हाल ही में, ट्विटर पर कई उपयोगकर्ताओं ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें एक पुलिसकर्मी लड़के को गिराकर दबोच रही है। इसके साथ साझा किये गए संदेश के अनुसार, “यरूशलेम में शनिवार को इज़रायली पुलिसकर्मी ने फिलिस्तीनी बच्चे की अमेरिकी दूतावास के प्रदर्शन के दौरान गला दबाकर हत्या कर दी। यूट्यूब पर इस वीडियो को डाउनलोड करने के कई प्रयासों के कारण, इसे हटा दिया गया है। कृपया इस वीडियो को वायरल करें।” (अनुवाद)

ट्विटर उपयोगकर्ता @wasim_dr भी उन लोगों में शामिल है, जिन्होंने यह वीडियो 3 दिसंबर को शेयर किया है। इस पोस्ट को करीब 200 से अधिक बार रिट्वीट किया गया है।

यह वीडियो 2017 में ट्विटर पर ऐसे ही दावों के साथ वायरल हुआ था।

झूठा दावा

ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो के एक की-फ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया, जिसके परिणाम स्वरुप नॉर्वे स्थित समाचार पत्र, Aftenposten की 20 अप्रैल, 2015 की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के अनुसार, स्वीडन के माल्मो में, सुरक्षा गार्डों ने एक नाबालिग लड़के को, जिसने ट्रेन के अंदर घुसने की कोशिश की थी, नियंत्रित करने के लिए हिंसक तरीके का इस्तेमाल किया था। Aftenposten ने 20 अप्रैल, 2015 को स्वीडन के स्केनिया से प्रकाशित एक दैनिक समाचार पत्र Sydsvenskan की एक रिपोर्ट का हवाला दिया था।

हमने – “Sweden police attack boy train (स्वीडन पुलिस हमला लड़का ट्रेन)” – कीवर्ड्स से गूगल पर सर्च किया तो हमें एक यूरोपीय समाचार प्रकाशक The Local, की फरवरी 2015 की एक रिपोर्ट मिली। इस लेख में Sydsvenskan का वीडियो शामिल था।

The Local की रिपोर्ट में कहा गया है, “सुरक्षा कंपनी Svensk Bevakningstjänst द्वारा (माल्मो सेंट्रल स्टेशन पर) नियुक्त गार्ड ने (नौ वर्षीय) लड़के और उसके 12 वर्षीय दोस्त को हिरासत में लिया था, जब उन्हें बिना टिकट यात्रा करने पर ट्रेन से बाहर निकाल दिया गया था।” (अनुवाद)

नवंबर 2015 में, द ऑब्जर्वर (फ्रांस 24) की एक रिपोर्ट में कहा गया था, “लड़के एक देखभाल-गृह से भागे हुए थे और कई गवाहों ने बताया कि वे स्वीडिश बोलने में भी सक्षम नहीं थे।” (अनुवाद)

द स्ट्रेट्स टाइम्स के एक लेख में लड़के की पहचान एक मोरक्कन के रूप में की गई और बताया, “इस घटना पर पुलिस की जांच लंबित है और सुरक्षा गार्ड को निलंबित कर दिया गया है…” (अनुवाद)

इस रिपोर्ट में आगे बताया गया है, “इस घटना के बाद, लड़के को वापस देखभाल-गृह में भेज दिया गया, जहां वो स्वीडन पहुंचने के पहले रहता था, लेकिन कुछ ही घंटों में, स्थानीय प्रवासन मंडल कार्यालयों तक ले जा रही एक कार से, एक 12-वर्षीय लड़के के साथ जिसे मीडिया में उसका सौतेला भाई बताया गया, वो भाग गया था। सुरक्षा कर्मियों और पुलिस के नस्लवाद को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे हंगामे के बीच, शुक्रवार को पुलिस ने उन्हें पड़ोसी देश डेनमार्क में पाया था।” (अनुवाद)

Sydsvenskan की रिपोर्ट में कहा गया है कि गॉर्ड पर, माल्मो सेंट्रल पर दो युवा नाबालिग लड़कों के साथ हिंसक व्यवहार करने के लिए कानूनी रूप से मुकदमा नहीं चलाया गया था।

इस प्रकार, सोशल मीडिया का यह दावा कि इज़रायली पुलिसकर्मी ने एक फिलिस्तीनी बच्चे की गला दबाकर हत्या कर दी, गलत है। यह वीडियो, स्वीडन के माल्मो में 2015 की एक घटना को दर्शाता है, जिसमें माल्मो सेंट्रल स्टेशन पर एक सुरक्षा गार्ड ने बिना टिकट ट्रेन में यात्रा करने पर नौ साल के बच्चे पर हमला किया था।

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.