सोशल मीडिया में एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें फल बेचने वाला एक व्यक्ति ठेले के फलों को एक जगह से दूसरी जगह रखते वक़्त अपनी उंगलियां चाटता हुआ दिखाई दे रहा है. ट्विटर यूज़र ‘देशी मोहीतो’ ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा -“ये तो अलग ही लेवल है…सुरक्षित और सावधान रहिये.” इस ट्वीट को 4,500 बार रीट्वीट किया जा चुका है.

भाजपा मेम्बर मेजर सुरेन्द्र पुनिया, स्वराज्य कॉलमिस्ट शेफाली वैद्या, दक्षिण पंथी सोशल मीडिया यूज़र सोनम महाजन, संक्रांत सानु, मोहम्मद तौहीदी (@Imamofpeace), ये सभी नाम उन जाने-माने सोशल मीडिया यूज़र्स के हैं जिन्होंने इस वीडियो को इसी दावे से शेयर किया है. उनके ट्वीट्स को 13,000 से भी ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है.

ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल ऐप पर इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए कई रीक्वेस्ट मिली हैं.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ये वीडियो मध्य प्रदेश के रायसेन में फ़रवरी 2020 को हुई घटना का है. गूगल पर की-वर्ड्स से सर्च करने पर 3 अप्रैल 2020 की ‘दैनिक भास्कर’ की रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो में दिख रहा व्यक्ति शेरू खान रायसेन का रहने वाला है. वो मेन मार्केट में अपना ठेला लगाते है. 3 अप्रैल 2020 को इस ठेले वाले के खिलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 269 और 270 के तहत मामला दर्ज़ किया गया.

FIR में बताया गया है कि वीडियो में दिख रही घटना 16 फ़रवरी 2020 को हुई थी. शिकायत करने वाले बोधराज टिपटा ने बताया कि उन्होंने ये वीडियो तब रिकॉर्ड किया जब वो अपने दोस्त भविष्य कुमार की पान की दुकान पर बैठे हुए थे. उन्होंने देखा कि ठेलेवाला अपने हाथ मुंह में डालकर उसी हाथों से फ़लों को छू रहा था. अपने बयान में टिपटा ने पुलिस को बताया कि ये वीडियो उन्होंने 16 फ़रवरी 2020 को रिकॉर्ड किया था. उनके हिसाब से इस तरह मुंह में डाले हुए हाथों से फ़लों को छूना किसी इन्फ़ेक्शन को फैला सकता है.

हालांकि खान की बेटी फ़िज़ा ने बताया कि उनके पिता मानसिक रूप से ठीक नहीं है. उन्होंने बताया कि शिकायत दर्ज़ होने के बाद पुलिस ने उनके पिता की पिटाई की थी. फ़िज़ा के मुताबिक जिस तरीके उनके पिता फलों को छू रहे हैं उसी तरीके से वो नोटों को भी गिनते हैं. ये उनकी आदत है. हम फ़िज़ा के दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर पाए हैं.

फिज़ा ने कहा कि उनके पिता को जब भी फल बेचने का मन करता है तो वो अपने दोस्त का ठेला उधार लेते है.

मीडिया से बात करते हुए रायसेन के एसपी ने बताया कि ये घटना पुरानी है और इसकी जांच चल रही है. लोगों को आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि कोई फ़िक्र की बात नहीं है और रायसेन ज़िले में अभी तक कोई भी कोरोना का केस दर्ज़ नहीं हुआ है. सर्च करने पर हमने पाया कि एसपी मोनिका शुक्ला का दावा सही था और रायसेन में कोरोना का कोई केस अभी तक दर्ज़ नहीं हुआ है.

इस तरह मुस्लिम ठेलेवाले को मुंह में हाथ डालकर फलों को छूने का वीडियो मिड-फ़रवरी का है. देश में कोरोना वायरस का पहला केस 30 जनवरी 2020 को दर्ज़ किया गया था. हालांकि सरकार ने 14 मार्च को इसे महामारी घोषित किया था. ये वीडियो 16 फ़रवरी को रिकॉर्ड किया गया था जबकि मध्यप्रदेश में COVID-19 का पहला मामला 20 मार्च को सामने आया था. ठेलेवाले की इस हरकत को सही नहीं ठहराया जा सकता है लेकिन सोशल मीडिया में ये वीडियो शेयर करते हुए कई लोग मुस्लिम ठेलेवालों पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे है.

ऐसे वीडियो उस वक़्त से शेयर हो रहे हैं जब तबलीग़ी जमात द्वारा मार्च महीने के बीच में आयोजित किये गए एक कार्यक्रम के बाद एक मामला सामने आया जिसमें शामिल होने वाले कई लोगों के कोरोना वायरस टेस्ट पाज़िटिव आए हैं. इसके बाद निज़ामुद्दीन को कोरोना का हॉटस्पॉट बताया जाने लगा. इससे पहले सूफ़ी रिवाज़ कर रहे मुस्लिमों का एक वीडियो शेयर करते हुए उनपर दिल्ली की निज़ामुद्दीन मस्जिद में छींक कर कोरोना फैलाने का झूठा आरोप लगाया गया.

नोट : नोट: भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 3,000 के पार जा पहुंची है. इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है. दुनिया भर में 11 लाख से ज़्यादा कन्फ़र्म केस सामने आये हैं और 58 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और इसी वजह से वो बिना जांच-पड़ताल किये किसी भी ख़बर पर विश्वास कर रहे हैं. लोग ग़लत जानकारियों का शिकार बन रहे हैं जो कि उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है. ऐसे कई वीडियो या तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो कि घरेलू नुस्खों और बेबुनियाद जानकारियों को बढ़ावा दे रही हैं. आपके इरादे ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसी भयावह स्थिति में यूं ग़लत जानकारियां जानलेवा हो सकती हैं. हम पाठकों से ये अपील करते हैं कि वो बिना जांचे-परखे और वेरीफ़ाई किये किसी भी मेसेज पर विश्वास न करें और उन्हें किसी भी जगह फ़ॉरवर्ड भी न करें.

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