सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें एक मस्जिद की मीनार पर लगातार फ़ायरिंग की जा रही है. इस वीडियो के साथ वायरल कैप्शन है, “इजरायल बॉर्डर के पास फलस्तीन में बनी मस्जिद से अज़ान की आवाज़ से तंग आकर इस्राइली फोज ने मस्जिद के गुंबद पर गोली बारी करदी.” (आर्काइव लिंक) वीडियो में बैकग्राउंड में अज़ान की आवाज़ भी सुनी जा सकती है.

फ़ेसबुक पर भी इसी दावे के साथ ये वीडियो शेयर किया गया. यूज़र्स ने लिखा, “इतनी गोलियां चलाने के बाद भी मीनार पूरी शान से खड़ा रहा गोली चलाने वाले ने सोचा कि पूरा मीनार गोलियों से भून देंगे तो गिर जाएगा मगर मीनार जस का तस खडा रहा.”

कुछ अन्य फ़ेसबुक और ट्विटर यूज़र्स ने भी ये दावा किया कि इज़राइल ने फ़िलिस्तीन की मस्जिद पर हमला किया. ऑल्ट न्यूज़ को इसके वेरिफ़िकेशन के लिए व्हाट्सऐप (+917600011160) पर रिक्वेस्ट भी भेजी गयी.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो के फ़्रेम्स का रिवर्स इमेज सर्च किया और हमें 3 मार्च, 2008 को पब्लिश हुआ एक तुर्की का न्यूज़ आर्टिकल मिला. इस आर्टिकल का टाइटल है, “अमेरिकी सिपाहियों का नया खेल ‘मीनार तबाह करना'”

ये वीडियो 2008 में अमेरिकी डॉक्युमेंट्री फ़िल्म निर्माता माइकल मूर ने भी शेयर किया था. अमेरिकी मरीन ऑफ़िसर जॉन एम टर्नर ने मीनार पर हुए हमले के साक्ष्य दिए थे जिसमें ये वीडियो भी शामिल है. माइकल के मुताबिक वीडियो में अमेरिकी सेना इराक में मस्जिद पर हमला कर रही है.

 

हमें जॉन टर्नर की गवाही वाला एक वीडियो भी मिला जिसमें वो कबूल कर रहे हैं कि वो 2006 में इराक में सेना के साथ मौजूद थे. इस वीडियो में 6 मिनट 40 सेकंड पर जो विज़ुअल दिखते हैं, वही हिस्सा वायरल करते हुए लोग ग़लत दावा कर रहे हैं. टर्नर कहते हैं, “मस्जिद पर हमला करना ग़ैर कानूनी है, जब तक कि उधर से पहले फ़ायर न हो. मस्जिद की तरफ़ से कोई हमला नहीं हुआ था. हमने उसपर शूट किया क्योंकि हमें गुस्सा आ रहा था.”

 

ओरिजिनल फ़ुटेज में अज़ान की कोई आवाज़ नहीं सुनाई देती है.

अमेरिकी सेना द्वारा 2008 में इराक की एक मस्जिद पर हमले का वीडियो लोग इस दावे के साथ वायरल कर रहे हैं कि इज़राइली सेना ने फ़िलिस्तीन की मस्जिद पर हमला किया है.


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