कोलकाता में RG कर रेप और हत्या मामले में कथित आरोपी के रूप में जिन दो व्यक्तियों का नाम सोशल मीडिया पर सबसे ज़्यादा बार लिया गया है, वो हैं अर्शीन आलम और गोलाम आज़म. ये दोनों उसी अस्पताल में हाउस स्टाफ़ के रूप में काम करते हैं जहां 9 अगस्त को महिला पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी (पीजीटी) की लाश संदिग्ध हालत में मिली थी. ऑल्ट न्यूज़ की जांच से ये साबित हो गया है कि अपराध के समय अर्शीन आलम अपने घर पर था और घटना में उसकी भागीदारी के किसी भी सबूत के बिना ही उसका नाम लिया जा रहा था. इस आर्टिकल में हम गोलाम आज़म के बारे में बात करेंगे कि घटना की रात में वो कहां पर था.
राईटविंग X यूज़र हिंदुत्व नाइट (@HPhobiaWatch) ने अर्शीन और गोलाम की तस्वीरें ट्वीट करते हुए दावा किया कि बंगाल सरकार उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है. ये आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 22 लाख बार देखा गया और 7 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. इस दावे को राईटविंग कॉलमिस्ट मधु किश्वर ने आगे बढ़ाया, इस ट्वीट में एक लिस्ट शेयर की जिसमें अर्शीन और गोलाम के नाम शामिल थे. मधु किश्वर ने आरोप लगाया कि लिस्ट में शामिल सभी लोग फ़रार हो गए हैं. उन्होंने दावा किया कि उनके नाम “से ये पता चलता है” कि क्यों “उन्हें बचाने की पुरजोर कोशिश” की गई जा रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति (संजय रॉय, मुख्य आरोपी और मामले में गिरफ़्तार एकमात्र व्यक्ति का ज़िक्र करते हुए) को ‘फंसाया गया’ जिसने लाश के साथ रेप किया था.”
नोट करें कि मीडिया आउटलेट ABP लाइव ने एक रिपोर्ट में गोलाम आज़म के नाम का ज़िक्र किया है.
ट्विटर हैन्डल ‘@MrNationalistJJ’ ने तीन व्यक्तियों के सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल की तस्वीरें ट्वीट कीं जिनमें से एक गोलाम है. इस यूज़र का दावा है कि ये तीनों, (जिसे उसने ‘अपराधी’ बताया) ने देश छोड़ दिया है. (आर्काइव)
गोलाम का नाम कई सोशल मीडिया यूज़र्स ऐसे ही दावे के साथ शेयर कर रहे हैं. फ़ेसबुक पर वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फ़ोरम नामक एक ग्रुप में संदिग्ध के रूप में उसके नाम का ज़िक्र करते हुए एक पोस्ट पब्लिश की गई थी. (आर्काइव – 1, 2, 3, 4, 5, 6)
देखते ही देखते फ़ेसबुक पर ये दावे वायरल होने लग गए. आगे, फ़ेसबुक पर ऐसे ही आरोप वाली कुछ पोस्ट्स की 40 सेकंड की स्क्रीन रिकॉर्डिंग है.
ऑल्ट न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन
RG कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में MBBS पाठ्यक्रम में 2018 में प्रवेश करने वाले डॉ गोलाम आज़म ने अपनी एक साल की अनिवार्य इंटर्नशिप पूरी की और बाद में अर्शीन की तरह उसी अस्पताल के चेस्ट मेडिसिन विभाग में हाउस स्टाफ़ बना. कथित रेप और हत्या की रात वो ड्यूटी पर था.
जांच के दौरान, ऑल्ट न्यूज़ ने तीन गवाही दर्ज की: एक कोलकाता पुलिस के एक सोर्स से, दूसरा डॉक्टर से जो उस रात इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर थे, और तीसरा एक चेस्ट मेडिसिन विभाग के एक अन्य जूनियर डॉक्टर से.
