एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें ड्रोन के जरिए रांची पुलिस छतों पर निगरानी कर रही है. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि रामनवमी के पहले कुछ छतों पर पत्थर पाए गए. इससे किसी साजिश की ओर इशारा किया जा रहा है, साथ ही कई राइट-विंग यूज़र्स इसे सांप्रदायिक रंग देते हुए शेयर कर रहे हैं.

राइट विंग यूज़र रितिक ने वीडियो को सांप्रदायिक ऐंगल देते हुए कहा कि रांची पुलिस को रामनवमी से पहले 10 छतों पर पत्थर के ढेर मिले हैं. साथ ही उसने लिखा कि आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि ये 10 घर किस समुदाय के लोगों का है.

राइट विंग ट्रोल अजीत भारती ने वीडियो शेयर करते हुए सांप्रदायिक रंग दिया और इसे रामनवमी पर हमले की साजिश बताया.

पूर्व भाजपा प्रवक्ता नवीन कुमार जिंदल ने वीडियो सांप्रदायिक ऐंगल के साथ शेयर किया और कहा कि ये किस समुदाय के घर हैं?

राइट विंग टीवी पैनलिस्ट और भाजपा समर्थक आनंद रंगनाथन ने वीडियो शेयर करते हुए सनसनीखेज तरीके से पेश किया.

इसी प्रकार कई मीडिया आउटलेट्स, राइट-विंग यूज़र्स ने इसे सनसनीखेज और सांप्रदायिक एंगल के साथ शेयर किया. इसमें नवभारत टाइम्स, टाइम्स नाउ नवभारत, राइट विंग प्रॉपगेंडा वेबसाइट ऑपइंडिया, आरएसएस की मुखपत्रिका पंचजन्य, आनंद रंगनाथन, अमिताभ चौधरी, अंशुल सक्सेना, रौशन सिन्हा, इत्यादि शामिल हैं.

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फ़ैक्ट-चेक

हमने इस मुद्दे पर रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा से बात की. उन्होंने बताया, “इस मामले में कोई कम्युनल एंगल नहीं है और नोटिस पाने वाले मकान मालिक किसी एक समुदाय के नहीं हैं.” उनके अनुसार, यह प्रशासन की एक रूटीन प्रेक्टिस है जिसमें जुलूस या शोभायात्रा निकाले जाने वाले रास्ते की निगरानी की जाती है और ध्यान रखा जाता है कि यात्रा के बीच आने वाले बिल्डिंग्स के छत पर किसी भी प्रकार के पत्थर या कंस्ट्रक्शन से जुड़ी सामग्री जैसे ईंट, बालू, गिट्टी इत्यादि मौजूद ना हो.

लगभग 10 घरों के मालिकों को नोटिस भेजा गया जिनमें छत पर कंस्ट्रक्शन से जुड़ी सामग्री, इत्यादि मौजूद थे. उन्हें रामनवमी तक के लिए हटा लिए जाने का निर्देश दिया गया है.

रांची पुलिस ने इसको लेकर ट्विटर पर एक बयान जारी करते हुए इस मामले में कोई षड्यंत्र या कम्यूनल एंगल होने से इनकार किया और कहा कि यह एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है जिसे कई ज़िलों में किया जाता है.

कुल मिलाकर, कई राइट विंग यूज़र्स और न्यूज़ आउटलेट्स ने रांची पुलिस द्वारा ड्रोन से निगरानी किए जाने वाले रूटीन प्रैक्टिस का वीडियो सनसनीखेज और कम्यूनल रंग देकर शेयर किया.

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).