शनिवार, 19 अक्टूबर को नई दिल्ली के करोल बाग इलाके में उस वक़्त तनाव की स्थिति पैदा हो गई जब हिंदुत्व कार्यकर्ताओं ने करवा चौथ की पूर्व संध्या पर बुर्का पहनी महिलाओं द्वारा हिंदू महिलाओं को मेहंदी लगाने से रोकने की कोशिश की.

करवा चौथ उत्तरी और पश्चिमी भारत में महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है जिसमें वे अपने पति की सुरक्षा और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करते हुए सूर्योदय से चंद्रोदय तक उपवास करती हैं. करवा चौथ से पहले मेहंदी लगवाना महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण रिवाज है. पश्चिमी दिल्ली में करोल बाग मेंहदी लगाने के लिए एक लोकप्रिय जगह है.

ऑनलाइन सामने आए एक वीडियो में कुछ आदमी ‘मुसलमानों द्वारा हिंदू समुदाय पर अत्याचार’ के बावजूद बुर्का पहने महिलाओं से मेंहदी लगवाने के लिए हिंदू महिलाओं को डांटते हुए दिख रहे हैं. एक शख्स को हिंदू महिलाओं से पूछते हुए सुना जाता है, “क्या आपको अपने धर्म की परवाह है? क्या आपको अपने त्योहारों की परवाह है?”. ये लोग मुसलमानों पर “हिंदू महिलाओं की हत्या कर उन्हें रेफ्रिजरेटर में बंद करने” और ‘लव जिहाद’ करने का आरोप लगाते हैं. इन लोगों ने करवा चौथ के मौके पर बुर्का पहन कर मेंहदी लगाने के लिए भी मुस्लिम महिलाओं की आलोचना की. “कम से कम आज, वे सूट पहन सकते थे. वे अपनी पहचान दिखा रहे हैं, वे बुर्के में काम कर रहे हैं.” गौरतलब है कि घटनास्थल पर बच्चे भी मौजूद थे.

इस वीडियो में जो कहा गया है उसका ट्रांसक्रिप्शन नीचे है.

“बहनजी, हमारी बहन बेटियों को बेचा जाता है, हमारी मांओं को बेचा जाता है ये लोगों के साथ. नहीं नहीं, आप खड़े होये. हमारे हिंदू समाज की कोई भी बेटी नहीं लगायेगी. आप लोगों को शर्म आती है या नहीं आती है?… आप लोगों को अपना धरम प्यारा है? अपना त्योहार प्यारा है? इन जैसी लोगों के साथ लगा रहे हैं आप?… हमारे उधर हिंदू भाई बहने लग़ा रही है, उधर माता बहने लगा रही है, उनसे लगाइए ना. हमारे समाज का जितना बुरा इन लोगों का काम कर रखा है आप लोगों को दिखाई नहीं देता? बुर्का पहन के लगा रहे हैं, हिंदुओं का त्यौहार हिंदू नहीं बना पाएंगे क्या?… ये कौन सा तरीक़ा है, बुर्का पहन के लगा रहे हैं. अरे आज के दिन सूट पहन लेते, आज तो अपनी आइडेंटिटी छुपा लेते… आज भी तुम लोगों को अपना दिखाना था कि बुर्का पहन के हम लगा रहे हैं. ये कौन सा दिखा रहा हो आपलोग? हमारा हिंदू समाज इसी तरह से तो भ्रमित हो रखा है… हमलोग के साथ जो अत्याचार हो रहा है, आए दिन हमारी बहन बेटियों को काट के फ्रिज़ के अंदर पैक करते हैं, उसके बाद भी आप लोग नहीं समझते. हमारा हिंदू समाज नहीं समझता, हमारी बहन बेटियां नहीं समझती… लव जिहाद हो रहा है हमारी बहन बेटियों के साथ में… आये दिन काट के फेंका जा रहा है, आये दिन काट के उनको फ्रिज  के अंदर बंद किया जा रहा है… उसके बाद भी मेरी माता बहन यहां बैठी है देखो…अरे हिंदू लगा रहे हैं ना उधर, और हिंदू भाई है वो लगाएंगे, क्या दिक्कत है, इन बुर्कान वालो से लगवाओगे क्या आप? हमारा हिंदू समाज बिल्कुल गया गुजरा हो चुका है क्या? हमारे लोग बिल्कुल (ठीक से सुना नहीं जा सका) हो चुके हैं क्या जो किसी को समझ में नहीं आ रहा…हमारी बहन बेटियों को काट-काट के फेंकते हैं, फ्रिजों के अंदर डालते हैं, उसके बाद आप इनलोगों से मेहंदी लगवा रहे हैं… अरे हिंदुओं का त्योहार है, हिंदू नहीं मनाएगा, ये लोग मनाएंगे, बुर्का पहन के बैठे हैं… अरे आपको किसी कुछ समझ में आ रहा है? आज के दिन भी कम से कम सूट सलवार पहन लेते… आइडेंटिटी दिखा रहे हैं अपनी, “हम बुर्के के अंदर काम कर रहे हैं”… कुछ समझ में आता है आप लोगों को? फिर बाद में आते हैं बजरंग दल के पास में, आरएसएस वालों के पास में, हमारी बेटी को ले गए लव जिहाद करके, हमारी बेटी को काट दिया… उस समय पे आते हो आप लोग हिंदू संगठनों के पास में… भाईसाहब आप कुछ बोलिए… वहां पे लगा रही है ना, वहां लगवाओ…आज के दिन भी इन लोगों ने बुर्का पहन के काम कर रहे हैं…”

ये बातें नारंगी टी-शर्ट पहना एक लंबा आदमी कह रहा था और उसके साथी भी घटना को फ़िल्माते हुए इसी तरह के कमेंट्स कर रहे थे. एक को ये कहते हुए भी सुना जाता है, “किस चीज़ से इंडियन हो आप?” एक ने कमेंट किया, “हमसे ही कमा रहे हैं, हमें ही खा रहे हैं… ये ग़लत है.” 

