एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें तालाब/नहर के किनारे एक महिला को कई लड़के बुरी तरह लाठी-डंडों से पीटते हुए दिख रहे हैं. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि एक दलित महिला के नदी में नहाने से नाराज़ लोगों ने महिला को बेरहमी से पीटा.

सीरिया के रिपोर्टर बिलाल अब्दुल करीम ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “ये मोदी का भारत है जिसमें हिंदू चरमपंथी एक गरीब दलित महिला को पीट सकते हैं, उसका वीडियो बना सकते हैं.” (आर्काइव लिंक)

इंडियन मुस्लिम नाम के ट्विटर हैंडल ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि एक दलित लड़की को हिंदू चरमपंथियों के एक समूह और हिंदुत्व चरमपंथी संगठन के सदस्यों द्वारा बेरहमी से पीटा जाता है. भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसमें चरमपंथी हिंदू विंग अभी भी मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के सभी तरीकों को अंज़ाम देता है, खासकर मुसलमानों और दलितों के खिलाफ. (आर्काइव लिंक)

कविता रानी नामक यूज़र ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि ये भाजपा शासित राज्य मध्यप्रदेश का मामला है. नदी में नहाने पर एक दलित लड़की को बेरहमी से पीटा गया, ये मोदी का नया भारत है. (आर्काइव लिंक)

एक अन्य यूज़र ने वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया कि RSS और BJP से जुड़े लोगों ने उत्तर प्रदेश में एक दलित महिला द्वारा नदी में नहाने के बाद उसके साथ क्रूरता से मारपीट की. (आर्काइव लिंक)

फ़ैक्ट-चेक

जब ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल वीडियो के फ़्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें इससे जुड़ी दो साल पुरानी दैनिक भास्कर की न्यूज़ रिपोर्ट मिली. इस आर्टिकल के मुताबिक, ये घटना मध्य प्रदेश के धार ज़िले के पिपलवा गांव की थी. 22 जून 2021 की इस घटना में मामा के बेटे से मोबाइल पर बात करने से नाराज़ परिवारवालों ने 2 युवतियों को बेरहमी से लाठी डंडों से पीटा. इस मामले में FIR दर्ज की गई थी और घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामले में 7 लोगों की गिरफ़्तारी की गई थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक, मामले में कोई जातीय ऐंगल नहीं है.

हमें इस वीडियो से जुड़ी एक और रिपोर्ट NDTV की वेबसाइट पर मिली, इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पीड़ित लड़की आदिवासी थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामले में किसी प्रकार का जातीय या धार्मिक ऐंगल नहीं है.

कुल मिलाकर, ये वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं है बल्कि मध्य प्रदेश का है और 2 साल पुराना है. वायरल ट्वीट्स में इसे जातीय ऐंगल के साथ शेयर किया जा रहा है जबकि पीड़िता और आरोपी दोनों एक ही परिवार के सदस्य हैं. वायरल पोस्ट्स में भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ताओं द्वारा दलित महिला को पीटने का दावा बेबुनियाद है.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged:
About the Author

Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).