5 फ़रवरी, 2023 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर 2 ऐसे कार्यक्रम हुए जहां खुलेआम मुसलमानों और ईसाइयों को मारने-काटने की बात की गई. पहले कार्यक्रम का नाम ‘सनातन धर्म संसद’ था जो बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री के समर्थन में आयोजित किया गया था. और दूसरे कार्यक्रम को ‘हिन्दू आक्रोश प्रदर्शन’ का नाम दिया गया था जो सुदर्शन न्यूज़ के संपादक सुरेश चव्हाणके के समर्थन में था. दोनों कार्यक्रम में भीड़ इकठ्ठा करने के लिए गुरुकुल से बच्चे भी बुलाये गए थे. बच्चों के सामने जमकर स्टेज से नफ़रती भाषण दिए गए. ‘धर्म संसद’ के नाम पर दूसरे धर्म के लोगों के लिए अपशब्द और मारने-काटने की बातें की गईं.

‘सनातन धर्म संसद’ में हेट स्पीच

रिपोर्ट के अनुसार, इसमें बड़ी संख्या में साधु-संत और हिंदू संगठनों के लोग धीरेंद्र शास्त्री को Z+ सुरक्षा देने की मांग के साथ पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में शामिल होने वालों की मांग थी कि रामचरितमानस को ‘हिंदू राष्ट्र’ भारत का राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए. धीरेन्द्र शास्त्री के समर्थन में पहुंचे महामंडलेश्वर हरी सिंह ने भाषण के दौरान कहा कि उनकी उम्र 83 साल है और वो 80 लोगों को मार चुके हैं. वो ये भी कहते हैं कि वो 100 लोगों को मारने के बाद मरेंगे. वो खुले तौर पर भीड़ को मुसलमानों और ईसाइयों को मारने-काटने के लिए उकसाते हैं. साथ ही हथियार रखने के लिए कहते हैं.

हरि सिंह ने कहा, “ईसाइयों ने कहा तोड़ो बांटो राज करो, मुसलमानों ने कहा मारो-काटो – अरे भाई तुम कब मारो काटोगे, जब तुम मर जाओगे? कब मारोगे? अरे ईसाई मुसलमानों को कब मारोगे? अरे तुम्हारे पास क्या है जो मारोगे? इतनी सी चाकू है जिससे सब्जी काटते हो. उस चाकू से कुछ नहीं होने वाला है, हथियार रखो!”

इसी वीडियो में हरी सिंह पत्रकार नीरज झा के सवाल पर आगे कहते हैं, “हम तो प्यार की बात करते हैं. हमारे लिए तो पूरा विश्व एक है.” इस बीच पत्रकार कहता है कि आप तो गोली मारने की बात करते हैं? जवाब में ये ‘संत’ कहते हैं, “बिल्कुल गोली मारनी चाहिए. जो हमारे धर्म, बहू, बेटियां, गाय और ग्रंथों का अपमान करेगा, हमारे मंदिरों को तोड़ेगा, उसको तो मार ही देना चाहिए. छोड़ना नहीं चाहिए.”

एक अन्य वीडियो में हरी सिंह खुद को अखाड़े से बताते हुए कहते हैं, “कोई भी हमारा हिंदूवादी जो है, वो हमारे हिन्दू मानविदों की रक्षा नहीं करना चाहता, वो हिन्दू नहीं कहलाता. हमारे मठ, मंदिर, बहू, बेटी, घोड़े, साधू-संत, वेद, शास्त्र, पुराण. इन मान्विद्वों को जो नुकसान पहुंचाता है….उसे फांसी पे लटका देना चाहिए और दूसरी सज़ा है. फांसी में देर लगेगी, चौक पर लटका कर के सामूहिक तौर से गोली मरवा देना चाहिए.” भीड़: ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए.

“स्वामी प्रसाद मौर्या हो, शिक्षा मंत्री बिहार हो, अखिलेश हो, इन सारे राष्ट्रद्रोहियों को राष्ट्र से निकाल और बॉर्डर पर खड़े करके गोली से उड़ा दो.”

हरी सिंह कहते हैं, “जो गाय को काट के खाते हैं वो तुम्हें काट के खायेगा. 36 करोड़ देवता गाय में वास करते हैं और सूर्योदय से पूर्व 1.5 लाख गोवंस का वध कर दिया जाता है इस बेधर्मी ईसाई मुसलमानों के द्वारा. और गाय को खा जाते हैं जिसमें हमारे सारे देवता वास करते हैं. जो हमारे सनातन धर्म की मान्य है. अर्थव्यवस्था की मेरुदंड है. लोगों का निदान करने की लैब है.”

धर्म संसद में शामिल हुए BJP हरियाणा ने चीफ़ मीडिया को-ऑर्डिनेटर और करणी सेना के अध्यक्ष सूरजपाल अमू ने कहा, “देश हिंदू राष्ट्र था, है और रहेगा. जो ऐसा नहीं मानते हैं वो पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाएं.”

