“इसरो ब्राह्मणवादी है और अल्पसंख्यक विरोधी भी चाँद पर विक्रम ही क्यों भेजा उस्मान अब्दुल या पीटर क्यों नहीं?
चन्द्रयान से क्या हासिल होगा हजार करोड़ फूक दिए दक्षिण की सतह पर उतर कर केवल सेल्फी लेने के लिए जबकि आज भी भारत मे एक कटोरा दाल भात के लिए लोग मर रहे है .! #RavishKumar”
सोशल मीडिया में उपरोक्त संदेश को भारतीय पत्रकार रवीश कुमार का बताकर उनकी एक तस्वीर के साथ साझा किया गया है।
यह बयान समान तस्वीर के साथ ट्विटर और फेसबुक पर भी प्रसारित है।
फ़र्ज़ी बयान
सोशल मीडिया में प्रसारित इस बयान की जांच करने पर हमने पाया कि यह एक फ़र्ज़ी बयान है, जिसे पत्रकार रवीश कुमार के हवाले से साझा किया गया है। अगर रवीश कुमार ने ऐसा कोई भी विवादास्पद बयान दिया होता तो मीडिया संगठन इसे खबर के रूप में प्रकाशित करते, क्योंकि वह एक प्रतिष्ठित पत्रकार है। लेकिन हमने पाया कि ऐसी कोई भी खबर मीडिया द्वारा प्रकाशित नहीं की गई है।
हमने इस बात की पुष्टि करने के लिए रवीश कुमार से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि उनके नाम से प्रसारित किया गया बयान फ़र्ज़ी है। उन्होंने ऑल्ट न्यूज़ से हुई बातचीत में बताया कि,”इस तरह का बयान मैंने तो दिया नहीं। कब तक लोग मेरी तस्वीर लगाकर झूठी बातें फैलाते रहेंगे”।
हाल ही में उन्हें रेमॉन मैगसेसे सम्मान प्राप्त हुआ है, जिसके बाद उनके आलोचक उन पर ऐसी गलत सूचनाओं से निशाना साध रहे है जैसे 2013 के वीडियो को क्लिप करके हाल के एक अन्य वीडियो के साथ गलत दावे से प्रसारित किया गया था, जिस पर ऑल्ट न्यूज़ द्वारा की गई पड़ताल आप यहां पर पढ़ सकते है।
हालांकि, पत्रकार रवीश कुमार पर पहले भी गलत सूचनाओं के माध्यम से निशाना साधा गया है।
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