चीफ़ जस्टिस D Y चंद्रचूड़ के नेतृत्व में सर्वोच्च न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की पीठ के आदेश के बाद, चुनाव आयोग (ECI) ने 14 मार्च को अपनी ऑफ़िशियल वेबसाइट पर इलेक्टोरल बॉन्ड के डेटा को दो भागों में अपलोड कर दिया. पहले हिस्से में डोनर्स के डिटेल्स जैसे डोनेशन की तारीख, खरीदार का नाम और राशि शामिल थे. वहीं दूसरे हिस्से में हर राजनीतिक दल से संबंधित विशेष डिटेल्स थे, जैसे तारीखें, पार्टी के नाम और राशि. इससे पता चला कि बीजेपी ने 6060.5 करोड़ रुपये के चंदे इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में मिले जो सभी राजनीतिक दलों में सबसे ज़्यादा है. किसने किसे चंदा दिया, इसका डेटा अभी तक पब्लिश नहीं हुआ है.
इस संदर्भ में सोशल मीडिया यूज़र्स ने ‘हब पावर कंपनी’ नामक एक एंटिटी को लेकर दावा करना शुरू कर दिया. इस कंपनी ने 18 अप्रैल, 2019 को इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे. कई यूज़र्स का दावा है कि कंपनी पाकिस्तान की है. जबकि कुछ यूज़र्स ने दावा किया कि इसने भाजपा को चंदा दिया है, दूसरों ने कहा कि चंदा कांग्रेस को दिया गया है.
समाजवादी पार्टी से संबद्ध एक पेज समाजवादी प्रहरी (@SP_प्रहरी) ने 15 मार्च को ट्वीट किया: “पाकिस्तानी कंपनी Hub Power Company ने साल 2019 लोकसभा चुनाव के समय BJP को 95 लाख रूपये चंदा दिया।इसी समय पुलवामा मे भी हमारे जवानों की हत्या हुई थी। BJP जैसा देशद्रोही पार्टी आज तक नही देखा था मैंने। पाकिस्तानी कंपनियों से भाजपा को इतना प्यार क्यों? यही कारण था की भाजपा चंदा छुपाना चाहती थी.” (आर्काइव)
पाकिस्तानी कंपनी Hub Power Company ने साल 2019 लोकसभा चुनाव के समय BJP को 95 लाख रूपये चंदा दिया।इसी समय पुलवामा मे भी हमारे जवानों की हत्या हुई थी। BJP जैसा देशद्रोही पार्टी आज तक नही देखा था मैंने। पाकिस्तानी कंपनियों से भाजपा को इतना प्यार क्यों? यही कारण था की भाजपा चंदा… pic.twitter.com/piV51vbQ9x
— Samajwadi Prahari (@SP_Prahari) March 15, 2024
हम द्रविड़ियन (@WeDravidians) हैन्डल ने 14 मार्च को यही दावा किया था. उनके ट्वीट को 1.18 लाख से ज़्यादा बार देखा गया और 1,400 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)
#BJP : The Pakistan Agents 🚨
Confirmed!!!
***
Pakistan based company, Hub Power Company, donated Electoral Bonds weeks after the #Pulwama attack!When the entire country was mourning the loss of 40 brave soldiers, someone was enjoying funding from Pakistan.
Now you know why no… pic.twitter.com/r35ydPnDjE
— We Dravidians (@WeDravidians) March 14, 2024
विवेकानन्द गुप्ता 🇮🇳(मोदी का परिवार) (@viveknandg) के बायो में लिखा है कि वो बीजेपी मुंबई के सचिव हैं. इन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान स्थित ‘हब पावर कंपनी’ ने कांग्रेस को चंदा दिया था. ट्वीट को 43 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया और 600 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया. (आर्काइव)
SHOCKING 🚨
Pakistan based company, Hub Power Company, donated Electoral Bonds weeks after the Pulwama attack!
When the entire country was mourning the loss of 40 brave soldiers, someone was enjoying funding from Pakistan.
