9 दिसंबर, 2022 को अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. इस ख़बर के बाद सोशल मीडिया पर कई सारे वीडियोज़ इस झड़प से जोड़कर शेयर किये जाने लगे. ऐसे ही एक वीडियो में चीन के एक सैनिक को घायल दिखाया गया है.
बीजेपी मुंबई अल्पसंख्यक मामले के अध्यक्ष वसीम आर खान ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “भारत हमेशा हिंसा के ख़िलाफ़ रहा है लेकिन कोई छेड़ेगा तो भारत उसे छोड़ेगा यह भी मुमकिन नही है”. (आर्काइव लिंक)
हमारे लगभग २० सैनिक घायल लेकिन भारतीय सेना ने २०० चीनी सैनिकों को दबा कर ठोका।
भारत हमेशा हिंसा के ख़िलाफ़ रहा है लेकिन कोई छेड़ेगा तो भारत उसे छोड़ेगा यह भी मुमकिन नही है। pic.twitter.com/UayrO4vmTz
— Wasim R Khan (@wasimkhan0730) December 12, 2022
हाल ही में उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी के बयान पर ऐक्ट्रेस ऋचा चड्ढा के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा हो गया था. इस संदर्भ में @isshuklaa नामक यूज़र ने ऋचा चड्ढा पर निशाना साधते हुए ये वीडियो ट्वीट किया. इस ट्वीट को 81 हज़ार व्यूज़ और लगभग 2 हज़ार बार रिट्वीट किया गया है. (आर्काइव लिंक)
कोई ऋचा चड्ढा तक पहुँचा दे उनके चीनी सैनिकों का हाल…! pic.twitter.com/KkOkdqyoLU
— पिंकू शुक्ला (@isshuklaa) December 12, 2022
यूज़र ‘@ImRohitDwi143’ ने हैशटैग #ArunachalPradesh के साथ ये वीडियो ट्वीट किया. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 34 हज़ार व्यूज़ मिले हैं. (आर्काइव)
Around 100 Chinese soldiers were injured, while the number of injured soldiers of the Indian Army is less than 30.
Today China must have understood in pure language
Bharat mata ki jai 🇮🇳💪
Proud of you #IndianArmy ❤️#ArunachalPradesh #Tawang pic.twitter.com/P2h2ozP9tm
— Rohit Dwivedi 🇮🇳 (@ImRohitDwi143) December 12, 2022
ये वीडियो फ़ेसबुक पर भी वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
वीडियो के एक फ़्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें द इंडिपेंडेंट का 26 फ़रवरी, 2021 का एक आर्टिकल मिला. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो का एक स्क्रीन ग्रैब शेयर किया गया है. रिपोर्ट का टाइटल है, “चीन और भारत सीमा पर तनाव कम करने के लिए उपायों की तलाश कर रहा है”. आर्टिकल में चीन और भारत के विदेश मंत्रियों द्वारा विवादित सीमा पर तनाव कम करने के लिए ज़्यादा कदम उठाने के बारे में बताया गया है. गौर करें कि भारत और चीन की सीमा पर 2020 की गर्मियों में खतरनाक झड़प हुई थी.
नीचे द इंडिपेंडेंट के आर्टिकल में शेयर की गई तस्वीर की तुलना वायरल वीडियो के एक फ़्रेम से की गई है. इससे साफ़ हो जाता है कि ये वीडियो इसी घटना का है.
इसी स्क्रीनग्रैब का इस्तेमाल स्काई न्यूज़ ने अपनी रिपोर्ट में भी किया है. इसका टाइटल है, “चीन ने पहली बार स्वीकार किया कि उसके चार सैनिक 2020 में भारत सीमा पर हुई झड़प में मारे गए.” 20 फ़रवरी 2021 की इस रिपोर्ट में भारतीय बलों के साथ पर्वतीय सीमा संघर्ष के सात महीने बाद चीन द्वारा पहली बार नुकसान स्वीकार करने की बात बताई गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी राज्य मीडिया ने बराबरी दिखाने के लिए एडिटेड फ़ुटेज भी दिखाई थी.
हमें यूट्यूब पर ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ का एक वीडियो मिला जिसका टाइटल था, “गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ चीन के खतरनाक 2020 सीमा संघर्ष का नया वीडियो”. ये वीडियो रिपोर्ट असल में गलवान घाटी में हुई झड़प के फ़ुटेज का संकलन है. यूट्यूब वीडियो में वायरल हिस्से को 1 मिनट 11 सेकेंड से देखा जा सकता है.
मनीकंट्रोल की ‘गलवान वैली क्लैश’ टाइटल वाली एक एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने इस खूनी झड़प के विज़ुअल्स जारी किए. वहीं वायरल वीडियो में दिख रहा घायल शख्स क्यू फबाओ है.
क्यू फबाओ को 2022 की शुरुआत में बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक में एक मशाल वाहक के रूप में चुना गया था. अमेरिकी सीनेट की विदेश संबंध समिति के जिम रिश ने इसकी निंदा की थी. जिम रिश के मुताबिक, चीन का मशाल वाहक के रूप में किसी ऐसे व्यक्ति को चुनने का निर्णय ‘शर्मनाक’ था जो 2020 में भारत पर हमला करने वाले और उइगरों के खिलाफ़ नरसंहार को लागू करने वाले सैन्य कमान का हिस्सा था.
कुल मिलाकर, 2021 में चीनी राज्य मीडिया द्वारा जारी की गई 2020 की गलवान घाटी झड़प की एक क्लिप, इस दावे के साथ शेयर की गई कि ये 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के विज़ुअल्स हैं.
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