सूरजपाल अमू ये भी कहते हैं, ‘ये हिन्दू राष्ट्र ही है’. पत्रकार नीरज झा जब सवाल करते हैं कि संविधान तो नहीं कहता कि ये हिन्दू राष्ट्र है तो वो कहते हैं, “संविधान क्या कहता है ये आप समझो. मेरे हिसाब से ये हिन्दू राष्ट्र था, हिन्दू राष्ट्र है. मुग़ल चले गए, अंग्रेज़ चले गए तो ये हिन्दू राष्ट्र ही है.”

‘हिन्दू आक्रोश प्रदर्शन’ में हेट स्पीच

सुदर्शन न्यूज़ ने 5 फ़रवरी को अपने संपादक सुरेश चव्हाणके के समर्थन में हुई रैली पर 2 घंटे का ब्रॉडकास्ट किया. इस दौरान BJP हरियाणा ने चीफ़ मीडिया को-ऑर्डिनेटर सूरजपाल अमू ने भीड़ से सवाल करते हुए कहा, “सुरेश चव्हाणके को कोई हाथ लगाएगा तो उसे आप छोड़ोगे क्या? सुरेश चव्हाणके को कोई छेड़ेगा तो आप उसे छोड़ोगे क्या? हिन्दू राष्ट्र बनाने से हमें कोई रोकेगा उसे आप छोड़ोगे क्या? ईंट से ईंट बजा दोगे या नहीं. सुरेश चव्हाणके अकेला नहीं है. पूरे हिंदुस्तान का सवा सौ करोड़ हिन्दू सुरेश चव्हाणके के साथ है…सुरेश चव्हाणके कोई गाजर मूली नहीं जो उसको कोई उखाड़ के खा जायेगा. सुरेश चव्हाणके को अगर किसी ने रोका तो हम उसकी ईंट से ईंट बजा कर रख देंगे…मैं अनुरोध करना चाहता हूं आपसे. हम कुछ मांग नहीं रहे हैं, हम तो उन देशद्रोहियों को हिंदुस्तान से बाहर करने की मांग कर रहे हैं. जो हिंदुस्तान का खाते हैं और पाकिस्तान का गाते हैं.”

ये हिस्सा नीचे दिए गए वीडियो में 25 मिनट से सुना जा सकता है.

इसी वीडियो में 40 मिनट से गौरक्ष बीज से करण जी महाराज कहते हैं, “किसी ने भी चव्हाणके जी को हाथ लगाया उसका हाथ जड़ से उखाड़ देंगे…ये जो मुस्लिम हैं न इनसे डरने की ज़रूरत नहीं है. मुसलमान का अर्थ बता देता हूं, जो मुसल के मार से मानेगा वो मुसलमान है…एक जेहादी हमारी बहन बेटी के साथ ‘लव जिहाद’ कर देता है. और वो समाज चुप होके बैठ जाता है ये कहके कि हमारी जो बेटी थी वो हमने त्याग दी. अरे क्या त्याग दी. अरे उस जिहादी के घर में घुसकर उसके परिवार को निपटाओ न जाके. आगे से कोई इस तरह का व्यव्हार भी नहीं करेगा. उसके घर चलो. पता लगाना चाहिए कि एक हिन्दू की बेटी को इस प्रकार से बहला फुसलाकर निकालना क्या हो सकता है उसका अंज़ाम क्या हो सकता है. वो हमने देखना है क्या होना चाहिए. ये अदालत में चलेगा, वो चलेगा, रिलेशनशिप चला दी, उससे कुछ नहीं होने वाला. हमें आगे आकर बढ़ना पड़ेगा. हमें देखना पड़ेगा क्या करना है क्या नहीं करना है.”

देवसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजभूषन सैनी कहते हैं, “मित्रों, आज समय आ चुका है इस भारत को पुनः सनातन राष्ट्र बनाने का. 1947 में इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ. मुसलमानों को पाकिस्तान और बांग्लादेश मिल गए. लेकिन हम हिन्दुओं को मिला एक सेक्युलर राष्ट्र. उस समय के राजनेताओं ने हम हिन्दुओं के साथ विश्वासघात किया. इस भारत को हिन्दू राष्ट्र उस समय ही घोषित किया जाना चाहिए था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब ये हमारा कर्त्तव्य बनता है कि हम सब मिलकर इस भारत को सनातन राष्ट्र बनाने की दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें.”

सनद रहे कि सुरेश चव्हाणके के खिलाफ़ नफरती भाषण का एक मामला 2021 से चल रहा है. सुरेश चव्हाणके के नेतृत्व में हिंदू युवा वाहिनी द्वारा दिसंबर 2021 में आयोजित कार्यक्रम में ये भाषण दिया गया था. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की डिवीजन बेंच ने जांच अधिकारियों को 2 सप्ताह के अंदर प्रगति रिपोर्ट सौंपने को कहा. इसके बाद सुरेश चव्हाणके ने लोगों से हिन्दू संगठनों से समर्थन की मांग की और 5 फ़रवरी को जंतर-मंतर पर इकठ्ठा हुई भीड़ में फिर से नफरती भाषण दिए गए.

