सोशल मीडिया में एक बच्ची की दो तस्वीरों को व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है। @RealHistoriPix की ट्वीट में दावा किया गया है कि बच्ची को अगवा कर उसे भीग मांगने पर मज़बूर किया गया।
एक अन्य ट्विटर उपयोगकर्ता @hemirdesai ने दावा किया है कि,“इसे मैंगलोर में तमिल भिखारियों के साथ देखा गया था” और उसे मुंबई के एक ट्रैन में पाया गया है। उपयोगकर्ता ने दावा किया है,“बच्ची का नाम सोनल बिपिन पटेल” है।
The beautiful girl was seen in mangalore with Tamil beggars pls forward until it reaches the right parent and she is identified.
Found from a train coming Mumbai. Kindly Identified her.
Her name is Sonal Bipin Patel@CPMumbaiPolice @MumbaiPolice @compolmlr pic.twitter.com/kCBOnQyXWx
— Hemir Desai (@hemirdesai) July 17, 2019
इस समान दावे को तमिल भाषा में भी साझा किया गया है,”அழகிய பெண் குழந்தை மங்கலூரில் தமிழ் பிச்சைக்காரோட வலம் வ௫கிறது இதை பெற்றோர் கவணத்திற்கு சொல்லும் வரை பல௫க்கு பகி௫ங்கள்”-(अनुवाद: इस खूबसूरत बच्ची को मैंगलोर में तमिल भिखारियों के साथ देखा गया है, प्लीज़ इसे तब तक फॉरवर्ड करे जब तक यह अपने असली माता पिता तक न पहुंच जाये और इसकी पहचान न हो जाये। यह मा-बाप के ध्यान देने लायक है।)
इस बच्ची की तस्वीरों को व्हाट्सअप पर भी साझा किया गया है।
यह तस्वीर बांग्लादेश की है
तस्वीर में उपलब्ध कुछ संकेत हैं, जिससे हमें यह मालूम हुआ कि यह तस्वीर भारत की नहीं है बल्कि बांग्लादेश की है।
1. बच्ची के हाथ में बांग्लादेश के नोट है।
लड़की के हाथ में मौजूद चलन मुद्रा को ध्यान से देखने पर उसमें बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर दिखाई देती है।
2. बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स
इस तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें बांग्लादेश के कई मीडिया रिपोर्ट्स मिले। 13 जुलाई, 2019 को Ajker Comilla की एक रिपोर्ट में, आसिफ अकबर द्वारा की गई फेसबुक पोस्ट के आधार पर, लड़की को दो साल पहले बेगर्हैट के एक बाजार से अगवा किया गया था। हाल ही में एक व्यक्ति ने ढाका के बनानी में इस बच्ची की तस्वीर ली थी। बच्ची के चाचा ने इसे पहचान लिया और इस तस्वीर को लेने वाले व्यक्ति से संपर्क किया। हालांकि, जब यह दोनों उसी जगह बनानी में वापस गए तो वह बच्ची वहां से गायब हो गई थी। फेसबुक पोस्ट में दावा किया गया है कि बच्ची के पिता चिट्टागोंग में काम करते है और मोबाइल का उपयोग नहीं करते है। पोस्ट में आग्रह किया गया है कि,“अगर किसी को इस बच्ची के बारे में कुछ भी पता चलता है तो पुलिस या बच्ची के चाचा को संपर्क करे”-(अनुवाद)। यह पोस्ट दो मोबाइल नंबर से समाप्त होती है, जिसमें से एक बच्ची के चाचा का नंबर है और दूसरा इक़बाल कबीर का नंबर है जो कि बागपारा उपजिला प्रेस क्लब के अध्यक्ष है।
ऑल्ट न्यूज़ ने कबीर से संपर्क किया और उन्होंने बताया कि यह बच्ची दो साल पहले बेगर्हैट से अगवा की गई थी। कबीर ने बताया कि,“इस तस्वीर को अपलोड करने के बाद, बच्ची के चाचा ने दावा किया कि यह उनकी भतीजी है”-(अनुवाद), बाद में उन्होंने कहा कि वे बच्ची की तस्वीर के बारे में पता लगाने में असमर्थ रहे है, क्योंकि अभी तक बच्ची के माता पिता से संपर्क नहीं कर पाए है। उन्होंने बताया कि,“10 दिन तक हम बच्ची के माता-पिता से संपर्क करने की कोशिश की मगर हम नाकामयाब रहे”-(अनुवाद)।
हमें WAB News24 नामक स्थानीय वैबसाइट पर एक खबर मिली, जिसके अनुसार एक अन्य परिवार ने तस्वीर में दिख रही बच्ची को अपना बताया है। एक संगठन के स्वयंसेवक, लड़की की तलाश करते हुए एक व्यक्ति के पास पहुंचे जिसने कहा कि लड़की को ब्राह्मणबरिया रेलवे स्टेशन पर देखा गया था। इससे मदद लेकर WAB ने दावा किया कि उन्होंने बच्ची के पिता, अब्दुल मियां का पता लगा लिया है। उसके परिवार वालों और पड़ोसियों से बात करते हुए, WAB ने दावा किया कि यह बच्ची अब्दुल मियां की है ना कि अगवा की गई बच्ची है।
जब ऑल्ट न्यूज़ ने इक़बाल से WAB जांच के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि यह हो सकता है कि तस्वीर में दिख रही बच्ची अब्दुल मियां की हो क्योंकि वह भी रोजगार के लिए भीख मांगने का काम करते हैं।
बांगलादेश से बच्ची की तस्वीर को, जिसकी पहचान की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है, उसे सोशल मीडिया पर अगवा करके बच्ची को भारतीय सड़कों पर भीख मंगवाने के दावे से साझा किया गया है।
भाजपा की मीडिया पेनलिस्ट निघट अब्बास ने भी ट्वीट करते हुए यह दावा किया है कि “ये छोटी बच्ची मंगलूरु में कुछ तमिल भिखारियों के साथ मिली।” (आर्काइव)
ये छोटी बच्ची मंगलूरु में कुछ तमिल भिखारियों के साथ मिली।
कृपा करके इस फ़ोटो को इतना शेयर करें की इस बच्ची के असली परिवार तक ये पहुँच जाए। pic.twitter.com/gCbt1vfN0I
— Nighat Abbass (@abbas_nighat) July 19, 2019
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