“साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की कुल सम्पत्ति 4 लाख 50 हजार है. और बेरोजगार कन्हैया कुमार के पास 18 करोड़। ये 18 करोड़ आया कहाँ से ?”
उपरोक्त संदेश को सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि सीपीआई के बेगुसराई से उम्मीदवार कन्हैया कुमार, जो कि बेरोजगार है उनकी अर्जित संपत्ति 18 करोड़ रुपये है जबकि भोपाल से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा की कुल संपत्ति 4.5 लाख रुपये है। इस संदेश में कन्हैया कुमार के ऊपर हास्यास्पद तरीके से टिपण्णी की गई है कि कुमार ने बिना किसी रोज़गार के बड़ी मात्रा में धन इक्कठा कर लिया है। इस पोस्ट को एक फेसबुक पेज द्वारा साझा किया है, आई लव इंडिया के इस पोस्ट को 3,400 से ज्यादा बार साझा किया गया है।
इस पोस्ट को कुछ अन्य व्यक्तिओं द्वारा फेसबुक और ट्विटर पर साझा किया गया है।
तथ्य जांच
ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी जांच में पाया कि कन्हैया कुमार पर उनके नामांकन पत्र के मुताबिक, 18 करोड़ की संपत्ति रखने को लेकर किया जाने वाला दावा गलत है। बिहार, बेगूसराय लोकसभा सीट से अपने नामांकन पत्र के हलफ़नामे के मुताबिक कन्हैया कुमार ने 5.5 लाख रुपये की संपत्ति के साथ 8.5 लाख रुपये की सालाना आय की घोषणा की थी। हलफनामे में दिए हुए आंकड़े सोशल मीडिया में दिए गये आंकड़ों के साथ मेल नहीं खा रहे है। उम्मीदवार ने नामांकन के समय घोषित की हुई कुल संपत्ति की जानकारी MyNeta डेटाबेस पर आसानी से उपलब्ध है। NDTV के मुताबिक, “अपने हलफनामे में, पूर्व छात्र नेता जिनके खिलाफ देश द्रोह का मामला दर्ज है, जिसने देश भर में छात्र विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। जो खुद को एक बेरोज़गार के रूप में बताता है, जिसकी आय स्वतंत्र रूप से लेखन और कुछ विश्वविद्यालय में अतिथि वक्तव्य से होती है। उन्होंने कहा कि उनकी किताब “बिहार टू तिहाड़” के ज़रिये उनकी आय होती है।” – (अनुवाद)
जहां तक प्रज्ञा सिंह ठाकुर की बात है, नामांकन पत्र के हलफ़नामे में उन्होंने शुन्य आय के साथ 4.5 लाख रुपये की संपत्ति घोषित की है।
कन्हैया कुमार के चुनावी हलफ़नामे के मुताबिक, उनकी सम्पत्ति को लेकर दिया गया आंकड़ा गलत है। इन आंकड़ों के आधार पर, पोस्ट में कुमार के सार्वजनिक जीवन की पारदर्शिता पर सवाल उठाया गया है और उनकी संपत्ति पर भी संदेह किया गया है। कन्हैया कुमार को कई बार गलत सूचनाओं से घेरा गया है। चुनावी प्रचार के दौरान, कन्हैया कुमार की चुनावी प्रचार में इस्तेमाल की गई गाड़ी को फोटोशॉप करके एक तस्वीर में अफ़ज़ल गुरु को दिखाया गया और उनके भाषण के वीडियो को क्लिप करके गलत तरीके से पेश किया गया, जिसमें वो कहते हुए सुनाई देते है कि, “हनुमान दूसरे की बीवी के अपमान के लिए लंका जला दिए।”
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