इमरजेंसी वार्ड, इमरजेंसी बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर है, जबकि सेमिनार रूम (जहां लाश मिली थी) तीसरी मंजिल पर है.
नीचे, कोर्रोबोरेटिंग टेस्टीमोनिज का ग्राफ़िकल रिप्रजेंटेशन दिया गया है:
पहली गवाही: कोलकाता पुलिस
कोलकाता पुलिस के एक सोर्स ने CCTV फ़ुटेज की जांच के आधार पर ऑल्ट न्यूज़ को अपनी गवाही दी. उन्होंने हमें बताया, “उस दिन डॉ. गोलाम की ड्यूटी ग्राउंड फ्लोर पर थी. वो दो बार तीसरी मंजिल पर गया. पहली बार खाना खाने. उसने पीड़िता और अन्य लोगों के साथ रात का खाना खाया जो रात 12 से 1 बजे के बीच का वक्त था. फिर वो नीचे आ गया. फिर CCTV में साफ दिख रहा है कि वो सुबह करीब 3 बजे तीसरी मंजिल पर जा रहा है. वो एक कमरे में प्रवेश करते हुए दिखाई दे रहा है जहां कुछ परीक्षण किए जाते हैं. उसके बाद, वो कुछ कागजात के साथ बाहर आता है और सेमिनार रूम की तरफ जाता है और 5-6 मिनट के भीतर वापस आता है और ग्राउंड फ्लोर पर आ जाता है. लगभग 3 बजकर 15 मिनट पर, उसे अस्पताल से बाहर निकलते देखा गया और उसके बाद उस रात वो वापस नहीं आया. तीसरी मंजिल पर वो डॉ. *** (ऑल्ट न्यूज़ इस नाम को उजागर नहीं कर रहा है. लेकिन ये पीड़िता नहीं है.) को ढूंढने के लिए क्षण भर के लिए सेमिनार हॉल में झांकता है. फिर वो सुबह वापस आता है जब लोग उसे बताते हैं कि ऐसी घटना हुई है.”
मृत डॉक्टर के शव परीक्षण में मौत का वक्त सुबह 3 से 5 बजे के बीच बताया गया है. इसके अलावा, मुख्य आरोपी संजय रॉय को सुबह 4 बजे के आसपास अस्पताल की इमरजेंसी बिल्डिंग में प्रवेश करते और 40 मिनट बाद बिल्डिंग से बाहर निकलते हुए देखा गया.
बताए गए समय सीमा को ध्यान में रखते हुए, उपर दी गई गवाही से ये कुछ महत्वपूर्ण डिटेल्स सामने आयी हैं.
- सुबह करीब तीन बजे गोलाम आज़म तीसरी मंजिल पर गया.
- वो हाथ में कुछ कागजात लिए सेमिनार रूम में झांकते नज़र आ रहा है.
- वो 5-6 मिनट में वापस ग्राउंड फ्लोर पर आ जाता है.
- वो सुबह 3 बजकर 15 मिनट पर इमरजेंसी बिल्डिंग से निकल जाता है और अगली सुबह ही वापस आता है.
ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी जांच में पाया कि इमरजेंसी बिल्डिंग से निकलने के बाद गोलाम कैंपस के हॉस्टल में गया. कोलकाता पुलिस के सोर्स ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने हमें बताया कि उन्होंने हॉस्टल के बाहर लगे CCTV कैमरे के फ़ुटेज की भी जांच की है.
दूसरी गवाही: आपातकालीन वार्ड के डॉक्टर जो उस रात ड्यूटी पर थे
ऑल्ट न्यूज़ ने आपातकालीन वार्ड में एक डॉक्टर से बात की जो उसी दिन ड्यूटी पर थे. उनकी ड्यूटी का समय गोलाम के साथ ओवरलैप हो गए. उनके बयान के मुताबिक, गोलम की ड्यूटी का समय 8 अगस्त की रात 9 बजे शुरू हुआ.
