और कुछ नहीं था. अब जब सुधीर चौधरी के ख़िलाफ़ FIR हो गई है तो वे विक्टिम कार्ड खेलते हुए इसे ‘सच बोलने की कीमत’ बता रहे हैं.
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