“कर्फ्यू और मीडिया ब्लैकआउट में क्रांति नहीं हो सकतीं जो मानव अधिकारों के गंभीर उल्लंघन के परिणामस्वरूप उभरती हैं। भारतीय सरकार अब भी कश्मीर को अलग करना चाहती है। निहत्थे व्यक्ति, महिलाओं, बच्चों पर भारतीय सेना द्वारा हमले किए जा रहे। अमानवीय!” -( अनुवाद)

इन शब्दों के साथ, 24 अगस्त, 2019 को पाकिस्तानी पीएम इमरान खान की अध्यक्षता वाली राजनीतिक पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI), ने एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें दावा किया गया कि यह भारतीय सेना द्वारा कश्मीरियों पर कथित क्रूरता को दर्शाता है। वीडियो को अब तक 86,000 से अधिक बार देखा जा चूका है।

उपरोक्त ट्वीट को 3500 से अधिक बार रिट्वीट किया गया। भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के प्रमुख प्रावधानों को अप्रभावी करने के साथ ही, सभी राजनीतिक पक्षों से सोशल मीडिया में गलत सूचनाओं को व्यापक रूप से साझा किया गया है।

PTI ने पुराना वीडियो ट्वीट किया 

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ द्वारा ट्वीट किया गया और कश्मीर घाटी में हाल ही की घटना के दावे से साझा किया गया वीडियो, वास्तव में दो पुराने वीडियो को जोड़कर बनाया गया है।

PTI द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो में, एक स्थानीय समाचार चैनल, जेके न्यूज़, का लोगो 23 अगस्त, 2019 की तारीख के साथ नीचे दाएं कोने में देखा जा सकता है। इससे पता चलता है कि वीडियो हाल ही में साझा किया गया है। इसके अलावा, फेसबुक लाइव का चिह्न स्क्रीन के ऊपरी बाएं कोने में देखा जा सकता है।

जून 2018 की घटना

ऑल्ट न्यूज़ ने इनविड का उपयोग करके वीडियो को कई फ़्रेमों में तोड़ा और इनमें से कुछ फ़्रेमों के रिवर्स-सर्च किए। हमने पाया कि वीडियो का पहला भाग यानी 0:00 से 1:29वें मिनट तक, 2018 में कश्मीर में हुए एक विरोध प्रदर्शन से संबंधित है। इसके विवरण के अनुसार, लोगों और सुरक्षाकर्मियों के बीच यह झड़प श्रीनगर के HMT क्षेत्र में हुई थी।

ऑल्ट न्यूज़ ने जून 2018 के समाचारों को देखा तो पाया कि कश्मीर के अनंतनाग में इस्लामिक स्टेट (IS) के जम्मू-कश्मीर प्रमुख के एक मुठभेड़ में मारे जाने के एक दिन बाद, श्रीनगर के बाहरी इलाके में विरोध प्रदर्शन हुए थे।

हमने 2018 के वीडियो के साथ PTI द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो के प्रमुख फ़्रेमों की तुलना की तो पाया कि दोनों एक ही घटना के वीडियो हैं।

2017 की घटना

PTI द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो का दूसरा भाग यानी, 1:29वें मिनट से आगे, एसोसिएटेड प्रेस द्वारा प्रकाशित जम्मू-कश्मीर में हिंसा के एक वीडियो से संबंधित है। यह वीडियो जुलाई 2017 का है और इसे नीचे पोस्ट किया गया है। इसके विवरण में कहा गया है, “बुधवार को भारतीय नियंत्रित कश्मीर के मुख्य शहर के निवासी विवादित क्षेत्र में भारतीय सैनिकों से गोलीबारी में दो अन्य आतंकवादियों के साथ मारे गए एक युवा विद्रोही का शव ले जा रहे थे, जिससे सरकारी बलों ने शॉटगन से पैलेट और आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस महानिरीक्षक मुनीर अहमद खान ने कहा कि पश्चिमी रेडबूग गांव में रात में, भारतीय सैनिकों के छापा मारने के बाद गोलीबारी शुरू हुई- अनुवाद।

फिर से ऑल्ट न्यूज़ ने इन दोनों वीडियो की तुलना की और पता लगाया कि वे एक ही घटना से संबंधित हैं।

अंत में, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी द्वारा ट्विटर पर पोस्ट किया गया वीडियो, 2018 और 2017 के दो वीडियो का एक एडिटेड वीडियो है। वे जम्मू-कश्मीर के हाल के घटनाक्रमों से संबंधित नहीं हैं। बूम ने इस दावे की पहले भी जाँच की थी।

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About the Author

Arjun Sidharth is a writer with Alt News. He has previously worked in the television news industry, where he managed news bulletins and breaking news scenarios, apart from scripting numerous prime time television stories. He has also been actively involved with various freelance projects. Sidharth has studied economics, political science, international relations and journalism. He has a keen interest in books, movies, music, sports, politics, foreign policy, history and economics. His hobbies include reading, watching movies and indoor gaming.