The same day #Congress got donations in same pattern pic.twitter.com/9hBGsgF7Gg
— Vivekanand Gupta 🇮🇳(Modi Ka Parivar) (@vivekanandg) March 14, 2024
कई अन्य सोशल मीडिया यूज़र ने खरीदार सूची का स्क्रीनशॉट शेयर किया और इसी तरह के दावे किए. नीचे कुछ उदाहरण देखे जा सकते हैं.
फ़ैक्ट-चेक
सबसे पहले हमने देखा कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हब पावर कंपनी लिमिटेड (HUBCO) नामक एक बिजली उत्पादन कंपनी है. कंपनी ने अपने ऑफ़िशियल X हैंडल से एक बयान शेयर किया जहां उन्होंने साफ किया कि भारत में हब पावर कंपनी या देश की किसी अन्य कंपनी से इसका कोई संबंध नहीं है. इस कंपनी ने ये भी बताया कि भारतीय मीडिया में जिस भुगतान के लिए HUBCO को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है, उसका उनसे कोई संबंध नहीं है.
— Hubco (@TheHubPowerCo) March 15, 2024
सरकार द्वारा 2018 में निर्धारित इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीद के नियमों के मुताबिक, सिर्फ भारत का नागरिक या भारत में निगमित कोई इकाई ही बांड खरीद सकता है.
इसके बाद, हमने गूगल पर सबंधित की-वर्डस सर्च किया. हमें IndiaMart पर ‘हब पावर कंपनी’ नाम से एक कंपनी प्रोफ़ाइल दिखी. इसके मुताबिक ये कंपनी दिल्ली, भारत में स्थित है.
इसकी पुष्टि करने के लिए, हमने भारत सरकार की गुड्स एंड सर्विस टैक्स की ऑफ़िशियल वेबसाइट पर करदाताओं के अंतर्गत कंपनी को सर्च किया. यहां भी कंपनी का कार्यालय स्थान दिल्ली बताया गया है.
दिलचस्प बात ये है कि इस फ़र्म का GST रजिस्ट्रेशन उसी दिन रद्द कर दिया गया था जिस दिन उसका रजिस्ट्रेशन हुआ था. स्वतंत्र मीडिया आउटलेट न्यूज़लॉन्ड्री के प्रोजेक्ट इलेक्टोरल बॉन्ड ने पेज पर बताए फ़र्म के प्रतिनिधि, रवि मेहरा के बारे में और जानकारी की तलाश की, लेकिन वो नहीं मिल पायी.
इस रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के GST विभाग के हवाले से कहा गया है कि “हब पावर एक ‘फ़र्जी कंपनी’ थी जिसे बंद कर दिया गया.” विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंपनी को साफ तौर पर “धोखाधड़ी के मकसद से” बनाया गया था. “हमें पता चला कि कंपनी ने अपने वादे के मुताबिक काम नहीं किया. विभाग ने स्वत: संज्ञान लिया और उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया.”
कुल मिलाकर, ये साफ है कि हब पावर कंपनी (जिसे हाल ही में जारी ECI डेटा में इलेक्टोरल बॉन्ड के खरीददार के रूप में दर्शाया गया है) पाकिस्तान में स्थित नहीं हो सकती है. दिल्ली में हब पावर कंपनी नामक एक फ़र्म हुआ करती थी, लेकिन इसके बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं मिल पाई. पाठकों को ये भी ध्यान देना चाहिए कि 17 मार्च तक सार्वजनिक डोमेन में मौजूद इलेक्टोरल बॉन्ड डेटा के साथ, चंदा देने वाले को किसी राजनीतिक दल से जोड़ना असंभव है. इसलिए, हब पावर कंपनी द्वारा दिए गए दान से कांग्रेस या भाजपा को लाभ होने के सभी दावे महज अटकलें हैं.
हब पावर नामक पाकिस्तानी कंपनी ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स खरीदे हैं?
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