इस आर्टिकल में हमने काजल हिन्दुस्तानी की फे़सबुक/ट्विटर प्रोफ़ाइल की ऐक्टिविटी, उनके यूट्यूब चैनल/ अन्य चैनल्स पर पोस्ट किये गए वीडियोज़ और हमारी उनसे फ़ोन पर हुई बात के आधार पर कुछ तथ्य शेयर किये हैं.

काजल शिंगला उर्फ़ काजल हिन्दुस्तानी को ट्विटर पर PM मोदी और BJP के कई बड़े नेता फ़ॉलो करते हैं. काजल गुजरात के जामनगर की रहने वालीं हैं. वो ट्विटर बायोडेटा में ख़ुद को उद्यमी, रिसर्च एनालिस्ट, सोशल एक्टिविस्ट और नेशनलिस्ट बताती हैं.

“मिडल ईस्ट से पैसा आ रहा है भारत में कि भारत की बेटियों के दिमाग खराब करो”

18 अगस्त 2023 को काजल हिन्दुस्तानी ने अपने ट्विटर हैन्डल से एक वीडियो ट्वीट किया. ये किसी धार्मिक सम्मेलन या आयोजन का नहीं बल्कि गुजरात की उका तरसाडीया यूनिवर्सिटी के छात्रों के सामने दिए गए भड़काऊ बयान का वीडियो है. काजल भाषण देते हुए दावा करती हैं कि फ़िल्मों के माध्यम से हिंदुओं की बेटियों के दिमाग खराब किये जाते हैं. वो कहती हैं, “मेरी बच्चियों, अगर आप चाहते हो कि आपके कोख से महाराणा प्रताप, छत्रपती शिवाजी महाराज पैदा हो तो आपको जीजाबाई और जैवेनताबाई बनना पड़ेगा. करीना खान को देखोगी तो तैमूर और जहांगीर ही पैदा करोगी. हमें दिक्कत नहीं है यार, तुम्हारा बेटा है जो मन चाहे नाम रखो. पप्पू रखो, तैमूर रखो, जहांगीर रखो, इब्राहीम रखो. मगर तैमूर नाम भारत के और प्रत्येक भारतीयों के छाती पर चोट है. तैमूर ने लाखों हिंदुओं का कत्लेआम किया, जिसमें लाखों हिन्दू महिलाओं के बलात्कार किये. पृथ्वीराज कपूर के खानदान की करीना खान तैमूर पैदा कर रही है. तुम्हारी छाती पर चोट कर कह रही है कि मुगलों को निकाल तो दिया लेकिन मानसिकता तुम कहां से निकालोगे. वो मानसिकता हमारे बीच पनप रही है और हम हंसी-हंसी, खुशी-खुशी इनका शुभानअल्ला, अनिमुल्ला देकर तालियां बजाकर कहते हैं वाह क्या सीन है. हर गौरी को लगता है कि उसको कोई शाहरुख मिल जाए. हर करीना कपूर को लगता है कि उसको कोई शैफ़ अली खान मिल जाए. मेरी बच्चियों इनकी जो लाइफ़ है वो सच्ची लाइफ़ नहीं है. ये प्रॉपोगेट प्लानड लाइफ़ है. मिडल ईस्ट से पैसा आ रहा है भारत में कि भारत की बेटियों के दिमाग खराब करो.”

काजल ने अपने यूट्यूब चैनल से उका तरसाडीया यूनिवर्सिटी में दिए गए भाषण का पूरा वीडियो 8 अगस्त 2023 को अपलोड किया. ये वीडियो 1 घंटा 10 मिनट का है. पूरे भाषण में काजल छात्रों के बीच दूसरे समुदाय के लिए नफरत की भावना पैदा करने का काम करती हैं. 54 मिनट 40 सेकंड पर वो कहती हैं, “भारत को सीस्टमेटिकली इस्लामिक देश बनाने का एजेंडा चल रहा है. ये बोलते हैं लड़ के लिया पाकिस्तान, हंस के लेंगे हिंदुस्तान….भारत को इस्लामिक देश कैसे बनाएंगे तो इसी तरह से, लव जिहाद करो, अवैध अतिक्रमण करो, धर्मांतरण करवाओ, इनके मंदिरों पर कब्ज़ा करो, इनके गौ माता की जगह को पचाओ, इनको दिमाग से इतना ख़तम कर दो कि ये अपने धर्म के लिए लड़े नहीं. और मेरे जैसा लड़ने चला जाता है तो उसको जेल में भेज दिया जाता है.”

