मथुरा रेलवे स्टेशन से 24 अगस्त, 2022 को 4 महीने के एक बच्चे को अगवा कर रहे एक शख्स का वीडियो वायरल हुआ था. इस घटना के बाद कई जगहों पर बच्चा चोरी की अफ़वाहों की वजह से लोगों ने साधुओं और बाबाओं पर हमला कर दिया. हाल ही में ऑल्ट न्यूज़ ने एक वीडियो की पड़ताल की थी जिसके साथ ग़लत दावा किया जा रहा था कि साधू के भेष में बच्चा चोरों को गांववालों ने पीट दिया.

एक वीडियो व्हाट्सऐप पर शेयर किया जा रहा है जिसमें एक पुलिसकर्मी को कैमरा पर बोलते हुए देखा जा सकता है. वीडियो में ‘बच्चा चोरी की अफवाहों’ के बारे में चेतावनी दी जा रही है. बैकग्राउंड में लोगों से अंग व्यापार गिरोह के 500 बच्चा चोरों से सावधान रहने के लिए कहा जा रहा है. और ये चेतावनी गोरखपुर के SP डॉ. कौस्तुब के हवाले से देने की बात कही गयी है.

बैकग्राउंड में एक शख्स कह रहा है, “लोगों से अनुरोध है कि किसी भी अजनबी जैसे कबाड़ी वाला, फेरीवाल या बाबा या कोई भिखारी कोई भी हो, उसके लिए दरवाजा ना खोलें ना ही कोई बात करें. बस हल्ला करके भगा दें. गलती से भी यह शब्द ना कहें कि घर में कोई भी नहीं है बाद में आना या चले जाओ. घर में अगर कोई कुत्ता है तो उसे खोल दें उसी टाइम और मैन गेट को ना खोलें. अपना और अपने बच्चों का ध्यान रखिये. सतर्क रहें सुरक्षित रहें. आज बरगदवा से ख़बर मिली है कि भिखारी के वेश में 500 लोग निकले हैं, जो रास्ते में मिलता है उसका कलेजा काट देते हैं और किडनी निकाल देते हैं. जिसमें से 6-7 लोग पकड़े गए हैं वही लोगों ने कड़ी पूछताछ के बाद 500 लोगों के आने की बात कुबूल की है. इसलिए हमारे भाइयों, मैसेज को आपके जितने परिवार और मेंबर हैं, कृपया सावधान रहें. 15 से 20 लोगों की टोली आयी है. उनके साथ बच्चे और महिला भी है उनके पास हथियार भी है और आधी रात को किसी भी वक़्त आते हैं और बच्चे के रोने की आवाज़ आती है. कृपया दरवाजा ना खोलें और प्लीज़ ज़्यादा से ज़्यादा ग्रुप में शेयर करें. पूरे एरिया में 2 से 3 दिन के अंदर फैल जाना चाहिए. अपनी सुरक्षा अपने हाथ सावधान रहें. जनहित में जारी गोरखपुर पुलिस. जबकि इस संबंध में गोरखपुर न्यूज़ से बात करते हुए SP(शहर) डॉ. कौस्तुब ने कहा”.

2019 से वायरल

सितम्बर 2019 में ऑल्ट न्यूज़ को इस वीडियो की पड़ताल करने के लिए कई रिक्वेस्ट मिलीं.

झूठा संदेश

वीडियो को गौर से देखने पर ये पता चलता है कि दावे में कोई सच्चाई नहीं है. बेकग्राउंड में सुनाई दे रही आवाज़ स्क्रीन के नीचे दिख रही ख़बरों से नहीं मिल रही है. नीचे स्क्रीन पर लिखा है, “सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज को SP सिटी डॉ.कौस्तुभ ने बताया ‘फ़र्ज़ी’. कहा, “कहीं नहीं है कोई ऐसी बात, दिखे कोई संदिग्ध तो पुलिस को करें सूचित, अपने माध्यम से ना करें कोई कार्यवाही.”

असली वीडियो को क्लिप कर शेयर किया गया

असली वीडियो को गोरखपुर पुलिस ने 25 अगस्त को अपलोड किया था. वीडियो के पहले हिस्से में ऐंकर गोरखपुर पुलिस के बयान का विस्तृत वर्णन करता है. ऐंकर दर्शकों को बताता है कि SP कौस्तुभ ने सोशल मीडिया पर वायरल मेसेज को ‘फ़र्ज़ी’ करार दिया है.

वीडियो के दूसरे हिस्से में ऐंकर सोशल मीडिया में वायरल टेक्स्ट पढ़ता है. इसी हिस्से को क्लिप कर सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है.

1 मिनट 49 सेकंड के बाद SP को इन अफवाहों को ख़ारिज करते हुए देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि बच्चा चोरी अफवाहों वाले संदेश झूठे है और गोरखपुर से ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है. उन्होने बताया कि गोरखपुर पुलिस के हवाले से ये मेसेज सोशल मीडिया पर वायरल है लेकिन पुलिस ने ऐसी कोई चेतावनी जारी नहीं की है.

गोरखपुर न्यूज़ के प्रसारण में SP का बयान के अलावा दो वीडियोज़ एक साथ चल रहे हैं.

मानसिक रूप से बीमार इन दोनों व्यक्तियों को बच्चा चोरी की अफवाह के चलते भीड़ ने प्रताड़ित किया था. SP के बैकग्राउंड में यही वीडियोज़ चलाये गए हैं.

