16 जून को, भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद ने हिंसक रूप धारण कर लिया. भारत की तरफ से लद्दाख की गालवान घाटी में 20 सैनिकों की मौत की रिपोर्ट आई है.

रिपोर्ट आने के तुरंत बाद, झड़प के दौरान “43 चीनी सैनिकों के मारे जाने” की ख़बर फैलनी शुरू हो गई. इस जानकारी को डीडी न्यूज़ ने ‘एजेंसी रिपोर्ट्स’ के हवाले से ट्वीट किया.

नवजीवन, इंडिया टीवी और एबीपी न्यूज़ जैसे मीडिया संस्थानों ने भी ऐसा ही दावा किया.

मेजर गौरव आर्या, इंडिया टीवी के ऐंकर रजत शर्मा और सुशांत सिन्हा, एबीपी न्यूज़ के पत्रकार सुमित अवस्थी, न्यूज़ एक्स के ऐंकर शहज़ाद पूनावाला जैसे लोग भी इसी नाव पर सवार हो गए.

ट्विटर हैंडल News Line IFE ने गौरव आर्या के हवाले से यही दावा किया. ऑल्ट न्यूज़ की पहले की गई एक फ़ैक्ट चेक रिपोर्ट में, News Line IFE पांच चीनी सैनिकों के मारे जाने के अपुष्ट दावे का सोर्स बनकर सामने आया था.

ऑपइंडिया, इसकी एडिटर नुपुर शर्मा और ट्विटर यूजर द स्किन डॉक्टर ने भी 43 चीनी सैनिकों की मौत की ‘न्यूज़’ को प्रसारित किया.

इंडिया टुडे के ऐंकर राजदीप सरदेसाई ने लिखा कि ANI ने “चीनी सूत्रों” के हवाले से दावा किया है कि “झड़प में 43 चीनी सैनिक मारे गए हैं”. उन्होंने आगे लिखा कि इस बारे में चीन की तरफ से कोई पुष्टि नहीं हुई है.

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने लिखा, “43 चीनी सैनिक भी मारे गए”.

फ़ैक्ट-चेक

ये दावा न्यूज़ एजेंसी ANI के ट्वीट के आधार पर किया गया था, जिसमें “सूत्रों” के हवाले से कहा गया था कि चीन की तरफ से कुल 43 (मृत और घायलों को मिलाकर) लोग हताहत हुए हैं.

ANI live services के संपादक ईशान प्रकाश ने ANI के ट्वीट को क़ोट करते हुए लिखा, “चीन की तरफ़ से मरने/घायल होने वालों की संख्या की पहली पुष्टि”, जो कि ‘हताहत’ शब्द का अर्थ है’.

ध्यान देने वाली बात है कि ANI ने मारे गए चीनी सैनिकों का सटीक आंकड़ा नहीं दिया बल्कि ये लिखा कि “43” की संख्या मृत और घायलों, दोनों को मिलाकर है.

आधिकारिक आंकड़े क्या कहते हैं?

चीन की सरकार ने अपनी तरफ के हताहतों की संख्या उजागर नहीं की है. चीन के ग्लोबल टाइम्स के एडिटर-इन-चीफ़ ने आज सुबह एक ट्वीट किया था. इसके अलावा, चीन को हुए नुकसान का आधिकारिक आंकड़ा इंडियन आर्मी ने भी नहीं जारी किया है.

डिफ़ेंस मामलों के पत्रकार शिव अरूर ने ट्वीट किया, “चीन के नुकसान पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है, हर तरफ लीक्स/सोर्स से मिली जानकारी घूम रही है.”

इंडियन एक्सप्रेस में डिप्टी एडिटर सुशांत सिंह ने भी ट्वीट किया कि चीन को हुए नुकसान, “43 या 430 या कुछ भी” पर आर्मी की तरफ कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

इसलिए, कथित तौर पर चीन को हुआ नुकसान बताने वाले ANI के ट्वीट में, मृत और घायल, दोनों की बात की गई थी. इसे “43 चीनी सैनिकों की मौत” बताकर ग़लत ढंग से प्रचारित किया गया. गौर करने वाली बात है कि न तो चीन ने और न ही किसी प्रतिष्ठित डिफ़ेंस जर्नलिस्ट ने पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के हताहतों की संख्या की पुष्टि की है.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.