पंजाब भाजपा ने हाल ही में नए कृषि कानूनों को लेकर अख़बार में छपने वाले एक विज्ञापन में ‘हंसते हुए किसान’ की एक तस्वीर लगायी. लेकिन जिस व्यक्ति की तस्वीर विज्ञापन में छापी गयी, वो इससे खुश नहीं था.
सोशल मीडिया पर ‘हर्प फ़ार्मर (Harp Farmer)’ के नाम से जाने जाने वाले हरप्रीत सिंह ने इस विज्ञापन के बारे में पोस्ट किया. उन्होंने कहा कि उनकी तस्वीर का ग़लत इस्तेमाल किया गया है क्यूंकि वो खुद किसानों के साथ सिंघु बाॅर्डर पर प्रदर्शन में मौजूद हैं.
Besharmi Di Vi Koi Hadd Hundi Ae
Par Lagdaa Inaa Kol JIO De Unlimted Internet Waang Ina Kol Besharmi Di Hadd Vi Unlimted ae. Inaa Nu Dasso Innaa Daa Bhaapa Singhu Baithaa. Yadde Modi With Farmers De. #ShameOnBJP #ModiAgainstFarmers#supportfarmers #IndiaSupportFarmerProtest pic.twitter.com/JRwVTonoer— Harp Farmer (@harpfarmer) December 22, 2020
संसद में सितम्बर 2020 में वाॅइस वोटिंग के ज़रिये तीनों कृषि कानून पारित हुए. इन्हीं कृषि बिलों के ख़िलाफ़ चल रहे प्रदर्शनों ने बड़ा रूप लिया और तमाम प्रदेशों से देश की राजधानी की ओर आ रहे किसानों को दिल्ली के कई बॉर्डरों पर रोका गया. बड़ी संख्या में दिल्ली के इर्द-गिर्द किसान रुके हुए हैं और वहीं से ये प्रदर्शन जारी है जो कि एक महीने का वक़्त पूरा करने वाला है. इस बीच सरकार ये दिखाने की कोशिश कर रही है कि विपक्षी दल लाखों किसानों को बरगला रहे हैं और ये कानून किसानों के भले के लिए है. दिसंबर की शुरुआत में ही, न्यूज़लॅान्ड्री की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने कुछ मेनस्ट्रीम पत्रकारों को उन किसानों के कॉन्टैक्ट्स भेजे जिन्हें कथित तौर से नए कृषि कानून से लाभ पहुंचा है.
और अब भाजपा ने एक ऐसे शख्स को पोस्टर बॉय के तौर पर इस्तेमाल करने की कोशिश की जो खुद इन कानूनों के खिलाफ़ प्रदर्शन में शामिल है. पर ये कोई नयी तरकीब नहीं है. जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद भाजपा ने एक ख़ुश दिख रही कश्मीरी महिला को दिखाने के लिए एक टूरिस्ट की तस्वीर का इस्तेमाल किया था जो कि एक पर्सनल ब्लॉग में छपी थी. मालूम पड़ा कि वो महिला एक पर्यटक थी जिसने सिर्फ़ तस्वीर खिंचवाने के लिए कश्मीरी वेशभूषा पहनी थी.
फ़िलहाल, इस विज्ञापन पर हरप्रीत सिंह की जगह एक ‘ख़ुश’ दिख रहे किसान का कार्टून लगा दिया गया है.
यह तस्वीर सांकेतिक है, सिर्फ़ सरकार द्वारा MSP पर खरीदी गई फसलों का लेखा जोखा दर्शाती है।
इस खरीफ सीजन MSP पर जारी है…Posted by BJP Punjab on Tuesday, December 22, 2020
ऑप इंडिया ने भाजपा का बचाव करने की नाकामयाब कोशिश की
हरप्रीत सिंह ने भाजपा के इस विज्ञापन पर आपत्ति जताई और राइट-विंग वेबसाइट ऑपइंडिया को ये निजी हमला मालूम पड़ा. इस आउटलेट ने एक आर्टिकल में झुंझलाहट ज़ाहिर करते हुए दलील दी कि हरप्रीत को इसपर आपत्ति जताने की ज़रूरत नहीं थी क्योंकि उनकी तस्वीर स्टॉक इमेजेज़ में मौजूद हो सकती थी. ऑप-इडिया ने लिखा, “अगर भाजपा ने स्टॉक इमेज का इस्तेमाल किया है और यदि हर्प फ़ार्मर ने इसे बेचा होगा तो उन्हें इसके बदले मुआवज़ा ज़रूर मिला होगा.” अंग्रेज़ी में पढ़ेंगे तो पायेंगे कि इस वाक्य में इतने ज़्यादा अल्पविरामों का इस्तेमाल किया गया है कि आप अपनी हंसी पर विराम नहीं लगा पाएंगे.
बाकी के आर्टिकल में बस हरप्रीत सिंह की तस्वीरें हैं जो उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स से उठाई गयी हैं. आर्टिकल की फ़ीचर इमेज में हरप्रीत सिंह प्रसिद्ध ब्रिटिश सीरीज़ ‘गेम ऑफ़ थ्रोंस’ से प्रेरित एक सिंहासन पर बैठे हुए हैं. आर्टिकल में उनकी और भी तस्वीरें शेयर की गयी हैं जिनमें वो अलग-अलग लोकेशंस पर दिख रहे हैं. ऑप-इंडिया के आर्टिकल की ये लाइन पढ़िए, “ऑपइंडिया स्वतंत्र तौर से ये वेरिफ़ाई नहीं कर सका कि क्या उसकी इन तस्वीरों में दिख रही गाड़ियां उनकी ही हैं या मॉडलिंग असाइनमेंट्स का हिस्सा हैं.”
