एक मंदिर के अंदर लटके हुए हरे झंडे की तस्वीर जिस पर आधा चांद, तारा और 786 नंबर लिखा है, इस दावे के साथ शेयर की जा रही है कि ये छत्तीसगढ़ के गुंडरदेही की है. इसे RSS के मुखपत्र पांचजन्य ने 6 फ़रवरी को ट्वीट किया था. पांचजन्य ने बिना किसी संदर्भ के ये तस्वीर ट्वीट की और लिखा, “मंदिर में इस्लामी झंडा.”  आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 4,500 से ज़्यादा बार रीट्वीट और 4 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है. (आर्काइव)

वेरिफ़ाइड ट्विटर यूज़र अर्पिता शैव्या ने वायरल तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “मां चंडी देवी मंदिर, गुंदरदेही छत्तीसगढ़. वक्फ़ बोर्ड ने दावा किया कि ये उनकी संपत्ति है. हमारी सरकार उनकी संपत्ति का डिजिटलीकरण करने में व्यस्त है.” (आर्काइव्ड लिंक)

कई फ़ेसबुक अकाउंट्स ने भी ये तस्वीर पोस्ट की है.

ऑल्ट न्यूज़ के हेल्पलाइन नंबर (7600011160) पर इस दावे का फ़ैक्ट चेक करने के लिए पांचजन्य के ट्वीट के स्क्रीनशॉट भेजे गए हैं जिस पर ‘कई बार फ़ॉरवर्ड किये जाने’ का लेबल था.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने की-वर्ड्स सर्च करने पर देखा कि अमर उजाला मौके पर ग्राउंड रिपोर्ट के लिए गया था. उन्होंने इस कैप्शन के साथ एक वीडियो रिपोर्ट जारी की, “एक ओर जब देश में जाति और धर्म को लेकर माहौल गरमाया हुआ है, वहां छत्तीसगढ़ का एक मंदिर हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल है. इस मंदिर में दोनों ही धर्म के लोग एक साथ माथा टेकते हैं. मंदिर के पट खुलते हैं तो पहले लोबान जलाई जाती है और वहां से प्रांगण में स्थित मजार के लिए चादर निकलती है. इसके बाद दोनों मिलकर मां चंडी की पूजा-अर्चना करते हैं. खास बात यह है कि देवी की मूर्ति पर इस्लामिक झंडा भी लगा हुआ है.”

Balod News: छत्तीसगढ़ का यह मंदिर हैं, हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल | chhattisgarh News

#temple #balodnews #hindumuslimunity

एक ओर जब देश में जाति और धर्म को लेकर माहौल गरमाया हुआ है, वहां छत्तीसगढ़ का एक मंदिर हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल है। इस मंदिर में दोनों ही धर्म के लोग एक साथ माथा टेकते हैं। मंदिर के पट खुलते हैं तो पहले लोबान जलाई जाती है और वहां से प्रांगण में स्थित मजार के लिए चादर निकलती है। इसके बाद दोनों मिलकर मां चंडी की पूजा-अर्चना करते हैं। खास बात यह है किदेवी की मूर्ति पर इस्लामिक झंडा भी लगा हुआ है।

Posted by Amar Ujala on Tuesday, 7 February 2023

वीडियो रिपोर्ट में 5 सेकेंड पर मंदिर के अंदर विवादित झंडा दिखता हैं.

वीडियो में दोनों समुदायों के लोग और मंदिर के पुजारी कहते हैं कि हिंदुओं और मुसलमानों के एक साथ प्रार्थना करने की प्रथा सदियों पुरानी परंपरा है.

बाद में आजतक और रिपब्लिक भारत ने भी इस मुद्दे पर रिपोर्ट की. इस दावे का पहले डिजिटल फ़ोरेंसिक, रिसर्च एंड एनालिटिक्स सेंटर (D-FRAC) ने भी फ़ैक्ट-चेक किया था.

कुल मिलाकर, छत्तीसगढ़ के एक मंदिर में जहां हिंदू और मुस्लिम एक साथ प्रार्थना करते हैं, जहां एक हिंदू देवता के पास लटके इस्लामी झंडे की तस्वीर भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर बिना किसी संदर्भ के शेयर की गई. कई पोस्ट में दावा किया गया कि मंदिर को वक्फ़ बोर्ड ने अपने कब्ज़े में ले लिया है.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.