इसी वीडियो में 56 मिनट 55 सेकंड पर काजल ने कहा, “हिन्द महासागर से लेकर हिमालय तक, और अफगानिस्तान से लेकर इंडोनेशिया तक ये पूरी हिन्दू भूमि थी. ये सनातनियों की भूमि थी. और आज हमारी दशा ये होती है कि हम भारत में मुठ्ठी भर रह गए हैं. 9 राज्यों में और 200 ज़िलों में हिन्दू माइनोरिटी हो गया है.”

58 मिनट 36 सेकंड पर काजल दावा करती हैं कि महाराणा प्रताप हल्दीघाटी का युद्ध हारे ही नहीं थे. और इस दावे के समर्थन में वो अकबर का मज़ाक उड़ाते हुए कहती हैं, “ये कहते हैं न कि महाराणा प्रताप को भगौड़ा साबित किया, अकबर को महान किया, अकबर को बहुत बड़ा योद्धा बताया गया. अरे, अकबर का टोटल वजन 80 किलो नहीं था, हमारे महाराणा प्रताप का खाली भाला 80 किलो का था.” (छात्र तालियां बजाते हुए)

“अकबर की हाईट साढ़े 5 फ़ीट थी, हमारे महाराणा प्रताप की हाईट साढ़े 7 फ़ीट थी. महाराणा प्रताप जो कवच पहनते थे उसका वजन 72 किलो था. वो 2 तलवारें यहां पर लगाते थे (कमर की तरफ इशारा करते हुए) और उन दोनों तलवारों का वजन 208 किलो था. वो हमारे महाराणा प्रताप इस बच्चे से हारेंगे?” (छात्र तालियां बजाते हुए)

इसके बाद वो कहती हैं, “हल्दीघाटी का युद्ध सेनाओं के बीच हुआ था और मान सिंह ने गद्दारी करी. और यही कारण था कि महाराणा प्रताप को 7 वर्षों तक जंगल में रहना पड़ा.”

1 घंटे 2 मिनट पर काजल मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधते हुए कहती हैं, “मैंने आपको कहा, शिक्षा ईसाइयों के भरोसे छोड़ दी, इतिहास वामपंथियों के भरोसे छोड़ा और हमने हमारी फ़िल्में जिहादियों के भरोसे छोड़ दी.” इसके बाद वो फ़िल्मों को ‘लव जिहाद’ से कनेक्ट करती हैं. साथ ही वो छात्रों से 3 फ़िल्में ज़रूर देखने को कहती हैं, कश्मीर फ़ाइल्स, केरला स्टोरी और आने वाली अजमेर 92.

1 घंटे 7 मिनट पर वो नेहरू गांधी परिवार के बारे में कहती हैं कि इन्होंने देश को बर्बाद किया और इसका कारण बताती हैं कि 1947 से लेकर 1977 तक भारत के 5 शिक्षा मंत्री मुस्लिम समुदाय से थे. वो कहती है कि जिन लोगों ने देश का बंटवारा कराया वो ही इस देश के शिक्षा मंत्री बनकर बैठे हैं तो हिंदुओं का बच्चा ‘जय श्री राम’ कहां से सीखेगा वो ‘अली मौला’ ही तो करेगा. यहां बताना ज़रूरी है कि 1947 से 1977 तक देश में 9 शिक्षा मंत्री रहे जिनमें सिर्फ 4 मुस्लिम समुदाय से थे बाकी हिन्दू थे. लेकिन काजल ने ये बात अपने भाषण में नहीं बताई.

हमने उका तरसाडीया यूनिवर्सिटी से संपर्क किया ताकि काजल हिन्दुस्तानी द्वारा छात्रों के सामने दिए जाने वाले भाषण पर उनका रिएक्शन पता चले. डिप्टी रजिस्ट्रार ने हमें इस मामले में रजिस्ट्रार से बात करने को कहा. हमने कई बार रजिस्ट्रार को कॉल किया लेकिन उन्होंने हमारी कॉल का जवाब नहीं दिया. उनकी तरफ से जवाब मिलने पर इस आर्टिकल को अपडेट किया जाएगा.

