एक महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें उसे तेज़ संगीत पर डांस करते हुए देखा जा सकता है. डांसर के पीछे मंच पर, ‘जस्टिस फॉर RG कर’ के पोस्टर देखे जा सकते हैं. क्लिप को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि ये कोलकाता के सरकारी अस्पताल में रेप और हत्या के खिलाफ भाजपा द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन का है.
9 अगस्त को जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और उसकी हत्या के बाद से कोलकाता, बंगाल और उसके बाहर अलग-अलग सामाजिक और राजनीतिक ग्रुप्स और नागरिक संस्थानों ने सरकार से जवाबदेही और अपराधियों को जल्द सजा देने की मांग को लेकर विरोध, मार्च और प्रदर्शन आयोजित किए हैं. ये वीडियो उसी संदर्भ में शेयर किया जा रहा है. यूज़र्स ने बीजेपी की आलोचना की है और इस घटना को ‘शर्मनाक’, ‘परेशान करने वाला’, और ‘घृणित’ बताया है.
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने एक्स (ट्विटर) पर लिखा, “घृणित! ये कथित तौर पर बंगाल में भाजपा द्वारा आयोजित “RG कर के लिए विरोध प्रदर्शन” का है. क्या यही भाजपा का “महिलाओं का सम्मान” करने का विचार है? खौफनाक भाजपाई महिला द्वेषियों ने पीड़िता या किसी भी महिला की कोई चिंता न करते हुए एक राजनीतिक एजेंडे के लिए एक विरोध प्रदर्शन को हाईजैक कर लिया.”
𝐒𝐢𝐜𝐤𝐞𝐧𝐢𝐧𝐠!
This is allegedly from a “protest for RG Kar” organized by BJP in Bengal.
Is THIS BJP’s idea of “respecting women”?
Creepy BJP misogynists hijacked a protest for political agendas with ZERO concern for the victim or any woman. pic.twitter.com/Pb8NTEJHfe
— Saket Gokhale MP (@SaketGokhale) August 26, 2024
भाविका कपूर नामक एक अन्य एक्स यूज़र ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “बीजेपी अपने अनोखे अंदाज़ में विरोध कर सकती है. यहां बीजेपी के लोग RG कर मामले के खिलाफ पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.” बैकग्राउंड में दिख रहे बैनरों पर लिखा है, “वी वांट जस्टिस (हमें न्याय चाहिए), प्रोटेस्ट हिंदुत्ववादी स्टाइल, (हिंदुत्ववादी शैली में विरोध करें).”
BJP can protest in its’ own unique style 👌🏼
Here BJP guys are protesting in West Bengal against RG Kar case.
Background banners say “we want justice”Protest hindutvavadi style 🚩😑 pic.twitter.com/3Wd5kkkv8k
— Bhavika Kapoor (@BhavikaKapoor5) August 26, 2024
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने इस ट्वीट को कोट-ट्वीट करते हुए इसे आगे बढ़ाया.
वीडियो शेयर करने वाले और भाजपा की आलोचना करने वाले अन्य लोगों में लेखक अशोक कुमार पांडे (@Ashok_Kashmir), तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता रिजु दत्ता (@DrRijuDutta_TMC), बंगाल तृणमूल के युवा सचिव सयान देब चटर्जी (@SAYANDEBCHATT), তন্ময় l T͞anmoy ( @tanmoyofc) और कई अन्य शामिल हैं.
इस वीडियो को फ़ेसबुक पर भी यूज़र्स ने बीजेपी से जोड़कर शेयर किया.
इंडिया टुडे ने वीडियो पर एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसमें बताया गया कि भाजपा ने कार्यक्रम से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है.
फ़ैक्ट-चेक
ध्यान से देखने पर हमने मंच के पीछे दीवार पर एक बैनर दिखा. इस पर बंगाली में ‘मेला’ या फ़ेयर शब्द लिखा था. हमने ये भी देखा कि कई यूज़र्स ने इस सोशल मीडिया पोस्ट पर कमेंट करते हुए कहा था कि ये एक गांव का मेला था. मंच से थोड़ी दूरी पर एक फ़ेरिस व्हील और अलग-अलग चमकीले रंगों की रोशनियां देखी जा सकती हैं, जिससे पता चलता है कि ये वाकई एक मेले का मैदान है.
ज़्यादा जानकारी के लिए, हमने फ़ेसबुक पर कीवर्ड सर्च किया. हमें पिजुष भौमिक नामक एक यूज़र की पोस्ट मिली जिसने वायरल दावों के जवान में सिर्फ इतना ही लिखा था कि वीडियो की ग़लत व्याख्या की जा रही है. अपने फ़ेसबुक पोस्ट में पिजुष भौमिक ने देबस्तुति देबनाथ नामक एक डांस टीचर की एक और पोस्ट शेयर की.
ऑल्ट न्यूज़ ने पिजुष भौमिक से फ़ोन पर संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि ये वीडियो बीजेपी के विरोध प्रदर्शन का नहीं बल्कि एक गांव के मेले का है और वो इसके एक आयोजक सदस्य हैं. बंगाल के नदिया ज़िले के नबद्वीप थाना क्षेत्र में पड़ने वाले चार ब्रह्मानगर में हर साल मां मनसा पूजा के दौरान सेवक समिति नामक एक स्थानीय क्लब द्वारा मेले का आयोजन किया जाता है. ये क्षेत्र नवद्वीप ब्लॉक के सीएमसीबी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है. पंचायत पर वर्तमान में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का कब्ज़ा है.
