6 फ़रवरी को दक्षिणी और मध्य तुर्की और पश्चिमी सीरिया में भूकंप आया. इसका उपरिकेंद्र दक्षिणी तुर्की के शहर गजियांटेप में था. 8 फरवरी को बीबीसी ने 13.46 IST पर रिपोर्ट करते हुए बताया कि मरनेवालों की संख्या 9 हज़ार के पार हो चुकी है.
7 फ़रवरी को भारतीय वायु सेना ने सर्च और रेस्क्यू टीम के साथ एक विमान तुर्की भेजा.
Last night, an IAF C-17 got airborne for Türkiye. Bearing Search & Rescue teams of the @NDRFHQ, this aircraft is part of a larger relief effort that will be undertaken by the IAF along with other Indian organisations. #Türkiye#IAF_FirstResponders@IndianEmbassyTR pic.twitter.com/J8OsDd9ojn
— Indian Air Force (@IAF_MCC) February 7, 2023
इसके तुरंत बाद, कई मीडिया आउटलेट्स ने रिपोर्ट किया कि पाकिस्तान ने राहत सामग्री ले जा रहे भारत के C-17 विमान को हवाई क्षेत्र देने से इनकार कर दिया था. फ़र्स्ट पोस्ट इस बारे में ट्वीट करने वाले पहले मीडिया आउटलेट्स में से एक था.
वहीं कई और मीडिया आउटलेट्स ने भी इसी तरह की रिपोर्ट दी जिनमें मिरर नाउ, ज़ी न्यूज़ इंग्लिश, एशियानेट सुवर्णा न्यूज़, फ्री प्रेस जर्नल, न्यूज़ 18, वनइंडिया न्यूज़, जी प्लस, ऑपइंडिया.कॉम शामिल हैं.
कई प्रमुख सोशल मीडिया अकाउंट्स ने फ़र्स्ट पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए पाकिस्तान पर कटाक्ष किया.
ट्विटर यूज़र @MrSinha_ ने लिखा, “हैलो तुर्की की जनता, इस तरह पाकिस्तान ने आपका समर्थन चुकाया है.” आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को दो लाख से ज़्यादा बार देखा गया. ‘ओनली फ़ैक्ट’ के को-फ़ाउंडर विजय पटेल ने भी इसी तरह का ट्वीट किया.
राजगोपाल नाम के एक पत्रकार ने लिखा गया, “दोनों इस्लामिक वर्ल्ड के लीडर बनना चाहते थे.”
इसी तरह का रुख अपनाते हुए, मेजर सुरेंद्र पूनिया (रिटायर्ड) ने फ़ेसबुक पर लिखा, “ये तुर्की द्वारा कश्मीर में पाकिस्तान की जिहाद नीति का समर्थन करने के बाद हुआ है @RTErdogan, श्रीमान राष्ट्रपति, आज आपके तथाकथित दोस्त पाकिस्तान ने अपना असली रंग दिखा दिया है …”
न्यू इंडिया के सीनियर एडिटर प्रमोद कुमार सिंह, टाइम्स नाउ नवभारत अमित साहू और ट्विटर यूज़र्स @MeghUpdates और द हॉक आई ने भी ये दावा किया (बाद में इसे डिलीट कर दिया) . ‘मेघ अपडेट्स’ के ट्वीट को आर्टिकल लिखे जाने तक 8 लाख से ज्यादा व्यूज़ मिले थे.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने इंडिया टुडे के पत्रकार अंकित कुमार का एक ट्वीट देखा जिसमें उन्होंने कहा कि वो इस दावे से सहमत नहीं हैं कि पाकिस्तान ने भारत को हवाई क्षेत्र देने से मना कर दिया था. भारतीय वायुसेना के विमान के उड़ान पथ का अनुकरण दिखाने वाला एक क्लिप शेयर करते हुए, उन्होंने लिखा कि ऐसा कोई संकेत नहीं था कि इसने पाक हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने की मांग की गई थी.