13 अगस्त, 2023 को काजल हिन्दू सेवा परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम का हिस्सा बनी और वहां भी मुस्लिम समुदाय के खिलाफ़ जमकर भाषणबाज़ी की. इस भाषण के कुछ अंश यहां ज्यों के त्यों इस तरह हैं, “ये कहते हैं न लड़ के लिया पाकिस्तान, हंस के लेंगे हिंदुस्तान. कैसे हंसकर लेंगे, ये लव जिहाद करके हंसकर ले रहे हैं, ये अवैध अतिक्रमण करके हंसके ले रहे हैं. ये वक़्फ़ बोर्ड के आड़ में अतिक्रमण करके हमारी प्रॉपर्टी पर कब्ज़ा कर रहे हैं. ना हमारी बेटियां सुरक्षित हैं, न हमारी ज़मीनें सुरक्षित हैं, न हमारी गौ माता सुरक्षित हैं.”

12 अगस्त को हिन्दू सेना द्वारा आयोजित एक रैली में भी काजल ने मुसलमानों के खिलाफ़ भड़काऊ भाषण दिए. “आपके लालपुर में लव जिहाद न हो उसकी चिंता आपको करनी है, अवैध अतिक्रमण, और हिन्दू मंदिरों पर हिन्दू जगहों पर गौ माता की जगह पर न हो उसकी चिंता तुम्हें करनी है. ऐसा न हो कि उसके घर अवैध अतिक्रमण किया है तो मुझे क्या लेना-देना. इसलिए हमारी रक्षा हमें खुद करनी है, आपके आसपास कौन आया है ध्यान दो, रोहींग्या और बांग्लादेशी तो नहीं आए हैं न क्यूंकि स्थिति इतनी खराब है कि मैं भी दमन जाके आयी हूं. गुजरात में ही वापी के बाजू में है, वहां जितने फेरीवाले हैं, सब बांग्लादेशी और रोहींग्या मुसलमान हैं. अब सोचो वो कि ये दुकानदार 20 रुपये पे बिंदी बेचता है और उसी के बाहर फेरीवाला उसकी कोई दुकान न हो, किराया देना न हो कुछ लाइटबिल नहीं देना हो वो 10 रुपये में बिंदी बेचे तो हमारी बहने 20 वाला लेंगी या 10 वाला लेंगी, 10 वाला (जनता जवाब देती है). यानी, मेरी बहनों आतंकवाद का अड्डा आप शुरू कर रही हो क्यूंकि मेवात में हिंदुओं की शोभायात्रा पर पत्थरबाज़ी करने वाले आप ही से पैसे लेकर आपके ही पैसे से आपकी शोभायात्रा पर पत्थर मारते हैं.”

इसके बाद वो लोगों से मुसलमानों का आर्थिक बहिष्कार करने को कहती हैं, “इसलिए सिर्फ 3 काम ही करने हैं Be Hindu, buy Hindu, employ Hindu, हिन्दू बनो, हिन्दू को ही व्यवसाय दो, हिन्दू को ही नौकरी दो और हिन्दू इकॉनोमी खड़ी करो. और वो जिहादी आपको इसलिए मारता है क्यूंकि आप हिन्दू हो, और हिन्दू सेना आपको इसलिए बचाती है क्यूंकि आप हिन्दू हो. इन दोनों के बीच का अंतर समझना.”

