26 जनवरी, 2023 को ये ख़बर आई कि बिहार के पूर्णिया में मधुबनी सिपाही टोला इलाके में एक रिहायशी इमारत पर पाकिस्तानी झंडा फहराया गया. कई मीडिया आउटलेट्स ने इस पर रिपोर्ट पब्लिश की. मल्टीमीडिया न्यूज़ एजेंसी ANI ने ट्वीट किया, “पूर्णिया के मधुबनी सिपाही टोला इलाके में एक पाकिस्तानी झंडा फहराया गया”. ट्वीट में स्टेशन हाउस ऑफ़िसर का बयान भी शामिल है जिसमें उन्होंने कहा है कि झंडे को हटा दिया गया है और आगे की कार्रवाई की जाएगी. ट्वीट में दो तस्वीरें भी थीं जिनमें उक्त पाकिस्तानी झंडा दिख रहा था. (आर्काइव)
Bihar | A Pakistani flag was hoisted in the Madhubani Sipahi Tola area in Purnea
We reached the suspect’s house after getting the information. The flag has been removed. The matter has been discussed with SDO Purnea. Action will be taken: Pawan Chowdhary, SHO Madhubani pic.twitter.com/xKLeN748Wl
— ANI (@ANI) January 26, 2023
CNN न्यूज़18 के एक रिपोर्टर ने बुलेटिन में कहा, ‘गणतंत्र दिवस शॉकर’ को पुलिस ने तुरंत उठाया, पुलिस तुरंत उस जगह पर पहुंच गई थी. पुलिस के मुताबिक, झंडे को हटा दिया गया था. (आर्काइव)
टाइम्स नाउ ने भी इस घटना पर अपनी रिपोर्ट की एक क्लिप ट्वीट की. इस क्लिप में घर की निवासी रेहाना परवीन का एक वीडियो इंटरव्यू है जिसमें वो कहती है कि उन्हें ये नहीं पता था कि ये पाकिस्तानी झंडा है. उनका ये भी कहना है कि झंडा 26 जनवरी को ही फहराया गया था. (आर्काइव)
Bihar के पूर्णिया में Republic Day पर मौके पर फहराया पाकिस्तानी झंडा, पहुंची पुलिस
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— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) January 26, 2023
न्यूज़18 बिहार ने भी घटना पर वीडियो रिपोर्ट की एक क्लिप ट्वीट की. (आर्काइव)
पूर्णिया में गणतंत्र दिवस के मौके पर फहराया पाकिस्तानी झंडा ! pic.twitter.com/frISxBQqWL
— News18 Bihar (@News18Bihar) January 26, 2023
कई मीडिया संगठनों ने भी इस घटना पर खबर दी जिनमें द टाइम्स ऑफ़ इंडिया, ज़ी न्यूज़ इंग्लिश, ANI हिंदी, ऑपइंडिया हिंदी, ज़ी बिहार झारखंड, इंडिया टीवी, इंडिया टीवी हिंदी, द न्यू इंडियन, मिड डे, RSS का मुखपत्र ऑर्गनाइज़र वीकली, टाइम्स ऑफ़ इंडिया पटना और लाइव हिंदुस्तान शामिल हैं.
राइट विंग एकाउंट्स ने ये दावा आगे बढ़ाया
कई वेरिफ़ाइड हैंडल्स ने CNN न्यूज़18 की रिपोर्ट ट्वीट की. आंध्र प्रदेश भाजपा के राज्य सचिव रमेश नायडू नागोथू ने ट्वीट कर कहा कि बिहार में पाकिस्तानी झंडा फहराने की ‘शर्मनाक हरकत’ निंदनीय है. त्रिपुरा भाजपा के सचिव अमित रक्षित ने भी कथित तौर पर पाकिस्तानी झंडा फहराए जाने की निंदा की. बीजेपी गुजरात स्टेट मीडिया के सह-प्रमुख जुबिन अशरा ने भी न्यूज़18 की रिपोर्ट को ट्वीट किया और इसे ‘शर्मनाक घटना’ बताया. आंध्र भाजपा के महासचिव विष्णु वर्धन रेड्डी ने लिखा, “बिहार में महाठगबंधन के गठन के बाद से कानून और व्यवस्था टॉस के लिए चली गई है.”