Don’t agree with assessments suggesting Pakistan denying airspace to IAF relief flight to #Turkey. There is no confirmation if IAF sought permission to use PAK airspc. The flight path also shows no indication of inclination to use Pak airspace #TurkeyEarthquake pic.twitter.com/Gc71UDPUQr
— Ankiit Koomar (@AnkiitKoomar) February 7, 2023
WION के राजनयिक और रक्षा संवाददाता सिद्धांत सिब्बल ने ट्वीट किया, “तुर्की को राहत पहूँचाने वाले भारतीय C17 को पाकिस्तान द्वारा हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने से मना करने की रिपोर्ट पर, ये पॉइंट आउट कर सकते हैं कि भारतीय सैन्य विमान पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं करते हैं और न ही नई दिल्ली ने अपने हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने के लिए इस्लामाबाद की अनुमति मांगी है.”
सिद्धांत सिब्बल ने बताया, “अगस्त 2021 में तालिबान के अधिग्रहण के बाद अफ़ग़ानिस्तान से भारतीयों को निकालने के दौरान भी, भारतीय सैन्य विमानों ने काबुल से दुशांबे के लिए उड़ान भरी और भारत वापस आने के लिए ईरानी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया था.”
On reports of Indian C17 with relief to Turkiye not using Pakistan airspace, can point out that Indian military planes don’t use Pakistan airspace nor New Delhi seeks Islamabad’s permission to use its airspace.
— Sidhant Sibal (@sidhant) February 7, 2023
भारतीय वायु सेना में ऑल्ट न्यूज़ के सूत्रों ने 7 फ़रवरी की रात को बताया, “मीडिया रिपोर्ट गलत हैं.” उन्होंने कहा, “तुर्की के लिए IAF विमान मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) मिशन के लिए एक स्टैंडर्ड रूटिंग को फॉलो कर रहा है. इन मिशनों में उन देशों से ओवरफ्लाइट क्लीयरेंस शामिल हैं जो कि रास्ते में आते हैं. इस HDR मिशन के लिए स्टैंडर्ड रूटिंग की मंजूरी मांगी गई थी जिसे IAF ऑपरेटर नियमित तौर पर उड़ाते हैं.
ओवरफ्लाइट क्लीयरेंस किसी देश के नागरिक उड्डयन प्राधिकरणों से उस देश के हवाई क्षेत्र के ऊपर से उड़ान भरने या उसका इस्तेमाल’ करने के लिए एक प्राधिकरण है.
ऑल्ट न्यूज़ ने अपने सोर्स से पूछा कि क्या पाकिस्तान से कोई अनुमति मांगी गई थी. उन्होंने कहा, “कोई अनुमति नहीं मांगी गई क्योंकि पाकिस्तान रास्ते में नहीं था. यानी, पाकिस्तान द्वारा भारतीय वायुसेना को हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल से मना करने का कोई सवाल ही नहीं है. ये ध्यान देने वाली बात है कि भारतीय वायुसेना ने 2021 अफ़ग़ानिस्तान निकासी के दौरान भी पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं किया था.”
कुल मिलाकर, कई मीडिया आउटलेट्स ने ये रिपोर्ट किया कि पाकिस्तान ने राहत सामग्री ले जा रहे भारत के सी-17 विमान को हवाई क्षेत्र देने से मना कर दिया था. IAF ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि मानक संचालन प्रक्रिया के मुताबिक, विमान के रास्ते में पाकिस्तान के ऊपर से उड़ान शामिल ही नहीं है.
दिलचस्प बात ये है कि न्यूज़18 जैसे कुछ मीडिया संगठनों ने बाद में अपनी रिपोर्ट अपडेट की या पिछली रिपोर्ट को सही किए बिना एक नई रिपोर्ट पब्लिश की जहां उन्होंने पाकिस्तान द्वारा भारत को मना करने के बारे में बात की गई थी.
हिन्दी मीडिया आउटलेट्स ने भी ये दावा चलाया
न्यूज़18 हिन्दी, ज़ी सलाम, जनसत्ता, न्यूज़ नेशन, ओपइंडिया हिन्दी और इंडिया टीवी ने भी यही दावा चलाया था.
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