सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी ज़्यादा शेयर किया जा रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि सड़क को जाम करने के लिए मेज और कुर्सियों की कई लाइन्स लगी हैं. दावा किया जा रहा है कि सड़क को इफ्तार के लिए जाम किया जा रहा है और ये दृश्य, पश्चिम बंगाल के कोलकता के हैं.

एक X (ट्विटर) यूज़र ने 7 अप्रैल को ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “सडक पर नमाज़ के बाद पेश है सडक पर इफ्तार पार्टी. वीडियो पश्चिम बंगाल के कोलकाता से है. #NamoAgain2024.”

वायरल वीडियो की सच्चाई का पता करने के लिए ऑल्ट न्यूज़ को व्हाट्सऐप पर कई रिक्वेस्ट मिलीं.

कई अन्य यूज़र ने इस वीडियो को फ़ेसबुक और X पर इसी कैप्शन के साथ शेयर किया.

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फ़ैक्ट-चेक

हमने रिवर्स इमेज सर्च किया जिससे हमें इंडिया टुडे की 1 अप्रैल की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट था. रिपोर्ट में बताया गया है कि इफ्तार पार्टी का आयोजन कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ ज़िले में मंगलुरु के मुदिपु जंक्शन पर किया गया था.

हमें इस घटना पर PTI की एक रिपोर्ट भी मिली जिसे कई मीडिया आउटलेट्स ने पब्लिश किया. द प्रिंट की एक रिपोर्ट में कहा गया है, “इफ्तार पार्टी का आयोजन उल्लाल तालुक में राज्य राजमार्ग पर मुदिपु जंक्शन पर किया गया था, जो दक्षिण कन्नड़ ज़िले के नए IT हब की ओर जाने वाला एक व्यस्त चौराहा है. कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होने के बाद ECI ने इस पर संज्ञान लिया. इस घटना ने सड़क के एक तरफ यातायात को जाम कर दिया था, जिससे मोटर चालकों और पैदल चलने वालों के लिए उस दौरान 4 घंटे से ज़्यादा समय तक चलना मुश्किल हो गया था.

भारत निर्वाचन आयोग ने कार्यक्रम के मुख्य आयोजक अबुबकर सिद्दीकी को चुनाव आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए नोटिस भेजा.

इसके अलावा, हमने वायरल वीडियो में दिख रहे जगह को जियोलोकेट किया. गूगल स्ट्रीट व्यू वायरल वीडियो से मेल खाता है और साफ दिखता है कि क्लिप में दिख रहा इलाका मुदिपु, कर्नाटक है न कि कोलकाता.

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कुल मिलाकर, ये साफ है कि बीच सड़क पर इफ्तार पार्टी का वायरल वीडियो कोलकाता का नहीं है. ये घटना कर्नाटक के मंगलुरु में हुई थी.

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