ज़ूम कॉल पर ऑनलाइन क्लास ले रहे एक 55 वर्षीय टीचर को परेशान किये जाने की खबर ‘इंडिया टुडे’, ‘द ट्रिब्यून’ और ‘IB टाइम्स’ ने चलाई.

इस मामले में हिन्दी मीडिया संगठन भी पीछे नहीं रहे. ‘प्रभात खबर’ और ‘इंडिया टीवी’ ने इसी खबर को पब्लिश किया.

‘द ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट को कोबरापोस्ट ने ट्वीट किया है.

देखते ही देखते ये स्टोरी सोशल मीडिया में वायरल हो गई. नीचे शामिल किये गए ट्वीट को 14 हज़ार से ज़्यादा बार लाइक और 7 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है.

फ़ैक्ट-चेक

हमें मालूम हुआ कि ये कहानी हकीकत नहीं बल्कि गढ़ी गयी है. इसे 30 जून को बांग्लादेश के सैयद मोहम्मद फ़हीम ने फ़ेसबुक पर पोस्ट किया था. इस पोस्ट के आखिर में सैयद बताता है, “मैं ये मनगढ़ंत कहानी उन सभी टीचर को समर्पित करता हूं जिन्हें ज़ूम कॉल के ज़रिए ली जा रहे ऑनलाइन क्लासेज़ के दौरान बेशर्म छात्र परेशान करते हैं.”

बाद में इस कहानी को 16 जुलाई को एक इंस्टाग्राम पेज ‘Ted The Stoner’ ने शेयर की थी. इसके 2 हफ़्ते बाद मीडिया आउटलेट्स ने इस कहानी को न्यूज़ के तौर पर चलाया. इंस्टाग्राम पेज ने सैयद मोहम्मद फ़हीम के पोस्ट से ‘काल्पनिक’ शब्द को हटा दिया और बाकी टेक्स्ट को एक तस्वीर के साथ शेयर कर दिया. इसी तस्वीर को बाद में मीडिया संगठनों ने भी अपनी रिपोर्ट्स में यूज़ किया.

 

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This definitely deserved a share. Read,understand, implement. Trolling ≠ bullying(This is a Fictional story for those asking) Principal suddenly called the 55 year old teacher and told him to learn how to take class online.He doesn’t have much to say as he knows that if he denies he will be laid off, at this age in this situation he can’t do any other job, to pay for his family he has no choice. Unwillingly he takes his smart phone to his daughter. His daughter helped him to understand the basic of Zoom, his hands often shake to go around the tabs, he often freezes trying to understand how this thing works but he has no choice. The next day he goes to a market to buy a new white board. The price of these small board soared up, but without these how can he take the class? He took the board in a rickshaw and came home. Placed the board in a chair and started practicing the lesson. It was harder than he thought, staring at a camera and teaching but he has no choice. The next day he wore a new shirt, will be seeing his students after one and half month, his daughter helped him to setup the smart phone, and the students were added and the class went on. He was shaky, his voice cracked every now and then he was nervous but he has no choice. Suddenly an unknown ID started using slang at him, the F word, the A word, open threats. He couldn’t understand how should he react, he shouted out of anger and embarrassment, a teacher is being humulated infront of his students. His life work of earning respect from his students seemed to vanish in seconds. His daughter taught him to mute students but the student could unmute himself, the student kept on using slangs and he did it for entertainment. The only thing the teacher could do was to end the class, as he has no choice. He called for his daughter, she came running and saw her father in tears, she held him tightly tried to calm him down but he kept crying as he never faced such humiliation in his life. That he had troubled sleeping that night, as he knew the next day he has to wake up and face the same ordeal as he has no choice. Note:Abusing a teacher doesn’t make you cool, It makes you sick. Credits: Syed Mohamad Fahim/FB

A post shared by Ted The Stoner (@tedthestoner) on Jul 15, 2020 at 10:14pm PDT

ये तस्वीर असलियत में कहां से ली गई है?

रिवर्स इमेज सर्च करने पर मालूम हुआ कि ये तस्वीर एक असली ऑनलाइन क्लास का ही दृश्य है जिसे किसी ने स्क्रीनशॉट लिया था. फ़ेसबुक पर की-वर्ड्स सर्च करने से 29 जून को बांग्लादेशी यूज़र हाफ़िज़ आर रहमान द्वारा शेयर किया हुआ ये वीडियो मिला. वीडियो में स्टूडेंट्स बांग्लादेशी लहज़े की बंगाली में बात कर रहे हैं. ये स्टूडेंट्स क्लास के दौरान टीचर का मज़ाक उड़ा रहे हैं.

रहमान ने पोस्ट में बताया कि वीडियो में दिख रहे टीचर का नाम मोहिउद्दीन है. ये वीडियो उस वक़्त का है जब मोहिउद्दीन माइलस्टोन कॉलेज, ढाका के छात्रों को ऑनलाइन पढ़ा रहे थे. रहमान ने दावा किया कि वो इस कॉलेज के पूर्व छात्र है और इस टीचर को व्यक्तिगत तौर पर जानते है.

