15 दिसंबर 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया में पुलिस द्वारा छात्रों पर किये गए लाठीचार्ज का CCTV फुटेज 15 फ़रवरी की रात सामने आया. ये अभी भी सोशल मीडिया में सर्क्युलेट हो रहा है. छात्रों पर हुई बर्बरता को सही ठहराने के लिए हाल ही में खुद को भाजपा के कार्यकर्ता कहने वाले विकास पांडे ने एक तस्वीर ट्वीट की. इसके दो हिस्से हैं. पहले हिस्से में बाइक को आग लगाते समय का वीडियो है. इसमें एक शख्स को सिर पर मफ़लर लपेटे हुए देखा जा सकता है जबकि दूसरे हिस्से में एक इन्सान को एमफ़िल/पोस्ट ग्रेजुएशन रीडिंग रूप में पुलिस के लाठीचार्ज के दौरान देखा जा सकता है. ये दोनों घटनाएं एक ही दिन – 15 दिसंबर, 2019 को हुई थीं. पांडे ने दोनों व्यक्तियों के कपड़ों के आधार पर ये दावा किया कि वो दोनों एक ही हैं. (पांडे का आर्काइव किया हुआ ट्वीट)

विकास पांडे फेसबुक पर ‘I Support Narendra Modi’ नाम का एक पेज चलाते है, जिसके 1 करोड़ 60 लाख फ़ॉलोअर्स हैं.

फ़ैक्ट-चेक: दोनों एक ही व्यक्ति नहीं

अपनी पड़ताल में हम आपको दोनों शख़्स के कपड़ों के बीच का अंतर बताएंगे.

1. अलग-अलग जैकेट/स्वेटशर्ट

रीडिंग रूम में बैठे व्यक्ति ने लाल रंगा का ज़िप वाला जैकेट पहना है जबकि आगजनी के वीडियो में दिख रहे शख़्स ने बंद स्वेटशर्ट पहना है, जिसमें ज़िप नहीं है. रीडिंग रूम के वीडियो को ध्यान से देखने पर स्टूडेंट ने जैकेट के अंदर सफ़ेद रंग की टीशर्ट पहनी हुई है.

2. हुडी

नीचे, मोटर साइकिल को आग लगने वाले वीडियो में मफ़लर पहने व्यक्ति की स्वेटशर्ट में आप हुड देख सकते हैं जबकि रीडिंग रूम में बैठे व्यक्ति की जैकेट में हुड नहीं है.

3. जूते का रंग

छात्र ने काले रंग के जूते पहने हुए है जबकि मफ़लर पहने व्यक्ति ने सफ़ेद रंग के जूते पहने हुए हैं.

नीचे दिए गए वीडियो को स्लो मोशन से और लूप में चलाया गया है. इससे आप छात्र द्वारा पहने गए पट्टी वाली सैंडल्स/फ़्लोटर्स को आसानी से देख सकते हैं. सिर्फ़ एक सेकंड के लिए, जब छात्र चलता है तब आप उसके जूते के पट्टे को भी देख सकते हैं.

इस प्रकार भाजपा से जुड़े हुए विकास पांडे का ये दावा कि दोनों व्यक्ति एक ही हैं, निराधार साबित होता है. पहले भी ऑल्ट न्यूज़ ऐसे ही एक दावे की जांच कर चुका है. रीडिंग रूम में बैठे व्यक्ति और बाइक में आग लगाने वाले व्यक्ति के एक होने का वो दावा भी झूठा पाया गया था. एक और दावा कि 30 जनवरी को जामिया में गोली लगने से घायल हुआ छात्र वो ही है जिसने रीडिंग रूम में पत्थर लेकर प्रवेश किया था, ग़लत साबित हुआ.

आप नीचे दिए गए वीडियो में भी दोनों व्यक्तियों के बीच का फ़र्क देख सकते हैं.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.