मनसा सांपों के हिंदू लोक देवता हैं. श्रावण के महीने में उनकी पूजा मुख्य रूप से बंगाल और ओडिशा और आंध्र प्रदेश में महिलाओं द्वारा की जाती है. मनसा पूजा के दौरान अगस्त के महीने में बंगाल के कई हिस्सों में ग्रामीण मेलों का आयोजन किया जाता है.
पिजुष भौमिक ने आगे कहा, ‘मेले की तारीखें तय हो गई हैं. ये मां मनसा पूजा के दौरान आयोजित किया जाता है, जो इस साल 17 अगस्त को थी. इस बार, हमने निर्णय लिया कि हमें मेले का इस्तेमाल RG कर घटना के विरोध में अपना मैसेज फ़ैलाने के लिए करना चाहिए. इसलिए मंच पर पोस्टर चिपकाए गए. मेला 17 से 22 अगस्त तक आयोजित किया गया था. जो डांस का वीडियो वायरल हुआ है वो 19 अगस्त को आयोजित किया गया था.”
उन्होंने कहा, “मेले में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है. और ये किसी पार्टी द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन नहीं है. मेले में बड़ी संख्या में लोग और स्थानीय व्यापारी आते हैं. RG कर अस्पताल में जो हुआ उससे हम भी परेशान हैं और इसलिए हमने सोचा कि मेले के माध्यम से न्याय की हमारी मांग को बढ़ाना उचित होगा.”
उन्होंने हमारे साथ मंच की एक तस्वीर भी शेयर की जहां बैनर साफ़ तौर पर देखा जा सकता है:
इसमें लिखा है, “जय मां मनसा. गंगा तट पर माँ मनसा और बेहुला-लखिंदर मेला. तिथि: 31 श्रावण से पांच दिन. स्थान: चार ब्रह्मनगर सेवक समिति मैदान और गंगा नदी तट. सेवक समिति द्वारा आयोजित.” बैनर में हिन्दू देवी की तस्वीर भी है.
बेहुला और लखिंदर मनसा मंगल काव्य के नायक हैं, जो 14वीं शताब्दी में कई कवियों द्वारा बंगाली में एक लंबी कथात्मक कविता है. ये अब लोककथाओं का हिस्सा बन गई है. कविता मनसा देवता के पंथ की शुरुआत का वर्णन करती है.
पिजुष भौमिक ने हमारे साथ मंच का एक वाइड-एंगल शॉट भी शेयर किया. मंच पर या उसके आसपास कहीं भी बीजेपी का झंडा नहीं दिखा.
हमने पिछले साल 17 से 21 अगस्त तक आयोजित मेले की तस्वीरें भी देखीं, जहां उसी बैनर का इस्तेमाल किया गया था. इससे ये साबित होता है कि ये इस साल किसी हालिया घटना के विरोध में आयोजित किया गया कार्यक्रम नहीं है. नीचे गैलरी में फ़ोटो को उनके मेटाडेटा के साथ देखा जा सकता है. इन्हें 19 और 21 अगस्त, 2023 को क्लिक किया गया था.
पिजुष भौमिक ने जो फ़ेसबुक पोस्ट शेयर की उसमें देबस्तुति देबनाथ नामक एक डांस टीचर, मेले के आयोजकों को प्रदर्शन के लिए आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद दे रहे थे. अटैच वीडियो में डांस मंडली की एक लड़की उसी मंच पर खड़ी होकर कहती है, “…हमें खुशी है कि ये पोस्टर लगाए गए हैं.. हमें इस भयानक अपराध के खिलाफ बोलना होगा.. हर कोई इसका विरोध कर रहा है. ये लड़ाई सिर्फ पीड़िता की नहीं है…” पीड़िता के सम्मान में ग्रुप ने एक मिनट का मौन भी रखा.
हमने डांस टीचर से बात की. उन्होंने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “हम इस कार्यक्रम में कम से कम 6 सालों से प्रदर्शन कर रहे हैं. मैंने मेले में कभी कोई राजनीतिक भागीदारी नहीं देखी. मैं पुष्टि कर सकती हूं कि ये कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है.”
आयोजन समिति के एक अन्य सदस्य राहुल साहा ने हमें बताया, “मेला 15-16 सालों से आयोजित किया जा रहा है. इसमें कोई राजनीतिक दल शामिल नहीं है. ये मुख्य रूप से स्थानीय महिलाओं को आकर्षित करता है. हमारे गांव से भी कई लड़कियां पढ़ाई या काम के लिए बाहर जाती हैं. इसलिए, ये निर्णय लिया गया कि हमें एक मैसेज भेजना चाहिए. हमने RG कर अस्पताल में मारे गए डॉक्टर के सम्मान में एक दिन 15 मिनट के लिए सभी लाइटें बंद कर दीं.
हमने मेला मैदान का एक और वीडियो देखा जिसमें देखा जा सकता है कि लोग मंच पर डांस देख रहे हैं कोई विरोध नहीं हो रहा है.
कुल मिलाकर, तृणमूल कांग्रेस से जुड़े कई सोशल मीडिया हैंडल ने बंगाल के नबद्वीप के एक गांव के मेले का वीडियो शेयर किया और ये ग़लत दावा किया कि ये RG कर घटना के खिलाफ भाजपा द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन का दृश्य है.
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