ऐसा लग रहा है जैसे ऑप-इंडिया ये साबित करना चाह रहा था कि हरप्रीत किसान बनने का नाटक कर रहा है. ये आउटलेट ऐसी बातें कर प्रदर्शनकारियों को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है और उनके किसान होने पर सवाल खड़े कर रहा है. इससे पहले भी एक आर्टिकल में ऑप-इंडिया ने किसान नेता वीएम सिंह को कांग्रेस पार्टी का सदस्य बता दिया था, जो कि पूरी तरह ग़लत दावा है.
इस आउटलेट ने हरप्रीत की एक तस्वीर, जिसमें वो कार के पास खड़े हैं, शेयर करते हुए उसके साथ कैप्शन लिखा, “हर्प फ़ार्मर ऑन वाॅन्डरलस्ट.” (Wanderlust: घूमने का शौक)
ऑप-इंडिया ने इस आर्टिकल के आखिरी हिस्से में ये साबित कर दिया कि उन्हें खुद नहीं पता था कि वो क्या कहना चाहते हैं. आउटलेट ने हरप्रीत की ट्रैवल वाली तस्वीरों के बारे में कहा, “उसके अपने शब्दों में, 36 वर्षीय हर्प सिंह एक अभिनेता, निर्देशक, प्रोड्यूसर और फ़ोटोग्राफ़र है जिसका अपना म्यूज़िक लेबल और प्रोडक्शन कंपनी है.”
हरप्रीत के ट्विटर बायो में भी कुछ ऐसा ही लिखा है, “बॉर्न फ़ार्मर, लॉस्ट इन फ़िल्म फ़ेयर.” BBC को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद को फ़्रीलान्स फ़िल्ममेकर बताया जो पंजाबी फ़िल्मों में निर्देशन और अभिनय करते हैं. उन्होंने कहा, “मैं यहां (सिंघु बॉर्डर) पिछले 2 हफ़्तों से हूं. मैंने यहां फ़ोटोग्राफ़ी की है. मैंने अपने दोस्तों के लिए कुछ फ़ुटेज लिए हैं जो जानना चाहते थे कि आन्दोलन में क्या हो रहा है और ये कितना बड़ा है. अधिकतर लोग ग्राउंड से शूट कर रहे हैं लेकिन मैंने एरियल फ़ुटेज ली हैं.”
बीजेपी ने जिस शख़्स को ‘खुशहाल किसान’ बताकर सोशल मीडिया पर विज्ञापन डाला, वो शख़्स सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन करता हुआ मिला.
वीडियो: जसपाल सिंह, बीबीसी पंजाबी pic.twitter.com/QyKLE9j9VE
— BBC News Hindi (@BBCHindi) December 22, 2020
ऑप-इंडिया ने अपने आर्टिकल का आधार उस दलील को बनाया कि हरप्रीत को आपत्ति जाहिर करने की ज़रूरत नहीं थी क्योंकि उन्हें तस्वीर के बदले पैसा ‘मिला होगा’. लेकिन हरप्रीत ने बताया कि उनकी तस्वीर कोई स्टॉक इमेज नहीं थी. BBC को दिए इंटरव्यू में वो 1 मिनट 15 सेकंड पर कहते हैं, “ये तस्वीर 6-7 साल पुरानी है. एक दोस्त ने अब्सट्रैक्ट आर्ट के लिए ये तस्वीर खींची थी… ये अच्छी थी इसलिए मैंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर अपलोड कर दिया. उन्होंने (भाजपा ने) वहीं से इसे उठाया. वो एक ‘खुश किसान’ दिखाना चाहते थे. पहले उन्होंने पंजाब के किसानों को खालिस्तानी और आतंकवादी साबित करने की कोशिश की जिसमें सफ़ल नहीं हुए. तो अब उनका प्रोपगेंडा किसानों को खुश दिखाना है.”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे आपत्ति इसलिए है क्योंकि उन्होंने मुझसे बिना इजाज़त लिए मेरी तस्वीर का इस्तेमाल किया. मुझे पता भी नहीं था.”
जब रिपोर्टर ने पूछा कि क्या ये तस्वीर पहले भी कभी इस्तेमाल की गयी है तो हरप्रीत ने कहा, “इसे और कंपनियों ने भी इस्तेमाल किया है. कुछ दिनों पहले इसे पंजाब की एक पंप कंपनी ने इस्तेमाल किया था. मेरे दोस्त ने मुझे इसकी सूचना दी. चुनाव के दौरान कैप्टेन (अमरिंदर सिंह)… कांग्रेस पार्टी ने अपने सोशल मीडिया पर इसका इस्तेमाल किया था. मुझे नहीं पता कि लोग कैसे ये तस्वीर ढूंढ लेते हैं और यही तस्वीर उन्हें पसंद आ जाती है.”
हरदीप सिंह की बात से साबित होता है कि ये तस्वीर उनके सोशल मीडिया अकाउंट से ली गयी है न कि किसी स्टॉक इमेज की वेबसाइट से. और लगता है भाजपा को भी ये समझ आ चुका था कि तस्वीर ग़लत ढंग से पेश की गयी है इसलिए बाद में इसे हटा दिया गया. हरप्रीत ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि वो अपनी तस्वीरें स्टॉक इमेज के तौर पर नहीं बेचते हैं.
aa Kutte De Hadd Kehnde aa BJP Waleyaa Photo Stock cho Buy Keeti aa Jo Ke Galt aa I don’t Sell My photos as Stock Images ~ #SupportFarmers #ModiAgainstFarmers #BJPShame https://t.co/0r6WwW62QZ
— Harp Farmer (@harpfarmer) December 22, 2020
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