अप्रैल 2023 में काजल हिन्दुस्तानी पहली बार खबरों में हेडलाइन बनकर चर्चा में आयीं. गुजरात के ऊना में कथित रूप से उनके भाषण के बाद सांप्रदायिक तनाव और दंगा भड़क उठा. भड़काऊ भाषण देने के आरोप में पुलिस ने काजल के खिलाफ़ केस दर्ज कर 9 अप्रैल को गिरफ़्तार कर लिया था. 13 अप्रैल को उन्हें ज़मानत मिल गई. ज़मानत के बाद काजल हिन्दुस्तानी ने ट्वीट करते हुए ‘समस्त हिंदू समाज और भारत के समस्त हिन्दू संगठनों’ को धन्यवाद दिया और कहा, “लव जिहाद, ज़मीन जिहाद और धर्मांतरण के विरुद्ध हमारा संघर्ष चलता रहेगा.” गुजरात के ऊना में हुई जिस रैली के बाद काजल को गिरफ्तार किया गया था उसका आयोजन विश्व हिन्दू परिषद् ने किया था.

जिस भड़काऊ भाषण के लिए गिरफ़्तार हुई थीं काजल

31 मार्च 2023 को गीर की रैली में उन्होंने मुस्लिम लड़कियों को हिन्दू लड़के से शादी करने के फायदे गिनाये थे. उनके भाषण के एक हिस्से को नीचे शब्दश: लिखा गया है:

“मुस्लिम बहने अगर हिन्दू लड़के से शादी करेंगी तो क्या-क्या फायदे मिलेंगे…पहला फायदा, तीन-तीन सौतनों का सामना नहीं करना पड़ेगा. अगर मुस्लिम लड़की हिन्दू लड़के से शादी करेगी तो दर्जनों बच्चे पैदा नहीं करने पड़ेंगे. अगर मुस्लिम बहन हिन्दू परिवार में बहू बनके आएगी तो घर में पुरुषों की सुरक्षा और सम्मान मिलेगा. कोई चाचा, ताऊ, अब्बू हाथ नहीं लगा पायेगा. 45 डिग्री टेम्परेचर में बुर्का नहीं पहनना पड़ेगा. आपको अपनी मनपसंद के कपड़े पहनने की छूट होगी. पांचवां फायदा मेरी मुस्लिम बहनों अगर मेरे हिन्दू भाई से शादी करती है तो जिस घर में बहू बनकर जाओगी, वहां की बेटी कहलाओगी और घर की मालकिन कहलाओगी. और आपकी बेटी को भी बेटे के बराबर प्रॉपर्टी में से हिस्सा मिलेगा. साथ में किसी फूफी, चाचू, ताऊ के बेटे के साथ शादी नहीं करनी पड़ेगी. यही हिन्दू लड़के से शादी करोगी तो आपको तलाक़ तलाक़ तलाक़ कहके कोई नहीं छोड़ेगा. कोई मौलाना, मौलवी, अब्बू, बड़ा भाई, छोटा भाई आपका हलाला नहीं करेगा. आठवां फायदा मेरी मुस्लिम बहनों अगर मेरे हिन्दू भाई से शादी करेगी तो कोई निकाह विकाह जैसा कॉन्ट्रैक्ट नहीं होगा, क्यूंकि हमारे यहां शादी 7 जन्मों का बंधन है. और नवां और अंतिम फायदा कि हिन्दू से शादी करोगी तो आपके बच्चे मजहब के नाम पर जिहाद, आतंकवाद, अलगाववाद, कट्टरवाद, पत्थर बाज़ का भोग नहीं बनेंगे. देशभक्त कहलायेगा आपका बच्चा.”

इसके बाद वो भीड़ से कहती है कि भाई लोग मुस्लिम बहनों का उद्धार करने के लिए तैयार हो न. ये हम सनातनियों की ज़िम्मेदारी है क्यूंकि हम वसुधैव कुटुम्बकम में मानते हैं. (आर्काइव लिंक) ( नीचे पोस्ट किये गए वीडियोज़ हिन्दुत्व वाच ट्विटर हैन्डल से डाउनलोड किये गए हैं.)

हमारी सब्र का परीक्षा मत लो

इसी मौके पर वो ये भी कहती हैं, “हिन्दू एकत्रित आयेंगे और ‘लव जिहाद’ और ‘लैंड जिहाद’ की लंका जलाएंगे. बोलो जलाओगे न? तो इसके लिए मेरे भाइयों राम सेना बनानी पड़ेगी. राम सेना जैसे एक बनके जब लड़ने जायेंगे तभी ये सुधरेंगे. मैं तो इनलोगों से कहती हूं कि अभी भी समय है, हमारी सब्र का परीक्षा मत लो. क्यूंकि अगर बेटे बनके खाओगे तो खिलाएंगे लेकिन अगर बाप बनने की कोशिश करोगे तो यहां से निकाल दिए जाओगे.”

