सोशल मीडिया यूज़र्स एक तस्वीर शेयर कर रहे हैं जिसमें दूर-दूर तक टेंट्स नज़र आ रहे हैं. यूज़र्स ने अलग-अलग कैप्शन के साथ शेयर करते हुए इसे किसान आंदोलनों से जोड़ा. दावा किया जा रहा है कि ये टेंट्स प्रदर्शन कर रहे किसानों के हैं. ट्विटर यूज़र संघमित्रा ने ये तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “ये टेंट्स सत्ता के लिए बुरे सपने जैसा है, ये डर अच्छा है.” इस आर्टिकल के लिखे जाने तक इस पोस्ट को 500 से ज़्यादा लोग रीट्वीट कर चुके हैं. (आर्काइव लिंक)
Tents are giving nightmares to this regime. Yeh darr achha hai. pic.twitter.com/oDknlLhdYT
— Sanghamitra (@AudaciousQuest_) January 5, 2021
एक अन्य यूज़र @GDnarbhakshi ने इस तस्वीर के साथ कैप्शन लिखा, “अब तेरी हिम्मत का चर्चा गैर की महफ़िल में है. #FarmersProtest.’ इस ट्वीट को भी 400 से ज़्यादा लोग रीट्वीट कर चुके हैं. (आर्काइव लिंक)
इसी तरह फ़ेसबुक यूज़र्स ने भी ये तस्वीर शेयर करते हुए यही दावा किया. (आर्काइव लिंक)
महाकुम्भ 2013 की तस्वीर
इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें फ़िनलैंड की ट्रैवेल वेबसाइट kerranelamassa का एक आर्टिकल मिला.
इसके आर्टिकल में महाकुम्भ मेले की तस्वीरें हैं जिनमें वायरल तस्वीर भी शामिल है. इस आर्टिकल में वायरल तस्वीर पर कर्सर ले जाने पर इसकी जानकारी लिखी आती है- “Maha Kumbh Mela 2013.”
आर्टिकल के अंत में 2013 में प्रयागराज में हुए महाकुम्भ मेले की जानकारी दी हुई है. साथ ही तस्वीर का क्रेडिट विली पलोनेन को दिया हुआ है.
हमने विली पलोनेन के बारे में सर्च किया और पता चला कि विली फ़िनलैंड के फ़ोटोग्राफ़र हैं और kerranelamassa उन्हीं की वेबसाइट है. ऑल्ट न्यूज़ ने विली से संपर्क किया और इस तस्वीर के बारे में पूछा. उन्होंने कहा, “हां, मैंने ये तस्वीर 2013 में इलाहबाद में महाकुम्भ मेले के दौरान खींची थी.” उन्होंने ये भी बताया कि ये तस्वीर kerranelamassa के अलावा ओरिजिनली issuu.com पर भी पब्लिश हुई थी.
महाकुम्भ 2013 की ऐसी ही दिखने वाली अन्य तस्वीरें गेटी इमेजेज़ और ऐलमी पर भी देखी जा सकती हैं.
यानी, करीब 8 साल पुरानी तस्वीर को हालिया किसान आन्दोलन से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. लोगों ने टेंट्स की एक तस्वीर शेयर करते हुए ग़लत दावा किया कि ये किसानों द्वारा लगाये गए टेंट्स हैं जबकि ये असल में 2013 में प्रयागराज में लगे महाकुम्भ मेले की तस्वीर है.
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