इसकी अनुमती कैसे दी गई @HMOIndia? तिरुपति बोर्ड से सुधा मूर्ति ने इस्तीफा दे दिया। जगन ने अपने मामा यहोवा विंसेंट रेड्डी (वाई.वी.सुब्बा रेड्डी)- एक कट्टर ईसाई प्रचारक को तिरुपति तुमाल बालाजी मंदिर, सबसे अमीर हिन्दू मंदिर का अध्यक्ष बना दिया, जो कि आंध्रप्रदेश में ज़्यादा से ज़्यादा चर्च बनाने के लिए काम करते है। -(अनुवाद)
इस उपरोक्त संदेश को मधु किश्वर ने ट्वीट किया है, जो पहले भी कई गलत जानकारियां साझा कर चुकी हैं। किश्वर ने आरोप लगाया है कि आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने अपने मामा जिनपर “कट्टर ईसाई प्रचारक” होने का आरोप है, उन्हें तिरुमाला तिरुपति मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में लेखक और इन्फोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष सुधा मूर्ति कि जगह नियुक्त किया है। किश्वर ने अपने ट्वीट में यह दावा किया है कि वाई.वी.सुब्बा रेड्डी का पूरा नाम यहोवा विंसेंट रेड्डी है। सुब्बा रेड्डी को हाल ही में इस पद के लिए नियुक्त किया गया है।
How can this be allowed @HMOIndia? Sudha Murthy resigns from Thirupathi board. Jagan appoints his uncle YEHOVA VINCENT Subbareddy( YV SUBBARADDY) -a staunch Evangelist as chairman of TIRUPATI TUMALA BALAJI TEMPLE, richest Hindu shrine
He works to spread more CHURCHES in Andhra.— MadhuPurnima Kishwar (@madhukishwar) June 11, 2019
उनके 11 जून को पोस्ट किये गए इस ट्वीट को करीब 6000 बार रीट्वीट किया गया और 8400 से ज्यादा बार लाइक किया गया है। इससे पहले, इसी दावे को रितु राठौर नाम की एक उपयोगकर्ता ने भी ट्वीट किया था, जिन्हें निर्मला सीतारमण के ऑफिस और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा फॉलो किया जाता है।
So if sources are to be believed @ysjagan the newly appointed christian CM Of Andhra has made his maternal uncle a devout christian chairman of richest Hindu Temple Trust TTD
Hail Indian Secularism which allows governments to control & destroy Hindu Temples!@PMOIndia @HMOIndia— Ritu (सत्यसाधक) #EqualRightsToHindus (@RituRathaur) June 5, 2019
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) आंध्र प्रदेश के तिरुमाला में तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर के प्रबंधन के लिए बनाया गया एक स्वतंत्र ट्रस्ट है।
Recently supreme court had commented that Hindu temples should be managed by Hindus only
Then how @ysjagan is appointing Xtian (Reddy is fakery) Subba Reddy as Chairman of TTD Board? @svbadri @csranga @Swamy39 @Ish_Bhandari @arvindneela @MRVChennai
What’s your comment? pic.twitter.com/GDRKvNDlkn
— Shakuntala Iyer (@shakkuiyer) June 6, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्विटर पर उपरोक्त उपयोगकर्ता को फॉलो करते है।
Y.V का मतलब यारम वेंकट है
Y.V सुब्बा रेड्डी का पूरा नाम यारम वेंकट सुब्बा रेड्डी है ना कि यहोवा विंसेंट सुब्बा रेड्डी, जैसा कि मधु किश्वर ने अपने ट्वीट में दावा किया है। इसकी पुष्टि खुद सुब्बा रेड्डी ने की है, जिन्होंने मधु किश्वर के ट्वीट का जवाब देते हुए एक ट्वीट को रीट्वीट किया है, जिसके साथ उनके चुनावी हलफनामे की कॉपी भी जुड़ी हुई है।
अपने बचाव में, सुब्बा रेड्डी ने एक लेख के स्क्रीनशॉट को भी ट्वीट किया है, जिसमें उन्हें यह कहते हुए दिखाया गया है कि वह जन्म से ही हिंदू हैं।
— Y V Subba Reddy (@yvsubbareddymp) June 12, 2019
इसके अलावा, आंध्रप्रदेश पुलिस को उनके खिलाफ सख्त रुख अपनाने को कहा गया है जो वाई.वी सुब्बा रेड्डी के खिलाफ झूठी अफवाहें फैला रहे हैं।
दिलचस्प बात तो यह है कि उनकी इस बात की पुष्टि से पहले ही वाई वी सुब्बा रेड्डी की नियुक्ति के बारे में अफवाहें फैलाई गई थीं, उनके विकिपीडिया पेज पर भी आक्रमक रूप से बदलाव किया गया, जिसमें यह बताया गया कि वे ‘एक परिवर्तित ईसाई ’हैं। उनके पेज पर के लगातार बदलाव करने से पेज को बाद में प्रतिबंधित कर दिया गया। प्रतिबंधित करने के पहले, पेज में करीब 200 से ज़्यादा बार बदलाव किया गया था।
सुधा मूर्ति का स्पष्टीकरण
लेखक और इन्फोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष, सुधा मूर्ति ने खुद यह स्पष्ट किया है कि TTD के बोर्ड से उनका इस्तीफा राजनीतिक नहीं था।
द न्यूज़ मिनट के साथ की बातचीत में सुधा मूर्ति ने कहा कि,”हमे पिछली सरकार द्वारा नियुक्त किया गया था और बिना किसी निमंत्रण के इसे जारी रखना सही नहीं होगा। मेरा निर्णय राजनीतिक नहीं है, यह सिर्फ एक उचित निर्णय था”। उन्होंने आगे बताया कि,”मेरे इस्तीफे का इससे कोई लेना-देना नहीं है कि कौन TTD का नया अध्यक्ष बनेगा। अगर नई सरकार मुझे आमंत्रित करती है तो मैं ज़रूर शामिल हो जाऊंगी “।-(अनुवाद)
अंत में, यह दावा कि वाई वी सुब्बा रेड्डी का पूरा नाम यहोवा विंसेंट सुब्बा रेड्डी है, गलत है। यह आशय लगाना कि सुधा मूर्ति को अध्यक्ष पद से हटाने का मकसद एक ईसाई को मंदिर के ट्रस्ट में लाना था, यह भी गलत है।
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