अब्दुल, आफ़ताब के खिलाफ़ महिला शक्ति

“इस संग्राम में एक-एक बहनों को घर से बाहर निकलना पड़ेगा. और ‘लव जिहादियों’ की इतनी हिम्मत कैसी हो गई है कि हमारी बेटी को उठा के ले जाते हैं. भारत की महिला शक्ति कहां है? महिला शक्ति उसे कहेंगे कि जब कोई अब्दुल, आफ़ताब अपनी बेटी को उठा के ले जाए तो उसे मार के 10 फ़ीट अंदर गाड़ने के बाद अपनी बेटी को वापस ले आए. ये महिला शक्ति है. कोई आलियो, मालियो, मुल्लो, ठुल्लो आके अपने मंदिर पे कब्ज़ा कर ले, ये नहीं चलेगा. और अपना देश अपने हाथ में है. ये लोग खुल के नारे लगा रहे हैं कि लड़ के लिया पाकिस्तान हंस के लेंगे हिंदुस्तान. और हसेंगे कैसे लैंड जिहाद करके, लव जिहाद करके और धर्मान्तरण करके. 1947 की ग़लती हमें अभी परेशान कर रही है. जागृत हो जाओ, वरना आने वाली पीढ़ी बोलेगी ये कैसा देश हमको देके गए हैं.”

“अहिंसा मात्र भ्रम है, ये नारा छोड़ दो हिन्दू मुस्लिम भाई-भाई”

“ये अहिंसा मात्र भ्रम है, शत्रुओं का जाल है ये, मान लो तुम बात मेरी, हिन्दुओं का काल है ये. यदि अहिंसा पूज्य होती, श्रीकृष्ण क्यूं गीता सुनाते और शांति हेतु युद्ध निश्चित भेद क्यूं हमको बताते. कायरों की भांति तुम क्यूं युद्ध से घबरा रहे हो, चाहता बलिदान है रण और तुम घर को आ गए हो भेद सारे भूलकर सोचो कि हम एक हैं. और भींच लो सब मुठ्ठीयां, बोलो कि हिन्दू एक है. बोलो कि हिन्दू एक हैं. और सो रहे हैं जो अभी तक दर्प सारे जाग जाए, अब उठो उद्घोष करो कि सर्प सारे भाग जाए. ये समय संग्राम का है, तुम स्वयं से टकरा रहे हो. चाहता बलिदान है रण और तुम घर को आ गए हो.”

आगे वो हिंदुओं को एक बनने को कहते हुए कहती हैं, “ये नारा छोड़ दो हिन्दू मुस्लिम भाई-भाई. वो अपनी बहन का भाई नहीं हुआ, तुम्हारा क्या होगा. इसीलिए हिन्दू-हिन्दू भाई-भाई का नारा लगाना सीखो. हमारे आज़ाद भारत की 4 बड़ी गलतियां- हमने अपना इतिहास वामपंथियों के ऊपर छोड़ दी. हमने अपनी शिक्षा ईसाइयों के भरोसे छोड़ दी. हमने हमारी फ़िल्में जिहादियों के भरोसे छोड़ दी. और हमारा देश नेहरू-गांधी परिवार के भरोसे छोड़ दिया. ये चार गलतियां परेशान कर रही है इसलिए आज हम जब शोभा यात्रा निकालते हैं तो ये अब्दुल हमपर पत्थरबाज़ी कर रहा है.”

“पता चला न कि बड़ोदा में पत्थरबाज़ी हुई है. ये कोई भाई चारा है क्या? एक किशन भरवार को एक मामूली फ़ेसबुक पोस्ट की वजह से मार दिया. कौन से भाई चारे की बात कर रहे हो. पिछले एक महीने में 6 हिन्दू भाइयों का खून हुआ है. जनवरी 18 से फ़रवरी 18 के बीच 6 खून हुए हैं. ये भाई चारा है क्या?” यहां बिना किसी संदर्भ के वो ये दावा करती हैं.

