कई बड़े सोशल मीडिया यूज़र्स ने एक तस्वीर शेयर की है. वीडियो में एक पुलिसवाले को एक पुजारी को नीचे गिराए हुए देखा जा सकता है. विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने दावा किया कि तस्वीर में दिख रहा पुलिसवाला मध्य प्रदेश के रीवा के एसपी आबिद खान हैं.

एक फ़ेसबुक यूज़र विनय पांडे ने इसी घटना की और भी तस्वीरें शेयर की हैं और लिखा है, “रीवा के पुलिसवाले एसपी आबिद खान ने एक पुजारी को पीटा जब कि वो नवरात्रि के दौरान बस पूजा कर रहा था.” इन्होने इस और भी इशारा किया कि पुलिस की ये कार्रवाई अनुचित थी क्यूंकि कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए जो कर्फ्यू लगाया गया था, उसका पालन हो रहा था. पांडे के ट्वीट को 3 हज़ार से ज़्यादा शेयर मिले.

रीवा एसपी आबिद खान के पुलिस वालों सिविल लाइन थाना अंतर्गत द्वारा निर्दयता पूर्वक मंदिर के पुजारी को मारा गया हम लॉक डाउन…

Posted by Vinay Pandey on Thursday, 2 April 2020

ABVP के अम्बुज रूबी भारद्वाज और ट्विटर यूज़र उपदेश राणा, प्रिया राठौर और मनोज ने भी यही दावा किया कि ये तस्वीरें रीवा के एसपी आबिद खान की ही हैं. अरुण यादव के ट्वीट को 1700 से भी ज़्यादा रीट्वीट मिले. अरुण यादव भाजपा हरियाणा के आईटी सेल और सोशल मीडिया के इंचार्ज हैं.

सुदर्शन न्यूज़ ने दावा किया कि जब पुजारी को पीटा गया, वो अकेले थे. चैनल ने एसपी आबिद खान का नाम ज़ोर देकर दिखाया. आज तक की एंकर चित्रा त्रिपाठी ने भी यही दावा किया कि पुजारी अकेला था.

मुद्दे को झूठे दावों के दम पर साम्प्रदायिक रंग दिया गया

ट्विटर पर कीवर्ड सर्च करने से हमें मध्य प्रदेश सरकार के पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट के आधिकारिक हैंडल से किया गया एक ट्वीट मिला.

इस ट्वीट में रीवा ज़िले के इन्स्पेक्टर जनरल के बयान का ज़िक्र था जिसे पहले फ़ेसबुक पर शेयर किया गया था. आईजी के मुताबिक़ तस्वीर में दिखाई देने वाला पुलिसवाला एसपी आबिद खान नहीं बल्कि इन्स्पेक्टर राजकुमार मिश्रा हैं. “ये कार्रवाई स्टेशन इंचार्ज राजकुमार मिश्रा और उनके स्टाफ़ द्वारा लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए की गयी थी. उन्हें मंदिर में कई लोगों के इकठ्ठा होने की जानकारी मिली थी.” बयान में ये भी बताया गया है कि राजकुमार मिश्रा को लाइनहाजिर किया गया और सब-इन्स्पेक्टर शिवपूजन सिंह नए थाना इंचार्ज बनाए गए हैं.

रीवा जिले के एक पुजारी एवं मन्दिर से सम्बंधित कुछ तस्वीरें फेसबुक, ट्विटर एवं अन्य सोशल मीडिया पर प्रमुखता से पोस्ट एवं…

Posted by IG REWA on Thursday, 2 April 2020

ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए रीवा पुलिस ने बताया कि कई महिलाएं मंदिर में रामनवमी की पूजा के लिए इकठ्ठा हुई थीं. ये कर्फ्यू का उल्लंघन था. हमें बताया गया, “एसपी आबिद खान ज़िला इंचार्ज हैं. वो इस कार्रवाई के दौरान मौजूद नहीं थे. एरिया इंचार्ज (थाना इंचार्ज राजकुमार मिश्रा) मौके पर पहुंचे थे.”

एसपी खान नीचे दिए गए कोलाज के दाहिने साइड में हैं. उनकी वर्दी पर लगे स्टार और उनका बैज तस्वीर में दिख रहे राजकुमार से मेल नहीं खाता है. उनकी शक्ल भी काफ़ी अलग हैं. एसपी खान न ही मूछें रखते हैं और न ही चश्मा पहनते हैं.

ये घटना ढेकहा नाम की जगह पर मौजूद देवी मंदिर की है. पत्रिका की एक रिपोर्ट इस बात की तस्दीक करती है कि मंदिर में पुजारी अकेले पूजा नहीं कर रहा था. रिपोर्ट के मुताबिक़ मंदिर में 2 अप्रैल को कम से कम 50 लोग इकठ्ठा हुए थे और उन्हें पुलिस ने वहां से चले जाने को कहा. इसी क्रम में पुजारी की पिटाई भी हुई.

लल्लनटॉप द्वारा किये गए फ़ैक्ट-चेक में इस मंदिर में पूजा के लिए आई कई महिलाओं की तस्वीर भी हैं. इन तस्वीरों को पत्रकार विजय कुमार विश्वकर्मा ने खींचा था जिन्होंने मीडिया को ये जानकारी दी थी कि ये मंदिर लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहा था. पुजारी उपेन्द्र कुमार पांडे को कई दफ़ा ये बताया गया था कि उन्हें वहां भीड़ इकठ्ठा नहीं करनी है. विजय कुमार ने बताया कि 1 अप्रैल को भी वहां कई महिलाएं इकठ्ठा हुई थीं.

विजय कुमार विश्वकर्मा ने आगे बताया कि जिस डंडे से थाना इंचार्ज ने पुजारी को पीटा, वो पुजारी की ही थी. रीवा पुलिस ने ऑल्ट न्यूज़ को ये भी बताया कि लोग ग़लत तरीक़े से मामले को साम्प्रदायिक रंग दे रहे हैं. पुलिस ने कहा, “ऐसा दिखाया जा रहा है कि कार्रवाई हिंदू-विरोधी थी जबकि हमने कई जगहों पर मुस्लिम लोगों के एक साथ इकट्ठे होने पर ऐसी कार्रवाई की हैं. लोग नमाज़ पढ़ने के लिए इकट्ठे हो रहे थे और हमने उन्हें वहां से हटाया.” पत्रिका की 1 अप्रैल की रिपोर्ट से इस बात की भी तस्दीक हो सकी. एसपी खान के ऑर्डर के आधार पर रीवा में पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है और ऐसी मस्जिदों को बंद करवा रही है जहां नमाज़ पढ़ने कल इए लोग जुट रहे हैं. पुलिस ने नमाज़ पढ़ने के दौरान लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले 36 लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज़ की है.

इस घटना से जुड़े सोशल मीडिया के दावे कई मामलों में ग़लत पाए गए हैं.
1. पुजारी को पीटने वाले पुलिसवाला एसपी आबिद खान नहीं बल्कि थाना इंचार्ज राजकुमार मिश्रा है.
2. पुजारी अकेले पूजा नहीं कर रहा था. वहां कम से कम 50 लोग और थे.
3. पुलिस ने सिर्फ़ हिन्दू भीड़ को ही नहीं बल्कि मुस्लिम भीड़ पर भी ऐसी कार्रवाई की हैं जो कि कर्फ्यू का उल्लंघन कर रही थीं.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.