सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश राज्य को 3 भागों में बांटने का दावा काफ़ी शेयर किया जा रहा है. इसके साथ 3 अलग प्रदेशों के नाम और उनमें शामिल शहरों की एक लिस्ट भी शेयर की जा रही है. लिस्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदश अब से उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड और पूर्वांचल ऐसे 3 भागों में विभाजित होगा. ट्विटर हैन्डल ‘फर्स्ट इंडिया न्यूज़ राजस्थान’ ने 11 जून 2021 को ये दावा ट्वीट किया है.
भाजपा आलाकमान का एक नया विचार !
उत्तर प्रदेश को दो या तीन हिस्सों में बांटने पर विचार,पूर्वांचल को एक अलग राज्य बनाने पर हो रहा मंथन,विधानसभा चुनाव से पहले विभाजन पर मंथन,आज हुई मोदी और योगी की मीटिंग में इस मुद्दे…@BJP4India @BJP4UP @myogiadityanath @narendramodi @AmitShah pic.twitter.com/8FN2PFtUJO
— First India News Rajasthan (@1stIndiaNews) June 11, 2021
और भी कई यूज़र्स ने फ़ेसबुक पर ये दावा पोस्ट किया है. व्हाट्सऐप पर भी ये दावा शेयर किया जा रहा है.
साल 2019 में भी शेयर किया गया था ये दावा
“Breaking : लखनऊ : तीन राज्यो में बटेगा उत्तर प्रदेश,तीन राज्य में बनेगा- उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड व पूर्वांचल – सूत्र #Up” – इस मेसेज के साथ सोशल मीडिया में ये दावा वायरल है. दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश तीन राज्यों में बंटेगा. एक होगा उत्तर प्रदेश जिसकी राजधानी लखनऊ होगी. दूसरा राज्य बनेगा बुंदेलखंड, जिसकी राजधानी प्रयागराज होगी. तीसरा राज्य होगा पूर्वांचल और इसकी राजधानी गोरखपुर होगी.
सुरज विश्वकर्मा नामक एक यूज़र ने ये दावा ट्वीट किया है. ट्विटर बायो के मुताबिक, वो एक पत्रकार है.
ये दावा ट्विटर और फ़ेसबुक पर वायरल है. इस तस्वीर को फ़ेसबुक पेज सहारनपुर न्यूज़ ने भी शेयर किया है.
ये दावा क्राइम जर्नालिस्ट नाम के वेब पोर्टल ने भी शेयर किया है.
2011 का प्रस्ताव, केंद्र द्वारा किया गया था ख़ारिज
ऑल्ट न्यूज़ ने इस बात की पुष्टि करने के लिए गूगल पर संबधित कीवर्ड्स -‘उत्तर प्रदेश का बंटवारा’ से सर्च किया, हमें विभाजन से संबधित कोई भी मीडिया संगठन की खबर नहीं मिली. अगर उत्तर प्रदेश के विभाजन के प्रस्ताव को मंज़ूरी प्राप्त हुई होती तो मीडिया संगठन द्वारा इस बड़े फैसले पर खबर ज़रूर प्रकाशित की जाती।
उत्तर प्रदेश के बंटवारे की बात 2011 में सबसे पहले सामने आयी थी, जब तत्कालीन बसपा सरकार ने उत्तर प्रदेश के बंटवारे के प्रस्ताव को यूपी विधानसभा से पारित कर कांग्रेस की केंद्र सरकार के पास भेजा था. हालांकि इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार की तरफ से मंज़ूरी नहीं मिली थी. 2013 में भी राज्य के बंटवारे की चर्चा चल रही थी।
उत्तर प्रदेश के बंटवारे को लेकर समय समय पर मांग उठती रही है. 2017 में फिर से मायावती ने उत्तर प्रदेश के विभाजन की बात रखी थी. उन्होंने कहा था कि अगर यूपी में बसपा की सरकार बनती है तो उत्तर प्रदेश का विभाजन किया जायेगा।
द लल्लन टॉप ने इस दावे की पड़ताल करते हुए यूपी सरकार के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार से बात की, जिन्होंने इस दावे को ख़ारिज करते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश के बंटवारे की कोई योजना नहीं है. योगी आदित्यनाथ सरकार के सामने इस तरह का कोई प्रस्ताव भी नहीं है. सोशल मीडिया पर इससे संबंधित जो भी खबरें घूम रही हैं, वे झूठ हैं. प्रदेश सरकार पूरे सूबे के विकास की चिंता कर रही है. किसी भी हिस्से के साथ अन्याय नहीं हो रहा है. ऐसे में इन मांगों को सुर देने का मतलब नहीं.”
12 जून 2021 को PIB फ़ैक्ट-चेक ने इस दावे को खारिज किया था.
एक खबर में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश को 2-3 हिस्सों में विभाजित करने और पूर्वांचल को अलग राज्य बनाने पर विचार कर रही है।#PIBFactCheck: यह दावा #फ़र्ज़ी है। केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश के अलग हिस्से करने से संबंधित कोई विचार नहीं कर रही है। pic.twitter.com/tKnKKrHJRA
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 12, 2021
मुख्यधारा की मीडिया में ऐसी कोई खबर सामने नहीं आयी है और सरकार की तरफ से भी कोई अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है कि उत्तर प्रदेश का बंटवारा किया जायेगा. इसलिए सोशल मीडिया में प्रसारित किया गया दावा गलत है.
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