“आज बंगाल में पत्थरबाज़ी हुई है, राजस्थान में अपनी शोभायात्रा के ऊपर पत्थरबाज़ी हुई है, गुजरात में भी हुआ है, कलीम UP में कोई पत्थरबाज़ी नहीं हुई है, क्यूंकि UP में बाबा…”

“काजल हिन्दुस्तानी हिंदुओं में भाईचारे का भूत निकालने का काम करती है”

“इन लोगों ने अपनी निकिता के 35 टुकड़े किये. ये भाईचारा है क्या? रुबिका के 52 टुकड़े किये. ये कोई भाई चारा है क्या? गए साल उना में नारे लगे थे न, गुस्ताके रसूल की एक ही सज़ा, सर तन से जुदा. ये नारा लगा था न उना में. ये भाई चारा है क्या? अपने शिव जी को फ़वारा फ़वारा बोल रहे हैं ये भाई चारा है क्या? तो आज मैं भाई चारे का भूत निकालने आई हूं. तांत्रिक हूं तांत्रिक. इन हिन्दुओं में भाई चारे का भूत है न वो निकालने का काम करती है काजल हिन्दुस्तानी. इसीलिए मैं बोल रही हूं, जब जिहादी खुल्लम खुल्ला तलवारें लहराते हो और हमारी यात्राओं में पत्थर फेंके जाते हो. जब इनके भोंपू दिन में पांच बार चिल्लाते हो और चालीसा पढ़ने वाले जेल में डाले जाते हो, जब मंचो से शिव शंकर का मज़ाक बनाया जाता हो, और प्रतिकार करने वालों के सर तन से जुदा किये जाते हो, पीड़ा कहूंगी हर हिन्दुओं की, हर जिहादी का कृत्य कहूंगी, और भाड़ में जाए भाई चारा, मैं तो केवल सत्य कहूंगी.”

 

काजल शिंगला से काजल हिन्दुस्तानी बनने का सफर

हमने काजल की फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल खंगाली. हमने देखा कि 2014-15 में काजल सिर्फ परिवार के साथ तस्वीरें पोस्ट किया करती थी. लेकिन धीरे-धीरे इन्होंने फ़ेसबुक पर लाइव आकर राजनितिक विषय पर बात करना और उसके बारे में पोस्ट करना शुरू कर दिया. 2016 में उन्होंने गांधी-नेहरू परिवार के बारे में लिखा था कि अगर ये नहीं होते तो देश में सोना चांदी होता. 2017 में वो PM मोदी के समर्थन और राहुल गांधी और कांग्रेस के खिलाफ़ बात करने लगी थी. वो खुद की बातें वीडियो के रूप में सामने रखती थीं. 2018 में वो जमकर कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों के खिलाफ़, हार्दिक पटेल जो उस समय सिर्फ पाटीदार नेता थे, के खिलाफ़ लिखने व बोलने लगी थी. साथ ही काजल ने फ़ेसबुक पर लाइव आकर कठुआ में रेप और हत्या की घटना को सोची समझी साजिश बताया था. ये वीडियो बहुत सारे लोगों ने देखा और वो थोड़ी पॉपुलर हो गई.

गौर करने वाली बात है कि इन सालों में काजल मुसलमानों के खिलाफ़ कुछ भी नहीं लिखती या बोलती थी. 2019 में वो ‘जिहादी‘ और ‘शांतिप्रिय‘ बोलकर मुलसमानों के खिलाफ़ बोलने लगी और सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव हो गई. CAA के खिलाफ़ बोलने वालों को उन्होंने हिन्दुओं के खिलाफ़ बताया. उन्होंने ये भी दावा किया कि पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहा है. इसी साल वो BJP के कार्यक्रम में भी शामिल होने लगी. PM मोदी के जन्मदिवस के कार्यक्रम में काजल ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

काजल ने 2019 लोकसभा चुनाव में जमकर BJP का प्रचार-प्रसार किया था. उन्होंने BJP सांसद ओम बिरला के समर्थन में BJP कार्यकर्ताओं के साथ रैलियों में प्रचार किया. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ़ भी जमकर बोलना शुरू कर दिया था.

