सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल है जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग ‘भारत माता की जय’ और ‘आज़ादी’ के नारे लगा रहे हैं. बुर्का पहनी एक महिला के नेतृत्व में लोगों ने विपक्षी नेताओं को निशाना बनाते हुए नारेबाजी की. उन्होंने ‘राहुल गांधी से आजादी’, ‘अखिलेश से लेंगे आजादी’, ‘ममता दीदी से आजादी’ आदि के नारे लगाए.

भाजपा सदस्य अरुण यादव ने ये क्लिप ट्वीट करते हुए लिखा, “…अबे नई चीज हो गई राहुल गांधी से आजादी चाहिए इन लोगों को 😂😂😂 इनकी मदद की जाए.” इस वीडियो को 12 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया. (आर्काइव्ड लिंक)

दिल्ली के बीजेपी नेता रविंदर गुप्ता ने भी ये क्लिप ट्वीट की. उन्होंने लिखा, “अच्छे-अच्छों” में बदलाव आता है.” साथी ही उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की. (आर्काइव्ड लिंक)

ये वीडियो फ़ेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काफी ज़्यादा शेयर किया गया है. कई यूज़र्स ने इस वीडियो को रविंदर गुप्ता के इस कैप्शन के साथ शेयर किया, “अच्छे- अच्छों” में बदलाव आता है.”

ऑल्ट न्यूज़ को व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर (76000 11160) और ऐप पर इस वीडियो के वेरिफ़िकेशन के लिए कई रिक्वेस्ट मिलीं.

फ़ैक्ट-चेक

ट्विटर पर की-वर्ड्स सर्च करने पर हमने देखा कि ये वीडियो बीजेपी प्रवक्ता निघत अब्बास ने 2019 में ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा, “मेरे साथ मुस्लिम समुदाय ने कांग्रेस और केजरीवाल से आजादी की मांग करते हुए आवाज उठाई.”

यहां निघत अब्बास के ट्विटर प्रोफ़ाइल का स्क्रीनशॉट दिया गया है. उनके बायो में कहा गया है कि वो ‘@bjp4delhi की स्पोक्सपर्सन’ हैं.

निघत के वेरीफ़ाईड फ़ेसबुक पेज पर उन्हें ‘पॉलिटिशियन’ बताया गया है. निघत का फ़ेसबुक हैंडल ‘nighatabbassbjp‘ है.

ऑल्ट न्यूज़ ने ये भी देखा कि उन्होंने अरुण यादव के ट्वीट को कोट-ट्वीट किया था और साफ किया था कि ये वीडियो भाजपा नेता मनोज तिवारी के लिए 2019 के प्रचार के दौरान बनाया गया था.

पिछले साल फ़रवरी में, यूपी चुनाव के दौरान, ऑल्ट न्यूज़ ने खुलासा किया था कि कैसे TV9 भारतवर्ष ने रिपोर्ट किया था कि यूपी के बिजनौर में ‘मुस्लिम आवाजें’ बीजेपी का समर्थन कर रही हैं. हमने देखा कि चैनल ने जिन 11 ‘मुस्लिम वॉटर्स’ का इंटरव्यू लिया. उनमें से कम से कम सात बीजेपी के सदस्य या कार्यकर्ता थे. TV भारतवर्ष ने उन्हें आम मुस्लिम वोटर के तौर पर पेश किया था.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.