रहमान ने एक और वीडियो शेयर करते हुए बताया कि उसने कॉलेज को इस घटना की जानकारी दी है ताकि बदमाश छात्रों को इसकी सज़ा दी जा सके. रहमान ने दावा किया कि उसने एक लड़के के बारे में भी कॉलेज को जानकारी दी है. कुछ लोगों ने रहमान से टीचर के इस वीडियो को हटाने की भी मांग की लेकिन उसने बताया कि वो सिर्फ़ तभी इस वीडियो को हटाएगा जब कॉलेज उस छात्र के खिलाफ़ कार्रवाई करेगा जिसकी जानकारी रहमान ने शेयर की है.

 

অনলাইনে যে স্যার টা ক্লাস নিচ্ছেন উনি স্বনামধন্য মাইলস্টোন কলেজের পদার্থবিজ্ঞানের শিক্ষক “মহিউদ্দিন স্যার”।

আমি মাইলস্টোন এর শিক্ষার্থী থাকাকালীন উনার সরাসরি ছাত্র ছিলাম।
প্রচন্ড আত্নসংযম এবং অমায়িক লোক উনি।
আমি উনার সম্পর্কে যা জানি তার কিছুটা এরকম ” উনি একসময় বড় মাপের বিজনেসম্যান ছিলেন কিন্তু কোন এক অজানা কারনে উনার ব্যাবসা লস হয়। উনি যুক্তরাষ্ট্রের একটা ইউনিভার্সিটির ও লেকচারার ছিলেন।পরে উনি অনলাইনে অনেক স্বনামধন্য বিশ্ববিদ্যালয়ে ক্লাস করাতেন। ”

মহিউদ্দিন স্যারকে অনেক কাছ থেকে দেখার সুযোগ আমার হয়েছে। উনার ক্লাসে কমবেশি সবাই একটু দুস্টুমি করত।
স্যার তেমন কিছু রাগ করতেন না আবার খেপে গেলে পিটাতেন।
অনেকে এমন ছিল যে স্যারের পিটানি খেয়েও হাসত। স্যার একবার স্ট্রোক ও করেন। এরপরও উনি শিক্ষার্থীদের শেখাবার জন্য কখনো ক্লান্ত হননা।

খুব মজাদার এই লোকের ক্লাসে এক অভদ্র ছেলের কান্ড দেখুন। আমি যতটা জানিল মাইলস্টোন কলেজে সামর্থ্যবান ব্যাক্তির ছেলেমেয়ে না হলে পড়তে পারে না। খরচে কুলায় না। সে হিসেবে মোটামুটি শিক্ষিত ফ্যামিলির ছেলেমেয়ে ছাড়া মাইলস্টোনের শিক্ষার্থী নেই।
কিন্তু কোন শিক্ষিত ফ্যামিলি এমন কুলাংগার জন্ম দিল কে জানে?

আমরা স্যারদের সাথে ফ্রী ছিলাম, স্যারদের সাথে অনেক মজাদার সময় পার করেছি, ডান্স করেছি, গান গাইছি কিন্তু কখনো বেয়াদবি করিনি৷

মাইলস্টোন কলেজের প্রাক্তন শিক্ষার্থী হিসেবে আমার সকল শ্রদ্ধেয় স্যারের প্রতি আবদার এই ছেলেকে খুজে বের করে উপযুক্ত শাস্তির আওতায় আনা হোক যেন এটা দৃষ্টান্ত হয়ে থাকে 🙂

নোটঃ- অনেকে আপডেট জানতে চেয়েছিলেন যে কি হলো?
প্রশাসন বা কলেজ অথরিটি কি সিদ্ধান্ত নিল
তাদের জন্য পরবর্তী আপডেট
লিংক ঃ- https://www.facebook.com/100011736819091/posts/1092216301179587/?app=fbl

Posted by Hafiz R Rahman on Monday, 29 June 2020

इस तरह 55 वर्षीय टीचर को ज़ूम के माध्यम से ली जा रही ऑनलाइन क्लास के दौरान परेशान करने और टीचर को गाली दिए जाने की कहानी असलियत में बांग्लादेश में हुई एक सच्ची घटना से प्रेरित है. जिस व्यक्ति ने इस पूरी कहानी को पहले शेयर किया था उसने खुद इस कहानी को काल्पनिक बताया है. लेकिन मीडिया संगठनों ने इस कहानी के मूल सोर्स सैयद मोहम्मद फ़हीम तक न पहुंच कर इंस्टाग्राम पेज के हवाले से ये खबर चला दी. ये इंस्टाग्राम अकाउंट असल में मीम और जोक्स को शेयर करता रहा है. ये बात गौर करने वाली है कि इंस्टाग्राम पोस्ट में फ़हीम का नाम लिया गया था लेकिन किसी भी मीडिया संगठन ने इस खबर की हकीकत जानने की कोशिश नहीं की. इस खबर को शेयर करने वालों में शामिल ‘इंडिया टुडे’ का अपना एक फ़ैक्ट-चेकिंग विभाग है जो इंटेरनेशनल फ़ैक्ट चेकिंग नेटवर्क (IFCN) से प्रमाणित है.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.