2020 में काजल का ऑनलाइन प्रजेंस और बढ़ा. उनके समर्थन में भी लोग आने लगे. वो हर मुद्दे पर कांग्रेस को आड़े-हाथ लेने लगी. 2021-22 में वो जगह-जगह जाकर मुसलमानों के खिलाफ़ भाषण देने लगी. खुद को वो मोदी समर्थक और हिंदुत्व की रक्षा करने वाली बताती हैं. साथ ही वो कहती हैं कि ‘लव जिहाद’ ‘लैंड जिहाद’ और धर्मान्तरण के खिलाफ़ वो ज़मीनी स्तर पर काम करती हैं. धीरे-धीरे काजल को विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दल के कार्यक्रम में भी बुलाया जाने लगा.

काजल शिंगला मार्च 2023 में भारत नीति द्वारा आयोजित डिजिटल हिंदू कांक्लेव का भी हिस्सा थी. इसमें राइट विंग के अंशुल सक्सेना, प्रदीप भंडारी सहित कपिल मिश्रा भी शामिल थे.

3 विषय: ‘लव जिहाद’, ‘लैंड जिहाद’ और धर्मांतरण

2 अप्रैल, 2023 को उन्होंने हिन्दू जागृति के मंच से भी भड़काऊ भाषण दिया. एक मौलाना के साथ बातचीत की कहानी सुनाते हुए उन्होंने तिरंगा और भगवा झंडे की कविता पढ़ी. नीचे एम्बेड किये गए वीडियो में वो 8 मिनट पर कहती हैं, “मैं लव जिहाद, इस्लामिक भूमि अतिक्रमण जिसे लोग लैंड जिहाद भी कहते हैं और धर्मान्तरण इन तीन विषयों पर काम करती हूं.”

इसी वीडियो में आगे 10 मिनट पर वो कहती हैं, “देश में एक सिचुएशन ये चल रही है कि जहां पे टुकड़े टुकड़े गैंग, खान मार्किट गैंग, जहां अभिव्यक्ति की आज़ादी वाली गैंग, जहां बिग बिंदी गैंग, कैंडल मार्च गैंग एक नैरेटिव सेट करते हैं और एक छोटे से बन्दे को भी जो स्टोन पेल्टिंग कर रहा है, उसके भी सपोर्ट में वो खड़े हो जाते हैं. इन्हें में चंडाल चौगरी कहती हूं. इसमें बॉलीवुड, कम्युनिस्ट, लेफ़्ट मीडिया और हमारे भारत के कुछ पॉलिटिशियन. ये चंडाल चौगरी उस अब्दुल को बचाने में, उसे संरक्षण देने में, उसे गरीब हेड मास्टर का बेटा बनाने में और फ़िल्मों के माध्यम से उसे सुपर स्टार बनाने का काम करती है. और दूसरी तरफ जो हमारा ग्रुप है वो इनके नैरेटिव में डिफेन्स में आते हैं. हम हमेशा ये कहते हैं कि कब तक डिफेन्स-डिफेन्स खेलते रहेंगे. मेरे गुरु बताते हैं कि अटैक ही सबसे बेहतर डिफेन्स है.”

14 मिनट पर वो कहती हैं, “जिहादी हमारा दुश्मन है वो हमें पता है लेकिन मुश्किल होता है जयचंद को आइडेंटीफ़ाय करना.”

“अब्दुल और आफ़ताब को मदरसा में हिन्दू लड़कियों को फंसाने की ट्रेनिंग दी जाती है”

