2 साल बाद एक बार फिर किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन करने बढ़ गए हैं. 13 फ़रवरी 2024 को किसान दिल्ली के सीमा में प्रवेश करने वाले हैं. और इसी बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की जाने लगी जिसमें किसान प्रदर्शनों में शामिल सिख युवक दिख रहे थे. इन युवकों के पास एक जीप भी खड़ी थी जो कि चर्चा का विषय बनी. इस जीप पर मर्सिडीज़ बेंज़ का लोगो था. सोशल मीडिया यूज़र्स ने दावा किया कि ये मर्सिडीज़ की G-क्लास है जिसकी कीमत कुछ 3 करोड़ रुपये है. इस दावे के दम पर लोगों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों की आर्थिक स्थिति पर सवालिया निशान खड़े करने शुरू कर दिए.

बीजेपी कार्यकर्ता प्रीति गांधी ने ये तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया कि 3 करोड़ की मर्सिडीज़ पर ‘गरीब’ किसान बैठे हैं.

और भी कई लोगों ने इस तस्वीर को शेयर किया है और अलग-अलग दाम बताए हैं. कोई इसे 2.5 करोड़ का बात रहा है तो कोई 4 करोड़ का. लेकिन इन सब लोगों ने इसे किसानों पर निशान साधते हुए शेयर किया है.

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2020 में भी हुई थी वायरल

ट्विटर पर ये तस्वीर दिसम्बर 2020 में @nishant_india ने शेयर की जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी फ़ॉलो करते हैं. इसे राजा राममोहन रॉय लाइब्रेरी फ़ाउन्डेशन के चेयरमैन कंचन गुप्ता ने भी शेयर किया. उनके अलावा कॉलमिस्ट कार्तिकेय तन्ना, ट्विटर यूज़र्स @TrulyMonica और स्नेहा सिंघवी ने भी इसे शेयर किया.

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फ़ेसबुक पेज ‘I Support Narendra Modi’ ने @nishant_india के ट्वीट का स्क्रीनशॉट डाला. इस पेज के 15 मिलियन से भी ज़्यादा फ़ॉलोवर्स हैं. इस पोस्ट को डिलीट किये जाने से पहले 54 हज़ार से ज़्यादा लाइक मिल चुके थे.

इस वायरल तस्वीर को कई और भी कैप्शन्स के साथ शेयर किया गया है. हालांकि ट्विटर हैंडल @nishant_india और गगन अजमानी का कैप्शन ट्विटर और फ़ेसबुक सबसे ज़्यादा वायरल हुआ है. ये कहता है – “देश के गरीब किसान की सस्ती जीप”

मोडिफ़ाई की हुई जीप के बारे में सोशल मीडिया पर फैली ग़लत जानकारी

22 दिसंबर को ट्विटर यूज़र @iPardeepDhiman ने ये तस्वीर पोस्ट की थी. उन्होंने इस गाड़ी के मालिक मनप्रीत सिंह की इन्स्टाग्राम प्रोफ़ाइल ऑल्ट न्यूज़ के साथ शेयर की. मनप्रीत ने ये तस्वीर 19 दिसंबर को पोस्ट की थी.

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हमें इसी जीप की और भी तस्वीरें मनप्रीत के इन्स्टाग्राम अकाउंट पर मिलीं. एक तस्वीर में इसका रजिस्ट्रेशन नंबर भी दिखता है – PB 12Z 8282.

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हमने सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के VAHAN पोर्टल पर जाकर इस गाड़ी के RTO डीटेल्स चेक किये.

इस गाड़ी के बारे में मालूम चला कि ये फ़ोर्स मोटर्स की गोरखा SUV है. फ़ोर्स गोरखा की वेबसाइट के मुताबिक़, ये 2.6/x2 वर्ज़न की गाड़ी है जिसके दो मॉडल आते हैं. ये दोनों ही 9.75 लाख से 10 लाख के बीच मिलते हैं.

2017 में CNN न्यूज़18 ने रिपोर्ट किया था कि कलर ग्लो केरला (Color Glo Kerala) नाम के कार मोडिफ़ाई करने वाले ने फ़ोर्स गोरखा को मोडिफ़ाई करते हुए उसे मर्सिडीज़ G वैगन की शक्ल दे दी थी. CNN की इस रिपोर्ट के मुताबिक़ उस वक़्त इसका खर्च 8.5 लाख रुपये आया था.

ऑल्ट न्यूज़ ने मनप्रीत सिंह से बात की जो कि आनंदपुर के रहने वाले हैं. वो अपना बिज़नेस चलाते हैं और उनके परिवार वाले किसान हैं. उन्होंने कहा, “मैं किसानों का साथ देने के लिए 5 दिसंबर से मोर्चे पर जा रहा हूं. हर तरह के लोग वहां किसानों के समर्थन में खड़े हैं. वायरल हो रही तस्वीर में दिखने वाली कार मेरी है. ये मर्सिडीज़ G-क्लास की तरह दिखती है. मुझे कुछ भी छिपाना नहीं है. मैं एक आम टैक्स अदा करने वाला शख्स हूं. ये काफ़ी बुरा है कि मेरी कार की तस्वीर किसानों के प्रदर्शन को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल की जा रही है. ये ऑनलाइन हमले मेरे और किसानों के हौसलों को पस्त नहीं कर सकेंगे.”

कुल मिलाकर, मोडिफ़ाई की गयी फ़ोर्स मोटर्स की गोरखा गाड़ी की तस्वीर किसानों को ‘अमीर’ दिखाने के लिए इस्तेमाल की गयी. और ये कहा गया कि इस प्रदर्शन में शामिल लोग ‘किसान नहीं हैं’. बीते वक़्त में भी कई ऐसे मौके आये हैं जहां ये दिखाने की कोशिश की गयी है कि प्रदर्शन में शामिल लोग ‘गरीब’ नहीं हैं. ये कहना कि प्रदर्शन कर रहे लोग गरीब नहीं हैं, प्रदर्शनों को बदनाम करने का एक जाना-पहचाना हथकंडा है. ऑप इंडिया नाम की राइट-विंग वेबसाइट ने एक लम्बे लेख के ज़रिये ये बताने की कोशिश की थी कि एक प्रदर्शनकारी मॉडल और फ़िल्ममेकर है जो कि विदेश घूम चुका है और जिसके पास महंगी गाड़ियां हैं. वो शख्स असल में एक फ़िल्ममेकर है जो किसानों के साथ सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनरत है. कई इंटरव्यूज़ में उसने बताया है कि वो इस जगह की हवाई फ़ुटेज ले रहा है.


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