इस डॉक्टर ने हमें बताया, “वो पीड़िता और अन्य सहकर्मियों के साथ रात का खाना खाने के लिए लगभग 1 बजे ऊपर गया था. बाद में उसने बताया कि अब कोई चेस्ट पेशन्ट नहीं है, इसलिए वो जा रहा है. मैंने उसे अपना बैग लेकर इमरजेंसी वार्ड से बाहर निकलते देखा. मैं भी उस वक्त इमरजेंसी वार्ड में था. मुझे उसके जाने का ठीक-ठीक समय याद नहीं है, लेकिन वो रात के 2 बजकर 30 मिनट के बाद का वक्त था. उस रात ER बहुत व्यस्त था, इसलिए मैंने समय नहीं देखा.
इस गवाही में सबसे महत्वपूर्ण डिटेल ये है कि गोलाम उस रात 2 बजकर 30 मिनट के कुछ समय बाद इमरजेंसी वार्ड से बाहर चला गया. इससे कोलकाता पुलिस की गवाही की पुष्टि होती है. हालांकि दूसरी गवाही में गोलाम के जाने का सटीक समय नहीं बताया गया है, उसने बताया कि गोलाम उससे इमरजेंसी में मिला था और उसे सूचित किया था कि वो जा रहा है क्योंकि “कोई और चेस्ट पेशन्ट मौजूद नहीं था.” इसके बाद वो अपना बैग लेकर चला गया.
ये ध्यान देने वाली बात है कि सामान्य परिस्थितियों में लोग आम तौर पर उन घटनाओं के सटीक समय का ध्यान नहीं रखते जो उस वक्त रेग्युलर लगती हैं.
तीसरी गवाही: चेस्ट मेडिसिन विभाग के डॉक्टर
ऑल्ट न्यूज़ ने RG कर अस्पताल के चेस्ट मेडिसिन विभाग के एक डॉक्टर से भी बात की जिसे उस रात से गोलाम के ठिकाने के बारे में जानकारी थी. उसने हमें बताया, ”घटना की रात गोलाम इमरजेंसी में ड्यूटी पर था. वो तीसरी मंजिल पर दो बार गया – पहली बार लगभग 1 बजे पीड़िता सहित सहकर्मियों के साथ डिनर करने के लिए और दूसरी बार सुबह 3 बजे लैब रिजल्ट के परिणाम लेने के लिए. बाद में वो चेस्ट विभाग में तैनात एक अन्य डॉक्टर को ढूंढने के लिए सेमिनार हॉल में गया, लेकिन डॉक्टर वहां नहीं था. इसके बजाय, गोलाम ने पीड़िता को हॉल में सोते हुए पाया. वो पांच मिनट के भीतर तीसरी मंजिल से निकल गया और इमरजेंसी वार्ड में लौट आया.”
ऑल्ट न्यूज़ ने गोलाम आज़म से सीधे बात करने की कई बार कोशिश की, लेकिन उसने बयान देने से मना कर दिया. हालांकि, हम ये साबित कर सकते हैं कि वो फरार नहीं है और जांच में सहयोग कर रहा है.
ये सभी सबूत कथित अपराध की रात 3 से 3 बजकर 15 मिनट के बीच इमरजेंसी बिल्डिंग में गोलाम आज़म की मौजूदगी को साबित करते हैं. सुबह 3 बजकर 15 मिनट पर वो बिल्डिंग से निकल जाता है और अगली सुबह तक वापस नहीं आता, कोलकाता पुलिस के सोर्स ने CCTV फ़ुटेज की जांच के बाद हमें इसकी पुष्टि की. मुख्य आरोपी को लगभग 4 बजे इमरजेंसी बिल्डिंग में प्रवेश करते और लगभग 4 बजकर 40 मिनट पर बाहर निकलते देखा गया है. कुल मिलाकर, इससे ये बात साबित होती है कि गोलाम आज़म उस रात RG कर अस्पताल में अपराध को अंज़ाम देने में शामिल नहीं हो सकता. उसका सोशल मीडिया ट्रायल, जैसा कि अक्सर होता है, किसी भी सबूत के आधार पर नहीं है.
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