RVCJ मीडिया ने झंडे की तस्वीरों का एक ग्राफ़िक ट्वीट किया. ग्राफ़िक में लिखा है, “पुलिस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का वादा किया”. इस ट्वीट को लगभग 7 हज़ार लाइक्स मिले. ट्विटर हैंडल @BefittingFacts ने भी झंडे की एक तस्वीर शेयर की और लिखा कि “मोहम्मद मुबारुकुद्दीन के घर पर पाकिस्तानी झंडा फहराया गया था.”
फ़ैक्ट-चेक
रिडर्स ध्यान दें कि कई मीडिया आउटलेट्स ने अपनी रिपोर्ट में झंडे के नीचे के ऐंगल से लिए गए एक वीडियो का इस्तेमाल किया है. अगर इसे बारीकी से देखा जाय, तो झंडे के पोल की तरफ का हिस्सा हरा रंग का नहीं है. बल्कि उस और एक नीला पैच है और फिर एक हिस्सा है जो काले और सफेद रंग का है. नीचे टाइम्स नाउ नवभारत की रिपोर्ट का एक स्क्रीनशॉट है जिसमें सबंधित फ़्रेम दिखता है. इस बात का ज़िक्र एक ट्विटर यूज़र ने एक थ्रेड में किया है.
ये पैटर्न पाकिस्तान के राष्ट्रीय झंडे में मौजूद नहीं है. पाकिस्तानी राष्ट्रीय झंडे में हरे रंग के बैकग्राउंड पर वर्धमान चांद और एक तारे के साथ बाईं ओर एक वर्टीकल सफेद पट्टी है. इन दोनों की पैटर्न पूरी तरह अलग-अलग हैं जिसके आधार पर, ये बिल्कुल साफ है कि पूर्णिया में एक घर पर फहराया गया झंडा पाकिस्तान का राष्ट्रीय झंडा नहीं था.
इसके अलावा, ट्विटर पर पूर्णिया पुलिस द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, उनकी जांच से ये निष्कर्ष निकला कि ये झंडा पाकिस्तानी झंडा नहीं था. बल्कि एक धार्मिक झंडा था जिसे एक महीने पहले फ़हराया गया था. (आर्काइव)
आज दिनांक-26.01.2023 संध्या 17:30 बजे सूचना मिली कि मधुबनी टीओपी क्षेत्र में सिपाही टोला में एक व्यक्ति अपने छत के ऊपर किसी अन्य देश का झंडा लगाए हुए हैं। तत्पश्चात सूचना की जांच कराई गई। जांच में पाया गया कि उक्त झंडा एक धार्मिक झंडा है जो करीब एक महीने से वहाँ पर लगाया हुआ है।
— Purnea Police (@PurneaSp) January 26, 2023
जिस दिन इस घटना के बारे में ट्वीट किया गया (26 जनवरी को), उस दिन बाद में द टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने एक रिपोर्ट पब्लिश की. इसकी हेडलाइन है, “पुलिस का कहना है कि बिहार के पूर्णिया में पाकिस्तान का झंडा नहीं फहराया गया था”. रिपोर्ट में पुलिस के एक बयान का हवाला देते हुए कहा गया है कि एक स्थानीय मस्जिद की बगल में स्थित मोहम्मद मुबारकुद्दीन के घर पर एक धार्मिक झंडा फहराया गया था. SDPO सदर सुरेंद्र कुमार सरोज ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि एक महीने पहले वहां धार्मिक झंडा लगाया गया था. उन्होंने ये भी कहा कि पुलिस उन लोगों की पहचान करने की कोशिश कर रही है जो ये अफ़वाह फ़ैला रहे हैं कि ये पाकिस्तान का झंडा है.
