“कोई शब्द नहीं ….. सच्चा भारतीय इस तस्वीर को कभी अनदेखा नहीं कर सकता। यह हमारी सेना है … वे हमारे लिए कुछ भी करेंगे….। (अनुवाद)” ये शब्द एक सैनिक की तस्वीर के साथ लिखे गए हैं, जो झुका हुआ दिख रहा है ताकि उसकी पीठ पर पांव रखकर महिला ट्रक से बाहर निकल सके। इसे कई फेसबुक पेजों ने साझा किया है जो नियमित रूप से राष्ट्रवाद और भारतीय सेना विषयक सामग्री का उपयोग अपने फॉलोअर्स के साथ भावनात्मक खिलवाड़ करने के लिए करते हैं। पोस्ट कार्ड फैन्स, इंडिया अगेंस्ट पेड मीडिया, माई इंडिया और नरेंद्र मोदी ट्रू इंडियन कुछ ऐसे पेज हैं जिन्होंने इस तस्वीर को पोस्ट किया है, जिसे सम्मिलित रूप से 18,000 से ज्यादा बार शेयर किया गया है।

No words 🙏 True Indian can never ignore this pic.
This is our army… They will do anything for us🙏🇮🇳

Posted by Narendra Modi – True Indian on Sunday, 19 August 2018

तस्वीर में पर्याप्त संकेत हैं जो बताते हैं कि यह केरल में बचाव अभियान का नहीं है। फिर भी, हमेशा की तरह, संदेश की भावनात्मक अपील और तस्वीर, इन दिनों इंटरनेट पर वायरल है।

एक ट्विटर यूजर जितेंद्र प्रताप सिंह, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फॉलो करते हैं, ने ट्वीट किया है, “इतनी भी तमीज नहीं की जवान की पीठ पर पैर रखने के पहले जूती उतार लें… जूती के सोल की नोक कितनी चुभी होगी… इनके मां बाप कभी इन्हें तमीज सलीका सँस्कार नहीं सिखाते।”

वास्तव में यह तस्वीर कहाँ की है?

एक सामान्य Google रिवर्स सर्च तस्वीर के बारे में कुछ दिलचस्प विवरण बताती है। यह इराक़ी पीएमयू (पॉपुलर मोबलाइजेशन यूनिट) के सदस्य की तस्वीर है जो जून 2016 में ISIS से फॉलुजा शहर के मुक्त होने के बाद एक नागरिक की मदद कर रहे थे।

यह तस्वीर नकली समाचारों के अंतरराष्ट्रीय विवाद के केंद्र में रहा है। दिसंबर 2016 में, इस तस्वीरका उपयोग यह दिखाने के लिए किया गया था कि कैसे सरकारी सेनाएं अलेप्पो शहर को ‘मुक्त’ करा रही थीं और संयुक्त राष्ट्र में सीरियाई राजदूत की व्यापक रूप से आलोचना की गई थी। उस समय अल जज़ीरा न्यूज़ चैनल पर यह हेडलाइन थी- “संयुक्त राष्ट्र में सीरियाई राजदूत सुरक्षा परिषद में नकली तस्वीर का उपयोग करते पकड़े गए।” दुनिया भर की यात्रा करके यह तस्वीर अब भारत पहुंचा है।

कश्मीर की बाढ़ के दौरान भी इसी तस्वीर को भारतीय सेना का बताकर फैलाया गया था।

पहले इस तस्वीर को तुर्की सेना का भी बताया जा चुका है।

केरल बाढ़ बचाव अभियान में भारतीय सेना उत्कृष्ट भूमिका निभा रही है। इसके पक्ष में व्यापक समर्थन जुटाने के लिए भ्रामक तस्वीरों को प्रसारित करने की आवश्यकता नहीं है।

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