ज़ी न्यूज़, APB गंगा और न्यूज़18 यूपी समेत कुछ अन्य चैनलों ने टाइम मैगज़ीन के बारे में एक न्यूज़ ब्रॉडकास्ट करते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार की खूब प्रसंशा की. ये तारीफ़ इस बात को लेकर थी कि योगी सरकार ने कोरोना महामारी में किस तरह परिस्थितियों को संभाला. अधिकतर ऑर्गनाइजे़शन की स्क्रीन्स पर लगभग एक जैसे विज़ुअल्स देखने को मिले. ये टाइम मैगज़ीन का स्क्रीनशॉट था. ऐंकर्स लगातार उत्तर प्रदेश सरकार की तारीफ़ों के पुल बांधते नज़र आये और टिकर में भी यही बखान देखा जा सकता था. इस ‘ख़बर’ को पत्रिका ने भी पब्लिश किया था.
ज़ी न्यूज़ ने लिखा, “दुनिया ने भी माना योगी का कारनामा.” चैनल यहीं नहीं रुका, इसने ट्वीट किया, “कोरोना काल में यूपी सरकार के काम बजा डंका, CM योगी को TimeMagazine ने सराहा.”
कोरोना काल में यूपी सरकार के काम बजा डंका, CM योगी को #TimeMagazine ने सराहा@myogioffice @CMOfficeUP #UttarPradesh @UPGovt @nhm_up @shalabhmani @MrityunjayUP @Dr_raheessingh https://t.co/VDeUzNb0eb
— Zee Uttar Pradesh Uttarakhand (@ZEEUPUK) January 6, 2021
राइट विंग प्रोपगेंडा वेबसाइट ऑप-इंडिया ने इसी पर हिंदी आर्टिकल लिखते हुए कैप्शन लिखा, “जिस ‘TIME’ मैगजीन ने कहा था कट्टर, वही हुआ CM योगी का मुरीद.”
ख़बर नहीं बल्कि ऐडवर्टोरियल (विज्ञापन के रूप में जानकारी) था
टाइम मैगज़ीन में छपे इस आर्टिकल को सबसे पहले 15 दिसम्बर, 2020 को मुख्यमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया था. इसके कैप्शन में लिखा था- ‘सब्र रखें, बेहतर दिन आ रहे हैं’. मुख्यमंत्री की तारीफ़ करते हुए लोगों से ‘टाइम की पूरी रिपोर्ट’ पढ़ने का आग्रह किया गया.
“Hang In There, Better Times are Ahead”@UPGovt Innovate Covid Management Model.
UP CM Shri @myogiadityanath Ji’s deft handling of the COVID-19 situation is an extraordinary example of health administration under most trying circumstances.
Read full report in @TIME … pic.twitter.com/0PKV8V1VBe
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) December 15, 2020
उस समय इसे लेकर इतना हल्ला-गुल्ला नहीं हुआ. लेकिन 2 हफ़्ते बाद जब BSE के सीईओ और भाजपा समर्थक आशीष चौहान और ऋषि बागरी ने इसे शेयर किया तो इसे मेनस्ट्रीम मीडिया तक पहुंचने में समय नहीं लगा.
Congratulations Shri @myogiadityanath ji for setting an example for the world on how to fight COVID. The UP Model getting applauded and recognized by TIME magazine speaks a lot about the efficient governance. @navneetsehgal3 pic.twitter.com/ZIBt4eFrnl
— Ashish Chauhan (@ashishchauhan) January 4, 2021
Time magazine has published a 3 page article on excellent and efficient COVID management in UP by Yogi government pic.twitter.com/I7zPERkyCE
— Rishi Bagree 🇮🇳 (@rishibagree) January 3, 2021
इसे भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी शेयर किया.
“Being positive in a negative situation is not naive, it is leadership. No other leader exemplifies this than the UP CM Shri @myogiadityanath Ji”
Time magazine has published an article on UP’s covid management model.
A matter of great pride for Uttar Pradesh. pic.twitter.com/tsunTNmdVR
— Swatantra Dev Singh (@swatantrabjp) January 6, 2021
गौर से देखने पर मालूम पड़ा कि ये 3 पेज का आर्टिकल असल में उत्तर प्रदेश सरकार का ऐडवर्टोरियल है. इस आर्टिकल में ऊपर लिखा है, “उत्तर प्रदेश का कॉन्टेंट (content from Uttar Pradesh).” पाठक जान लें कि ऐडवर्टोरियल एक तरह के विज्ञापन होते हैं जिन्हें सम्पादकीय ढंग से लिखा जाता है और बदले में इनकी कीमत अदा की जाती है. इसके अलावा, इनमें लेखक का नाम नहीं दिया जाता है, जबकि रिपोर्ट्स में लेखक की बाइलाइन होती है.
और क्योंकि ये ऐडवर्टोरियल है, यही कारण है कि टाइम की वेबसाइट पर इसे नहीं देखा जा सकता है और इसका कोई ऑनलाइन लिंक नहीं मौजूद है. एक ट्विटर यूज़र जिसके पास मैगज़ीन की कॉपी है उसने बताया कि ये कॉन्टेंट मैगज़ीन के इंटरनेशनल और अमेरिकन एडिशन में मौजूद नहीं है.
न्यूज़लॉन्ड्री ने जब इस कॉन्टेंट के बारे सर्च किया तो पता लगा कि इसे दिसम्बर की शुरुआत में पत्रकारों को यूपी सरकार की तरफ़ से प्रेस रिलीज़ के लिए भेजा गया था. गौर करने वाली बात है कि 15 दिसम्बर के ट्वीट में सीएम योगी आदित्यनाथ कार्यालय के ट्वीट में ये बात नहीं बताई गयी कि टाइम में ये बतौर ऐडवर्टोरियल छपा है जिसके लिए यूपी सरकार ने रकम अदा की है.
चैनल ये ‘खबर’ बताने के लिए इतना उत्साहित थे कि वो भूल गए कि टाइम मैगज़ीन योगी आदित्यनाथ का आलोचक रहा है. विडंबना देखिये, ज़ी न्यूज़ ने कुछ महीने पहले ही टाइम मैगज़ीन के ‘ऐंटी इंडिया कैंपेन’ पर ‘ताल ठोक के’ प्रोग्राम किया था. भारत की कोरोना को लेकर तैयारी पर टाइम ने एक आर्टिकल पब्लिश किया था जिसमें सीएम आदित्यनाथ को सरकार द्वारा बढ़ावा दी गयी ग़लत ख़बरों के सेक्शन में रखा गया था. इस आर्टिकल में कहा गया था “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी से चुने गये अधिकारियों ने अप्रमाणित थेरेपीज़ को प्रमोट किया है.” आगे लिखा गया था, “उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड-19 और अन्य बीमारियां योग से ठीक हो सकती हैं.”
न्यूज़18, जिसने यूपी सरकार के इस विज्ञापन को ब्रॉडकास्ट और प्रिंट दोनों में ‘रिपोर्ट’ बताया था, ने आलोचना के बाद अपनी हिंदी स्टोरी में बदलाव करते हुए इसे फै़क्ट-चेक का टैग दे दिया.
इस तरह का पेड कॉन्टेंट कई बार असली रिपोर्ट जैसा नज़र आता है. ये बात समझ आती है कि सोशल मीडिया यूज़र्स एक रिपोर्ट और ऐडवर्टोरियल में फ़र्क न कर पायें, लेकिन मेनस्ट्रीम मीडिया का विज्ञापन को ‘न्यूज़’ दिखाना कतई जायज़ नहीं है.
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