ऑल्ट न्यूज़ ने पूर्णिया के SP आमिर जावेद से संपर्क किया जिन्होंने एक पुलिस ऑफ़िसर द्वारा झंडे को उतारे जाने के बाद की तस्वीर हमें भेजी. इसमें साफ़ तौर पर उस झंडे पर काला और सफेद हिस्सा साथ ही नीली पट्टी दिखती है.
हमने अखिल भारतीय मुस्लिम जमात के प्रवक्ता डॉ. अनवर रज़ा कादरी से संपर्क किया जिन्होंने इस्लाम में झंडे पर दिखने वाले पैटर्न के महत्व के बारे में बताया. कादरी के मुताबिक, नीली पट्टी बगदाद शरीफ मस्जिद के गुंबद पर देखे गए पैटर्न से प्रेरित है. इसे घोस-ए-आज़म के नाम से भी जाना जाता है. काली ज़िगज़ैग रेखाओं वाला सफेद हिस्सा बरेली में दरगाह-ए-आलाहज़रत के गुंबद से प्रेरित है. नीचे हमने झंडे पर दिख रही पैटर्न की तुलना गुंबदों से की है.
पहले भी भारत में कई मौकों पर इस झंडे को फहराया गया है. खासकर इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मुहम्मद की जयंती के अवसर पर ईद मिलाद-उन-नबी के उत्सव के दौरान. ये झंडा मुंबई, अहमदाबाद, वाराणसी और नई दिल्ली जैसे शहरों में देखा गया है.
पहले भी ऐसा ही दावा किया गया था
गौरतलब है कि नवंबर 2019 में भी ऐसा ही दावा किया गया था. पंजाब के जालंधर में कई इमारतों की छत पर झंडे फ़हराने का वीडियो सोशल मीडिया में इस दावे के साथ शेयर किया गया था कि ये पाकिस्तान का राष्ट्रीय झंडा है. हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ के फ़ैक्ट-चेक में पाया गया कि ये दावे भ्रामक हैं. 2019 के वायरल वीडियो में देखे गए झंडों में दो धारियों के साथ एक समान पैटर्न था- एक नीले रंग के बैकग्राउंड पर सफेद प्रिंट के साथ और दूसरा सफेद बैकग्राउंड पर काली रेखाओं के साथ. नीचे 2019 में जालंधर में देखे गए धार्मिक झंडे और पाकिस्तान के राष्ट्रीय झंडे के बीच तुलना की गई है. नीचे दी गई तस्वीर 2019 में ऑल्ट न्यूज़ के फ़ैक्ट-चेक से ली गई है.
गौर करने वाली बात ये भी है कि जी न्यूज़ इंग्लिश की रिपोर्ट में जिन तस्वीरों का इस्तेमाल किया है, वो पुरानी हैं. इन तस्वीरों का इस्तेमाल ज़ी मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ की 26 अक्टूबर, 2022 की रिपोर्ट में भी किया गया था. रिपोर्ट का टाइटल है, “मुस्ताक ने छत पर लगाया पाकिस्तानी झंडा, बोला- बच्चे ने की थी जिद; तानाव के बाद एक्शन”. ये रिपोर्ट एक मुस्ताक नामक फल बेचने वाले के बारे में था. रिपोर्ट के मुताबिक, इसके 15 साल के बच्चे ने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के सरिया इलाके में अपने घर पर पाकिस्तान का झंडा फहराया था.
कुल मिलाकर, बिहार के पूर्णिया ज़िले में एक घर पर फहराए गए धार्मिक झंडे को अलग-अलग न्यूज़ आउटलेट्स ने इस ग़लत दावे के साथ शेयर किया कि गणतंत्र दिवस पर पाकिस्तान का राष्ट्रीय झंडा फहराया गया. असल में इस धार्मिक झंडे और पाकिस्तान के राष्ट्रीय झंडे में पैटर्न और रंग बिल्कुल अलग-अलग हैं. पुलिस ने भी इन वायरल दावों को खारिज किया है.
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