केरल स्थित मालाबार चैरिटेबल ट्रस्ट से स्कॉलरशिप पाने वाली बुर्का पहनी लड़कियों की एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर की जा रही है. लड़कियों को सर्टिफिकेट लेकर मंच पर तस्वीर खिंचवाते हुए देखा जा एकता है. बैकग्राउंड में मालाबार चैरिटेबल ट्रस्ट का एक बैनर है जो मालाबार ग्रुप का हिस्सा है.
ट्विटर हैन्डल ‘@satviksoul‘ ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “मालाबार गोल्ड की दुकान मुस्लिमों की है, स्कॉलरशिप सिर्फ मुस्लिम लड़कियों को दी जाती है. हम हिंदुओं को…?” इस ट्वीट को 50 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया और 1 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया. (आर्काइव लिंक)
ट्विटर हैन्डल ‘@RajeswariAiyer‘ ने भी इस तस्वीर को इसी दावे के साथ ट्वीट किया है. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि मुसलमानों ने केरल में ‘जनसांख्यिकीय युद्ध’ जीत लिया है. (आर्काइव लिंक)
दक्षिण-कन्नड़ मंदिर मेले में गैर-हिंदू व्यापारियों पर बैन लगाने की VHP की रिक्वेस्ट पर टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट को ट्वीट करते हुए, यूज़र ‘@BesuraTaansane’ ने वायरल तस्वीर ट्वीट करते हुए बताया कि “कैसे मालाबार गोल्ड जैसा कॉर्पोरेट जो सभी धर्मों को बेचकर पैसा कमाता है सिर्फ एक समुदाय को स्कॉलरशिप देता है, लेकिन इसे कभी रिपोर्ट नहीं किया जाएगा”.
But TOI-let Media house will never talk about how a corporate like Malabar Gold which earns money by selling to all faiths only gives scholarships to one community ! https://t.co/TC24dnri6p pic.twitter.com/ULLjchRhzn
— Sameer (@BesuraTaansane) January 21, 2023
कई बीजेपी समर्थक फेसबुक अकाउंट्स ने इस तस्वीर को पोस्ट किया जिनमें बीजेपी समर्थक फ़ेसबुक पेज पोस्टकार्ड (136K फ़ॉलोवर्स) और इसके संस्थापक महेश विक्रम हेगड़े, आध्यात्मिक नेता गणेश थोटा (156K फ़ॉलोअर्स), ‘वी सपोर्ट नूपुर शर्मा‘ (172K फ़ॉलोवर्स), आई एम विथ BJP एंड RSS (177k फ़ॉलोवर्स), क्रिस्चियन मिशनरीज एक्सपोज्ड, DEFENCE360 और नरेंद्र मोदी फ़ैन्स शामिल हैं.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने मालाबार चैरिटेबल ट्रस्ट की ऑफ़िशियल वेबसाइट देखी और स्कॉलरशिप पेज के तहत ‘एलिजबिलिटी एंड इंसट्रकशन’ पढ़े.
13 क्राइटेरिया में से पहले में कहा गया है, “स्कॉलरशिप योजना विशेष रूप से सिर्फ छात्राओं के लिए है.” पांचवे पॉइंट में कहा गया है कि “स्कॉलरशिप ‘मेरिट और मीन्स बेसिस’ पर ही दी जाएगी.” इसमें धर्म का कोई ज़िक्र नहीं है.
वेब पेज पर फोटो एल्बम को देखने पर, हमें मालाबार चैरिटेबल ट्रस्ट के बैनर के सामने स्कूल यूनिफ़ॉर्म में लड़कियों की एक तस्वीर मिली.
दरअसल, मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स ने यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया है जिसका टाइटल है – “एजुकेशनल स्कॉलरशिप प्रोग्राम | CSR इनिशिएटिव | मालाबार ग्रुप”. इसमें स्कॉलरशिप पाने वाले अलग-अलग संस्थानों की लड़कियों के एक ग्रुप को दिखाया गया है.
वीडियो में 13 सेकंड पर, हमें एक डिस्क्लेमर दिखता हैं जिसमें कहा गया है, “लाभार्थियों में जाति या समुदाय पर विचार किए बिना समाज के सभी वर्गों के जरूरतमंद परिवारों के ब्राइट यंग स्कॉलर शामिल हैं.”
ऑल्ट न्यूज़ ने मालाबार ग्रुप के CSR विंग के वरिष्ठ अधिकारी अरशद से बात की. उन्होंने स्कॉलरशिप कार्यक्रम (PDF देखें) पर एक पोस्टर शेयर किया. इसमें कहा गया है कि 60 से ज़्यादा कॉलेजों की 630 छात्राओं को स्कॉलरशिप दी गई है.
पोस्टर को करीब से देखने पर, हमने नोटिस किया कि इसमें वायरल तस्वीर दिखाई दे रही है. वायरल तस्वीर में बुर्का पहने छात्राएं गवर्नमेंट पीयू कॉलेज, उप्पिनंगडी, कर्नाटक की रहने वाली हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार, शहर की लगभग 42% आबादी मुस्लिम समुदाय की थी.
पोस्टर में 30 तस्वीरों में से तीन तस्वीरों में सभी लड़कियों ने बुर्का या हिजाब पहना है.
इसी तरह, ऐसे पांच इंस्टैंस थे जिसमें कोई भी लड़की ने बुर्का या हिजाब नहीं पहना है. और बाकी 20 ऑड तस्वीरों में दोनों समुदायों की लड़कियों को दिखाया गया है.
यानी, ये साफ़ है कि किसी एक समुदाय विशेष की लड़कियों को स्कॉलरशिप नहीं दी गई थी.
कुल मिलाकर, मालाबार चैरिटेबल ट्रस्ट से स्कॉलरशिप पाने वाली बुर्का पहनी लड़कियों की एक तस्वीर इस ग़लत दावे के साथ शेयर की गई कि चैरिटेबल ग्रुप ने विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय की लड़कियों को स्कॉलरशिप दी है.
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