महिला का वीडियो

पहले फ़्रेम में दिख रही महिला को यूपी के झांसी ज़िले के डिमरौनी गांव में भीड़ ने बंधक बना लिया था. ऑल्ट न्यूज़ ने बडागांव पुलिस स्टेशन से संपर्क किया था. हमें मालूम चला था कि महिला मानसिक रूप से बीमार थी. गांववालों ने उसे गलती से बच्चा चोर समझ लिया था. SI आरके पांडे ने बताया था कि, “हमने हाल में किसी भी बच्चा चोर को गिरफ़्तार नहीं किया है”.

महिला जैसे कपड़े पहने हुआ व्यक्ति

दूसरे फ़्रेम की घटना भी उत्तर प्रदेश के झांसी में हुई थी. ऑल्ट न्यूज़ ने मौरानीपुर पुलिस स्टेशन से संपर्क किया और हमें बताया गया कि व्यक्ति बच्चा चोर नहीं था. वह मानसिक रूप से बीमार था जिसे बच्चा चोरी के संदेह में पीटा गया था. पुलिस ने हमें उस समय बताया था, “ये घटना कम-से-कम 10-15 दिन पुरानी है. इस लड़के का नाम पुष्पेंन्द्र सिंह है, और इनके पिता का नाम गजेंद्र सिंह है. ये मध्य प्रदेश के गुना में रूठियाई गांव का है और ग्वालियर में अपनी मानसिक बीमारी का इलाज करवाने आया था. ये स्टेशन के पास अपना रास्ता भूल गया और घूमते हुए कह मऊरानीपुर के खिलारा में पहुंच गया जहां स्थानीय लोगों ने उन्हें बच्चा चोर के संदेह में प्रताड़ित किया”.

पुलिस ने हमें बताया कि उन्हें जांच में युवक के मानसिक बीमारी का पता चला है. उनके माता-पिता, जो अपने बेटे की तलाश कर रहे थे, उन्हें मध्यप्रदेश से मऊरानीपुर बुलाया गया. युवक के माता पिता ने बताया कि उनका बेटा इंजीनियरिंग का छात्र हुआ करता था.

एक ही जैसे मेसेज भ्रामक वीडियो शेयर करने के लिए इस्तेमाल किया गया

1. गोरखपुर न्यूज़ ऐंकर द्वारा पढ़ा जा रहा संदेश पिछले दो महीने से सोशल से सोशल मीडिया पर वायरल है. इसे एक अन्य बाप-बेटे के वीडियो को कहानी के साथ शेयर की गई कि उनके बेटे को बच्चा चोर ने अगवा करने की कोशिश की है. पुलिस ने इससे संबधित कोई केस दर्ज नहीं की है क्योंकि दोनों की कहानी सच नहीं मालूम होती है.

शेयर हो रहा मेसेज

“किसी भी अजनबी जैसे कबाड़ी वाला फेरी वाला बाबा या कोई भिखारी कोई भी हो उसके लिए दरवाज़ा ना खोले ना ही कोई बात करे बस हल्ला करके भगा दें। ग़लती से भी ये शब्द ना कहे। “अभी घर में कोई नही है बाद में आना या चले जाओ “ घर में अगर कुत्ता है तो उसे खोल दो उसी टाइम और मेन गेट मत खोलो। अपना और अपने बच्चे का ध्यान रखिए । सतर्क रहें। सुरक्षित रहें । Larankello से आज खबर मिली है की भिखारी के बेस में पांच सौ लोग निकले है जो रास्ते में जो मिलता है उसको काटकर कलेजे अौर कीडनी निकाल रहे है जिसमे से छः सात लोग पकड़े गाए है .जो पकडे़ गए हैं वही लोग को कडी़ पुछताच के बाद पांच सौ लोग आने की बात कबुल की है इसलिए हमारे भाईयों मेसेज को आपके जितने परिवार और मेंबर है सबको फाॅरवर्ड कीजिए: कृप्या सावधान रहे 15 से 20 लोगों की टोली आई है उनके साथ बच्चे और महीलांए हैं और उनके पास हथियार भी हैं और और आधी रात को किसी भी वक्त आते हैं और बच्चे के रोने की आवाज आती है कृपया दरवाजा ना खोले प्लीज ज्यादा से ज्यादा ग्रुप में से शेयर करें पूरे एरिया में 2 से 3 दिन के अंदर फेल जाना चाहिए। अपनी सूरक्षा अपने हाथ, सावधान रहे, जनहित मे जारी.”

शब्द ‘लारेनकेलो’ को उत्तर प्रदेश के ‘बरगदवा’ से बदल दिया गया, लारेनकेलो हिमाचल प्रदेश में है.

2. समान संदेश को ‘लारेनकेलो’ के शब्द के साथ एक अन्य वीडियो भी शेयर किया गया, जिसमें मध्यप्रदेश में एक मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को स्थानीय लोगों द्वारा प्रताड़ित किया गया था.

कम-से-कम 15 व्यक्तियों पर पूरे दश भर में बच्चा चोरी की झूठी अफवाहों के कारण हमला किया गया. सोशल मिडिया यूज़र्स से अनुरोध है कि झूठी अफवाहों को प्रसारित कर इसे आगे ना बढ़ाएं. नीचे दिए गए वीडियो में सबसे ज़्यादा वायरल 15 मामलों की ऑल्ट न्यूज़ ने पड़ताल की थी.

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.