1 सितंबर से मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 लागू हुआ है, तब से सोशल मीडिया में कई वीडियो प्रसारित हुए हैं। इन वीडियो को नए यातायात नियमों के लागू होने के बाद पुलिस के अत्याचार को दर्शाने के दावे के साथ प्रसारित किया जा रहा है। इस दौरान सोशल मीडिया में एक वीडियो प्रसारित है, जिसके साथ दावा किया गया है कि वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस ने मोटरसाइकिल चालक के सिर पर डंडा मारा, जिसके बाद उसकी मौके पर ही मौत हो गयी।

 

चेकिंग के दौरान पुलिस वाले ने बाइक सवार के सर पर मारा डंडा मौके पर ही गिरकर मौत ज्यादा से ज्यादा शेयर करे ताकि पुलिस की दादागिरी सभी तक पहुंचे…!
ऐसे पुलिस वालों को तुरंत बर्खास्त करते हुए इनपर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए और इन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए..!

Posted by बहुजन समाज पार्टी BSP I.T & Social Media Cell on Saturday, 14 September 2019

उपरोक्त वीडियो को फेसबुक पेज ‘बहुजन समाज पार्टी BSP I.T & Social Media Cell’ ने इस कैप्शन के साथ साझा किया है –“चेकिंग के दौरान पुलिस वाले ने बाइक सवार के सर पर मारा डंडा मौके पर ही गिरकर मौत ज्यादा से ज्यादा शेयर करे ताकि पुलिस की दादागिरी सभी तक पहुंचे…!ऐसे पुलिस वालों को तुरंत बर्खास्त करते हुए इनपर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए और इन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.”

यह वीडियो इस दावे के साथ भी वायरल है कि यह घटना राजस्थान के टोंक रोड पर हुई है –“टोंक रोड पर चेकिंग के दौरान बाइक सवार युवक को मारा डंडा मौके पर ही युवक की मौत हो गई ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि पुलिसवालों की दादागिरी सभी तक पहुंचे.”

यह क्लिप फेसबुक पर व्यापक रूप से प्रसारित है।

जुलाई 2019 की घटना

यह घटना 22 जुलाई, 2019 की है, जब यूपी के हाथरस में पुलिस ने एक व्यक्ति के सिर पर कथित रूप से प्रहार किया था। Asianet News के मुताबिक, मुरसान पुलिस करवन नदी के पास वाहनों की जांच कर रही थी, तभी दो लड़के मोटरसाइकिल पर सवार होकर वहां से गुज़रे, हेलमेट नहीं पहनने पर पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। लड़को ने कुछ दूर जाकर बाइक रोका। पुलिस ने गुस्से में युवक के सिर पर कथित रूप से प्रहार किया, जिसके बाद वह बेहोश हो गया। घटना के बाद युवक को अस्पताल ले जाया गया।

हालांकि, दैनिक भास्कर ने इस घटना को अलग तरीके से पेश किया था। इस मीडिया संगठन के मुताबिक, युवकों को बाइक रोकने को इसलिए कहा गया क्योंकि वे बिना नंबरप्लेट की मोटरसाइकिल चला रहे थे। राजस्थान का रहने वाला फूल सिंह अपने भाई अनुभव के साथ जा रहा था जब पुलिस ने उसे करवन नदी के पुल पर रोक दिया था। जब दोनों ने तेज़ी से भागने की कोशिश की, तो SI अखंड उपाध्याय ने कथित तौर पर सिंह के सिर पर डंडा मारा और वह बेहोश हो गया।

दैनिक भास्कर के अनुसार, उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया और ठीक होने के बाद उसे घर भी भेज दिया गया था। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि युवक की मृत्यु होने का सोशल मीडिया दावा गलत है।

पुलिस की प्रतिक्रिया

ऊपर साझा की गई दोनों रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने युवक को डंडे से मारने की बात को ख़ारिज किया है। Asianet News के मुताबिक, SSP सिद्धार्थ वर्मा ने कहा, “प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि दोनों युवक बाइक पर थे। उन लोगों को चेकिंग के दौरान बाइक को रोकने के लिए कहा क्योंकि वे हेलमेट के बिना बाइक चला रहे थे। कांस्टेबल ने बाइक को रोकने के लिए उसे पीछे से पकड़ लिया जिसकी वजह से बाइक गिर गयी और युवकों को चोटे आयी। उसे बाद में अस्पताल में भर्ती करवाया गया। बाइक में नंबर प्लेट भी नहीं थी और युवक नशे में थे। इस संबंध में जांच कराई जा रही है। कोई पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।”

दैनिक भास्कर ने SSP वर्मा का एक अलग बयान प्रस्तुत किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस की जांच में पाया गया है कि डंडे से मारने की बात गलत है और आगे कहा कि जब दोनों ने भागने की कोशिश की तो मोटरसाइकिल गतिरोधक (स्पीड ब्रेकर) से टकरा कर गिर गयी। उन्होंने यह भी बताया दोनों का चिकित्सीय परीक्षण करने के बाद यह बात सामने आयी की दोनों शराब के नशे में थे।

ट्विटर पर पुलिस ने इस घटना के एक अलग संस्करण रखा है। एक उपयोगकर्ता को प्रतिक्रिया देते हुए यूपी पुलिस ने यह दोहराया कि युवक नशे में थे और उन्हें डंडे से नहीं मारा गया था। हालांकि, एक कथित समाचारपत्र की कतरन को पुलिस ने साझा किया था, उसमें कुछ अन्य जानकारियां दी गई है, जो उपरोक्त लेखों में नहीं दी गई थी। इस कथित अख़बार क्लिप के मुताबिक, बाइक फिसल गयी और इससे युवक को चोट लगी। इसमें यह भी बताया गया है कि युवकों को भागने की कोशिश में फिसलते हुए कुछ राहगीरों ने देखा है और पुलिस ने उन्हें डंडा नहीं मारा था।

वीडियो में, राहगीरों को कहते हुए सुना जा सकता है कि,“सिर में डंडा मारो चलती में।” इसे वीडियो में कई बार सुना जा सकता है।

यह वीडियो नए ट्रैफिक नियम 2019 के बाद पुलिस के अत्याचार को नहीं दर्शाता है। इसके अलावा सोशल मीडिया में किया गया दावा कि युवक की मृत्यु हुई है, गलत है। हालांकि, इस घटना में युवक को लगी चोट के बारे में किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा जा सकता, क्योंकि मीडिया संगठनों के लेख में पुलिस के बयानों में भिन्नता देखने को मिली है।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.