जंतर-मंतर पर भीड़ कैसे इकठ्ठा हुई?

4 फ़रवरी को बागेश्वर धाम के ट्विटर हैंडल से एक पोस्टर ट्वीट किया गया जिसमें लिखा था, “पहुंचो जंतर-मंतर, बागेश्वर धाम महाराज जी के समर्थन में.” इस आयोजन को ‘सनातन धर्म संसद” का नाम दिया गया. दिन रविवार, तारीख 5 फ़रवरी और समय सुबह 10 बजे.”

इसके बाद दिल्ली के जंतर-मंतर पर बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री के समर्थन में काफी भीड़ इकठ्ठा हो गई. इस कार्यक्रम का आयोजन बालाजी धाम शिष्य मंडल दिल्ली के प्रदीप खटकड़ ने किया. हमने इस पोस्टर पर दिए गए नंबर से संपर्क करने की कोशिश की. 2-3 बार कॉल का किसी ने जवाब नहीं दिया.

इसी तरह सुदर्शन न्यूज़ के संपादक सुरेश चव्हाणके ने 3 फ़रवरी को एक पोस्टर शेयर करते हुए लोगों से समर्थन की मांग की. और 5 फ़रवरी को सुबह 11 बजे लोगों से जंतर-मंतर पर अधिक से अधिक संख्या में इकठ्ठा होने की अपील की.

यानी, दोनों ही कार्यक्रम में धीरेन्द्र शास्त्री और सुरेश चव्हाणके की तरफ से ही भीड़ बुलाई गई. और इसमें शामिल हुए लोगों ने खूब दूसरे धर्म के खिलाफ़ ज़हर उगलने का काम किया.

विडंबना ये है कि दिल्ली पुलिस ने इन भड़काऊ भाषण के खिलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की लेकिन इसे रिपोर्ट करने वाले चैनल ‘मॉलिटिक्स’ को नोटिस दे दिया. दिल्ली पुलिस ने ये नोटिस मॉलिटिक्स के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए दिया.

इसमें लिखा है, “ये देखा गया है कि आप आपत्तिजनक, दुर्भावनापूर्ण और भड़काऊ पोस्ट करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं. नई दिल्ली जिले का साइबर पुलिस स्टेशन, दिल्ली पुलिस के नई दिल्ली जिले में साइबर अपराधों के लिए नोडल एजेंसी आपके खिलाफ धारा 149 सीआरपीसी के तहत आपत्तिजनक, दुर्भावनापूर्ण और भड़काऊ मैसेज पोस्ट करने के लिए नोटिस जारी करता है, जो कानून और व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. आपको यहां ऐसा करने से बचने का निर्देश दिया जाता है, ऐसा न करने पर आप कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत सख्त दंडात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदाई होंगे.”

दिल्ली पुलिस के नोटिस पर मॉलिटिक्स ने भी जवाब दिया है. मॉलिटिक्स ने लिखा, “ये जानकर अच्छा लगा कि दिल्ली पुलिस भी हेट स्पीच के खिलाफ है. लेकिन ये दुखद है कि दिल्ली पुलिस हेट स्पीच देने वाले नफरती लोगों के खिलाफ़ कार्रवाई करने बजाय हमारी संस्था को नोटिस भेज रही है.”

हमने दिल्ली पुलिस से इस मामले पर बात करने की कोशिश की. हमारी उनसे बात नहीं हो पायी लेकिन नोटिस जारी करने वाले इंस्पेक्टर विजय पाल सिंह ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, “हां नोटिस तो मैंने ही जारी किया है लेकिन मैं इस बारे में कुछ नहीं बताऊंगा. मुझे इस पर कुछ बोलने की परमिशन नहीं है.”

ये कोई पहली बार नहीं है. 2021 में जंतर-मंतर पर BJP नेता अश्विनी उपाध्याय के नेतृत्व में खुले तौर पर मुसलमानों के खिलाफ़ नरसंहार का आह्वान किया गया था. दिसंबर, 2021 में उत्तराखंड में यति नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा आयोजित एक ‘धर्म संसद’ में भी मुसलमानों को मारने काटने की बातें की गई थीं. हाल ही में ऑल्ट न्यूज़ ने एक रिपोर्ट पब्लिश की है जिसमें हमने देखा कि कैसे टी राजा समेत अन्य BJP नेतागण ‘हिंदू जन आक्रोश मोर्चा’ नामक एक मार्च के दौरान मुसलमानों के खिलाफ़ हिंसा का आह्वान कर रहे हैं.

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