घटना का वीडियो जल्द ही सोशल मीडिया पर क्रिएटली मीडिया (@KreatelyMedia) और काजल हिंदुस्तानी (काजल_जयहिंद) जैसे राईटविंग हैंडल शेयर करने लगे. काजल हिन्दुस्तानी ने लिखा कि हिन्दू अब जाग चुका है और अब शंखनाद भी हो रहा है. ऑल्ट न्यूज़ ने हिन्दुत्व हेट पॉलिटिक्स का एक प्रमुख चेहरा काजल हिन्दुस्तानी के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट पब्लिश की है. 

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ऑल्ट न्यूज़ ने घटना के सटीक जगह का पता लगाया. बैकग्राउंड में ‘लाख दातार टावर’ नाम की एक इमारत नज़र आ रही है. हमने पता लगाया कि ये इमारत राष्ट्रीय राजधानी में बीडनपुरा, करोल बाग में स्थित है. नीचे वीडियो के एक कीफ़्रेम और गूगल से लिए गए एक फ़ोटो की तुलना दी गई है.

हमने ये भी पाया कि घटनास्थल करोल बाग पुलिस स्टेशन से 160 मीटर दूर था. ऑल्ट न्यूज़ ने 21 अक्टूबर को करोल बाग के SHO से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया कि पुलिस अभी भी घटना को वेरिफ़ाई करने की कोशिश कर रही है.

ऑल्ट न्यूज़ ने उन व्यक्तियों की पहचान की जो इस वीडियो में महिलाओं को परेशान करते दिख रहे हैं.

परेशान करने वाले कौन थे?

हमें करोल बाग के एक बजरंग दल कार्यकर्ता द्वारा इंस्टाग्राम पर अपलोड किए गए वीडियो में इस घटना का एक और फ़ुटेज मिला. वीडियो में बुर्का पहनी महिलाओं को अलग-अलग ग्रुप में बैठकर मेहंदी लग़ाते हुए दिखाया गया है. नारंगी रंग की टी-शर्ट पहने एक व्यक्ति के नेतृत्व में कुछ लोग, मुस्लिम महिलाओं से मेहंदी लगवाने की वजह से हिन्दू महिलाओं को परेशान करते और चिल्लाते हुए, एक जगह से दूसरी जगह पर घूमते हुए देखे जा सकते हैं.

 

नारंगी टी-शर्ट वाला व्यक्ति, जो ग्रुप का नेता लगता है उसका नाम विजय खिची है जिसे विजय कुमार के नाम से भी जाना जाता है. ये बजरंग दल के करोल बाग शाखा का ज़िला समन्वयक है. हमें फ़ेसबुक पर विजय की एक तस्वीर मिली जिसमें वो वही टी-शर्ट पहने हुआ है जो वायरल वीडियो में दिख रही है. नीचे इसकी तुलना देखी जा सकती है:

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वायरल वीडियो के अंत में एक व्यक्ति को अपने फ़ोन पर घटना का वीडियो बनाते हुए देखा जा सकता है. हमने नोटिस की कि उसके दाहिने हाथ में कड़ा पहना था. ऑल्ट न्यूज़ ने उसकी पहचान बजरंग दल के करोल बाग चैप्टर के ज़िला सुरक्षा प्रमुख सोनू यादव के रूप में की. नीचे तुलना देखी जा सकती है:

कौन हैं विजय खिची?

जांच करने पर, हमें पता चला कि विजय कारोल बाग में बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद् के कार्यक्रमों में नियमित रूप से शामिल होता है.

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विजय की फ़ोटो दिल्ली नगर निगम के करोल बाग ज़ोन के पूर्व और वर्तमान उपायुक्तों के साथ खींची गई है.

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अगस्त 2023 में ऑल्ट न्यूज़ ने हरियाणा के नूंह में सांप्रदायिक झड़पों के बाद करोल बाग में बजरंग दल द्वारा आयोजित एक विरोध रैली में दिए गए नफरत भरे भाषणों का डॉक्यूमेंटेशन किया था. रैली के दौरान कई भड़काऊ बयान दिए गए जिनमें ये भी कहा गया कि अगर प्रशासन हिंदुओं की रैली पूरी करने में विफल रहा, तो विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल ‘मामले को अपने हाथों में ले लेंगे.’ मुसलमानों के खिलाफ़ हिंसा की खुली धमकियां भी दी गईं. विजय को रैली में सबसे आगे नारे लगाते हुए देखा गया और उनके समर्थक और साथी चिल्ला रहे थे.

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ऑल्ट न्यूज़ ने 24 अक्टूबर को फिर से पुलिस से संपर्क किया. हमें कोई अपडेट नहीं दिया गया. साथ ही अधिकारी ने ये कहते हुए हमारे सवालों को खारिज कर दिया कि “घटना बहुत ज़रुरी नहीं थी.” ध्यान दें कि ये घटना राष्ट्रीय राजधानी के केंद्र में एक पुलिस स्टेशन से बमुश्किल 150 मीटर की दूरी पर हुई थी. इसीलिए हमारा मानना है कि पुलिस का उपेक्षापूर्ण रवैया और बिना मांगे माफी की वजह से हिंदुत्व ‘कार्यकर्ता’ सांप्रदायिक नफ़रत फैलाने और दोनों समुदायों की महिलाओं को परेशान करने में सक्षम थे. ये देश में इस तरह की नफरत फैलाने वाली घटनाओं में तेज़ी हो रही नॉर्मलाइजेशन की याद दिलाता है.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.