सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति के पिज़्ज़ा बनाते वक़्त उसमें थूकने का वीडियो खूब शेयर हो रहा है. वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि लंदन में अल्ज़ीरिया से आया हुआ “शांतिदूत” शरणार्थी खाने में थूक मिला रहा है. यहां ध्यान दे कि सोशल मीडिया पर “शांतिदूत” शब्द का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय के लिए किया जाता है. ट्विटर यूज़र शेफ़ाली तिवारी ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “#लंदन के एक रेस्टोरेंट का दृश्य#शांतिदूत अल्जीरिया से आया हुआ एक शरणार्थी है सीधी सी बात है जैसे ही पता चले इनकी #दुकान है चुपचाप कट लो वरना इनका #थूक वाला खाओ”. मेसेज में ‘मुस्लिमों की दुकानों’ को बॉयकॉट करने के लिए कहा जा रहा है. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 5 हज़ार से ज़्यादा बार देखा जा चुका गया है. (आर्काइव लिंक)
#लंदन के एक रेस्टोरेंट का दृश्य👇#शांतिदूत अल्जीरिया से आया हुआ एक शरणार्थी है
सीधी सी बात है जैसे ही पता चले इनकी #दुकान है चुपचाप कट लो वरना इनका #थूक वाला खाओ pic.twitter.com/inGGghx1cO— Shefali Tiwari (@shefalitiwari7) February 24, 2021
फ़ेसबुक यूज़र अमित कुमार तिवारी ने भी ये वीडियो इसी दावे के साथ पोस्ट किया है. (आर्काइव लिंक)
यह लंदन का दृश्य है और यह शांतिदूत अल्जीरिया से आया हुआ एक शरणार्थी है
सीधी सी बात है जैसे ही पता चले कि इनकी दुकान है चुपचाप कट लो वरना इनका थूक वाला खाओ🤭🤭
Posted by Amit Kumar Tiwari Amit on Wednesday, 24 February 2021
फ़ेसबुक और ट्विटर पर ये वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें ये वीडियो 25 सितंबर 2018 को यूट्यूब पर अपलोड किया हुआ मिला. ‘CBS मायामी’ ने इस वीडियो को अमेरिका के डेट्रॉइट शहर का बताया है.
AP न्यूज़ के मुताबिक, वीडियो में दिखने वाला शख्स जेलॉन कर्ली है. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद जेलॉन को नौकरी से निकाल दिया गया था. जेलॉन को कोर्ट ने 2 फ़ूड वॉयलेशन के चार्ज में 4 साल की जेल की सज़ा सुनाई थी.
डेट्रॉइट के न्यूज़ चैनल ‘WXYZ-TV’ ने भी इस घटना के बारे में वीडियो रिपोर्ट अपलोड की थी. रिपोर्ट में ये वीडियो रिकॉर्ड करने वाले व्यक्ति के हवाले से बताया गया था कि जेलॉन ख़राब वक़्त से गुज़र रहा था. वो काफ़ी परेशान भी था जिस वजह से उसने ऐसा किया था. इसके अलावा, सिटी के फ़ूड सेफ़्टी डिपार्ट्मन्ट ने जेलॉन की मेडिकल जांच करवाने की मांग भी की थी. AP न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक, टेस्ट के बाद मालूम हुआ था की जेलॉन को किसी भी तरह का संक्रामक रोग नहीं था.
कुल मिलाकर, किसी भी रिपोर्ट में जेलॉन के धर्म के बारे में कोई ज़िक्र नहीं किया गया है. साल 2018 में अमरीका के डेट्रॉइट शहर में पिज़्ज़ा पर थूक लगाने वाले व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया गया. पहले भी 2015 का वीडियो कोरोना वायरस के चलते मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधते हुए शेयर किया गया था. मध्य प्रदेश में फलों को चाटने वाले मुस्लिम व्यक्ति का पुराना वीडियो कोरोना महामारी के दौरान शेयर किया गया था.
पतंजलि ने कहा कि WHO ने कोरोनील को दे दी मंज़ूरी, मीडिया ने बगैर जांचे ख़बर चलाई :
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