प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना किसी पूर्व घोषणा के रविवार, 20 दिसम्बर को गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब पहुंचे. इसके बाद ही पत्रकारों के बीच हलचल और ट्वीट्स की बौछार देखने को मिली. अपने ‘स्रोतों’ से प्रधानमंत्री के वहां पहुंचने की जानकारी मिलते ही पत्रकार एक के बाद एक इस ‘ब्रेकिंग न्यूज़’ को परोसने की होड़ में लग गए. इन पत्रकारों ने एक जैसे ट्वीट किये जिनमें गलतियां भी एक समान ही थीं. सबसे पहले ट्वीट करने वाले ABP न्यूज़ के विकास भदौरिया थे. ट्वीट में लिखा था, “आज सुबह, PM @narendramodi बिना पूर्व सूचना के गुरुद्वारा रकाबजंग पहुंचे और माथा टेका. उन्होंने गुरु तेगबहादुर को उनके बलिदान के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की. (अनुवादित)” अंग्रेज़ी में लिखे इस ट्वीट में रकाबगंज की स्पेलिंग Rakabjung लिखी हुई है जो इसे रकाबजंग बना देता है.
Today morning, in a sudden visit, PM @narendramodi went & bowed his head at Gurudwara Rakabjung. He paid tributes to Guru TegBahadur for his supreme sacrifice.
— Vikas Bhadauria (ABP News) (@vikasbha) December 20, 2020
यही ग़लती बाकियों के ट्वीट में भी थी जिससे साफ़ होता है कि इन सभी पत्रकारों को एक ही टेक्स्ट शेयर करने के लिए दिया गया था. इस गलती को करने वाले लोगों में TV9 भारतवर्ष के उपसंपादक उत्कर्ष सिंह, रविकांत राय, पंकज कुमार पांडे, ABP न्यूज़ के एसोसिएट एडिटर आशीष के सिंह, न्यूज़18 के पोलिटिकल एडिटर अमिताभ सिन्हा और DD न्यूज़ के रिपोर्टर सुधाकर दास शामिल हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी वेबसाइट पर भी यही स्पेलिंग लिखी हुई मिली जो कि ग़लत थी.
ठीक यही गलती NDTV, द इकॉनमिक टाइम्स और जनता का रिपोर्टर समेत कई अन्य न्यूज़ वेबसाइट्स ने की.
दिलचस्प है कि ANI ने विकास भदौरिया के कुछ मिनट बाद ट्वीट किया और अपने ट्वीट में ‘sudden visit’ को ‘unscheduled visit’ और ‘Rakabjung’ को बदलकर सही करते हुए ‘Rakab Ganj’ कर लिया था.
In an unscheduled visit today morning, PM Narendra Modi visited Gurudwara Rakab Ganj Sahib in Delhi and paid tributes to Guru Teg Bahadur for his supreme sacrifice. pic.twitter.com/5kbtyGZ6rF
— ANI (@ANI) December 20, 2020
पत्रकार निस्तुला हेबर ने भी रकाबगंज की स्पेलिंग ठीक की और ‘sudden visit’ को बदलकर ‘surprise visit’ करते हुए ट्वीट में सुधार किया.
PM @narendramodi paid a surprise visit to Gurudwara Rakabganj in New Delhi on Sunday morning to pay obeisance to Guru Tegh Bahadur on his martyrdom. @the_hindu
— Nistula Hebbar (@nistula) December 20, 2020
मेसेज का दूसरा भाग भी पत्रकारों को भेजा गया जिसका टेक्स्ट था, “इस विज़िट के दौरान आम लोगों के लिए कोई पुलिस बंदोबस्त या ट्रैफ़िक बैरियर नहीं लगाया गया.” (No police bandobast or traffic barriers to the common man during this visit).
Today PM @narendramodi went to Gurudwara Rakabjung. He paid tributes to Guru TegBahadur for his supreme sacrifice. PM made a sudden visit , there was no security protocol or bandobast ..
— Naveen Kapoor ANI (@IamNaveenKapoor) December 20, 2020
ये कोई पहली बार नहीं है जब ‘आधिकारिक स्रोतों’ ने ट्वीट के लिए टेक्स्ट लिखकर भेजा हो. पहले भी खिलाड़ियों ने पीएम मोदी की सराहना करते हुए एक जैसे ट्वीट किये थे. हम पहले भी देख चुके हैं कि पत्रकारों को स्मृति इरानी का आभार व्यक्त करने के लिए एक जैसे टेक्स्ट भेजे गये थे.
Such senior sports-persons copy-pasting stuff which they’ve been asked to tweet by the PMO. The person at the top forgot to remove the “Text: ” bit which was to be stripped off before tweeting rest of the text. pic.twitter.com/2lDCxsMsqt
— Pratik Sinha (@free_thinker) October 26, 2019
When asked to bend, they crawled….
p.s: They are not random trolls but journalists. pic.twitter.com/1goOxFnnY8— SamSays (@samjawed65) March 9, 2018
हालांकि, पत्रकारों के लिए उन व्हाट्सऐप ग्रुप में होना कोई बड़ी बात नहीं हैं जिनमें राजनीतिक पार्टियां घोषणाएं करती हैं लेकिन रोबोट्स की तरह इन टेक्स्ट्स को बिना चेक किये शेयर कर देना चिंताजनक है. प्रधानमंत्री के गुरुद्वारा जाने से जुड़े इन ट्वीट्स जिनमें ‘कोई भी सिक्योरिटी प्रोटोकॉल या पुलिस बंदोबस्त न होने’ जैसी बातें लिखी थीं, पत्रकारों को शेयर करने दिया गया जिन्होंने इस नैरेटिव को आगे बढ़ाया. क्या पत्रकारों द्वारा अधिकारियों की तरफ़ से भेजे गये एक जैसे ट्वीट शेयर किया जाना पत्रकारिता है?
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