हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस वजह से सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता चुनाव प्रचार, मीडिया को इंटरव्यू आदि देने में व्यस्त हैं. इसी क्रम में कांग्रेस सांसद कुमारी सेलजा पत्रकार अजीत अंजुम के यूट्यूब चैनल पर एक इंटरव्यू में बतौर गेस्ट मौजूद थीं. इस इंटरव्यू में एक जगह परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्याश से जुड़े वार्ता में उन्होंने भाजपा के वादों पर कटाक्ष करते हुए कहा, “आप उन उद्घाटनों को भी देख लीजिएगा कि कितना कंप्लीशन हुआ है. ये तो राम मंदिर तक को नहीं बख्शते, आधे मंदिर का उद्घाटन कर देते हैं और राम टपकता रहता है उसके बीच में से मानसून में… छोड़ दीजिए इन बातों को, इनकी बातें सब झूठी साबित हो चुकी है.” साक्षात्कार के इस हिस्से का वीडियो शेयर करते हुए, खासकर ‘राम टपकता है’ वाक्य का उल्लेख करते हुए कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी के नेता ने अभद्र भाषा का प्रयोग कर हिन्दू देवता राम का अपमान किया है.

हरियाणा बीजेपी के एक्स हैन्डल से ये वीडियो शेयर करते हुए इसे राम के प्रति कांग्रेस की नफरत बताया गया. इस पोस्ट में लिखा है, “कांग्रेस ने हमेशा प्रभु श्रीराम जी का अपमान किया है, श्रीराम जी के प्रति ऐसी भाषा न सिर्फ सनातन धर्म का अपमान है बल्कि सभी श्रीराम भक्तों का अपमान है।” (आर्काइव लिंक)

भाजपा प्रवक्ता अनुजा कपूर ने वीडियो शेयर करते हुए ‘राम टपकता रहता है’ वाक्य पर आपत्ति दर्ज की और लिखा कि ये कैसी भाषा है? कांग्रेस पार्टी ने भगवान राम का अपमान किया है.

भाजपा समर्थक अमित कुमार सिन्धी ने वीडियो शेयर करते हुए इसे घटिया भाषा बताया.

इसी प्रकार अक्सर ग़लत जानकारी फैलाते हुए पाए जाने वाले पॉलिटिकल कीड़ा, जितेंद्र प्रताप सिंह, ओशन जैन जैसे भाजपा समर्थक अकाउंट्स ने भी वीडियो शेयर करते हुए कांग्रेस नेता कुमारी सेलजा के भाषा पर सवाल खड़ा कियाऔर इसे राम को लेकर घटिया और अभद्र टिपण्णी बताया.

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फ़ैक्ट-चेक

दरअसल, हरियाणवी आम बोलचाल की भाषा में ‘राम टपकना’ का अर्थ होता है बारिश की बूंद टपकना. वीडियो में कुमारी सेलजा जिस बात का ज़िक्र कर रही थीं ये उस संदर्भ से भी बिल्कुल मेल खाता है, चूंकि राम मंदिर के उद्घाटन के कुछ दिनों बाद खबरेंआई थी कि बारिश के बाद मंदिर की छत से पानी टपक रहा था. कई यूज़र्स ने भी वायरल ट्वीट्स के कमेन्ट में इस बात का ज़िक्र किया है कि हरियाणवी भाषा में ‘राम टपकना’ का तात्पर्य बारिश की बूंदों से है.

हमें हरियाणा से कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा का एक वीडियो बयान मिला. इसे 15 जनवरी 2024 को ANI ने पब्लिश किया था. मकर संक्राति के अवसर पर वो दर्शन के लिए अयोध्या के राम मन्दिर गए थे. इस वीडियो में उन्हें ये कहते हुए सुना जा सकता है, “मैं जहां, जिस क्षेत्र से आता हूँ, उस क्षेत्र में तो दिन की शुरुआत भी राम-राम करके करते हैं, उस क्षेत्र में तो जब बारिश होती है, वर्षा होती है तो कहते हैं राम बरस गया.” इसका मतलब यह है कि यहां दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने ‘राम बरसने’ का अर्थ बारिश बताया है. यह कोई अपमानजनक या अभद्र भाषा नहीं है बल्कि हिन्दू देवता राम के प्रति एक सामान्य क्षेत्रीय और सम्मानजनक भाषा है.

की-वर्डस सर्च से हमें एक फ़ेसबुक पोस्ट मिला जिसमें बताया गया है कि हरियाणा में राम शब्द का इस्तेमाल कई मायनों में किया जाता है. 2023 के इस पोस्ट में ये बताया गया है कि हरियाणा में बारिश को राम कहते हैं. जब बरसात होती है तो हरियाणा में कहते हैं कि राम आया था, बहोत राम बरसा भाई.

कुल मिलाकर, कई भाजपा नेताओं और समर्थकों ने हरियाणा में बोली जाने वाली आम बोलचाल की भाषा को ग़लत संदर्भ में पेश करते हुए इसे राम का अपमान बताया. जबकि असल में हरियाणवी भाषा में ‘राम टपकना’ का तात्पर्य बारिश की बूंदों से होता है.

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