काजल शिंगला ने 5 जनवरी 2023 को अपने यूट्यूब चैनल पर महाराष्ट्र में भाषण का एक वीडियो अपलोड किया था. इसमें वो कहती हैं, “हमारी हिन्दू लड़कियों को जब हम समझाने जाते हैं तो कहती है, हमारा वाला अब्दुल ऐसा नहीं है. मैं कहती हूं, अब्दुल हो या आफ़ताब पढ़ी है इसने एक ही किताब. और इन सब को एक ही जगह ट्रेंनिंग मिलती है. इनके मस्जिद में इनके मदरसे में लिटरली ट्रेनिंग दी जाती है. हिन्दू लड़कियों को फंसाने की और भाव लगे हुए हैं हमारी बेटियों के. क्या भाव लगे हैं ब्राम्हण की बेटी लाओ, 7-8 लाख रुपये ले जाओ. बनिए की बेटी लाओ, 6 लाख ले जाओ. राजपूत की बेटी लाओ तो 5 लाख ले जाओ. दलित समाज की बेटी लाओ 5-6 लाख ले जाओ. और ये जो छपरी साले, इनके पंचर छाप लड़के…” (भीड़ ताली बजाते हुए) जिनकी औकात 100 रुपये की होती नहीं है. गेराज में इनके धंधे हैं. हम जो बाइक रिपेयरिंग के लिए देते हैं वही वो चलाता है.”

गौर किया जाए कि काजल शिंगला ने अपने भाषण में ‘बेटियों के भाव लगने’ का ज़िक्र किया है उसे पहले भी कई बार खारिज़ किया गया है. ये फ़र्ज़ी जानकारी सालों से एक समुदाय को भड़काने के लिए इस्तेमाल की जा रही है. अक्सर हिंदुत्व नेताओं को भीड़ के बीच ये बात दोहराते हुए देखा गया है. 29 जनवरी को मुंबई में ‘हिंदू जन आक्रोश मोर्चा’ में अपने भाषण के दौरान T राजा ने भी इसी रेट कार्ड का ज़िक्र किया था.

मुसलमानों का मज़ाक उड़ाते हुए काजल कहती हैं, “अब अपनी लड़की को ये लगता है. पीछे डेढ़ लाख की बाइक उस जिहादी की है ही नहीं. वो तो पंचर की धंधे करते हैं. हम लोग कोई हवा भरवाने जाते हैं या पंचर निकलवाने जाते हैं, वहां गाड़ी पड़ी होती है. वही बाइक उठा के ये घूमता है और लड़कियों के पीछे डोलता है. ये काम है अब्दुल का और इस काम के लिए अब्दुल को हर महीने 50 हज़ार मिलते हैं. इनकी बाकायदा ट्रेनिंग होती है. इनके कुछ धर्मगुरु को ट्रेनिंग देते थे बेटा. ये लाइन चिपकाना लड़की पर ये शायराना सूफी अंदाज़ में शायरी मारना लड़की तेरी.”

“वक्फ़ बोर्ड की आड़ में जो टोपी वाले बैठे हैं. ये सब के सब आतंकवादी हैं”

26 फ़रवरी, 2023 को सकल हिंदू समाज द्वारा आयोजित एक रैली में भी काजल ने कुछ इसी तरह के भाषण दिए थे. इस मौके का वीडियो काजल ने अपने यूट्यूब चैनल से पोस्ट किया था. इस वीडियो में 3 मिनट 30 सेकंड पर वो कहती हैं, “आतंकवाद का कनेक्शन है लव जिहाद से, आतंकवाद का ही कनेक्शन है लैंड जिहाद से, ये वक्फ़ बोर्ड की आड़ में जो टोपी वाले बैठे हैं. ये सब के सब आतंकवादी हैं.”

“आप सब को जागना है, आपकी बेटी आपको बचानी है, आपकी ज़मीन आपको बचानी है. आपका मंदिर आपको बचाना है. गौ माता की ज़मीन भी आपको बचानी है.” बाद में यूट्यूब ने इस वीडियो को हटा दिया क्यूंकि ये उनके पॉलिसी का उल्लंघन करता था.

यूट्यूब पर महालक्ष्मी स्टूडियो नामक एक चैनल ने दिसम्बर 2022 में काजल हिन्दुस्तानी के भाषण का एक वीडियो अपलोड किया था. ये वीडियो 38 मिनट का है जिसमें वो गुजराती में भाषण दे रही है. 18 मिनट 50 सेकंड पर वो फिर से भ्रामक जानकारी देते हुए आज़ादी के 20 साल तक देश को 5 मुस्लिम शिक्षा मंत्री दिए जाने की बात करती है.

20 मिनट 30 सेकंड पर वो कहती हैं, “ये इस्लामिक आक्रामकता बढ़ गई है और इसमें सबसे ज़्यादा परेशान कोई हुआ है तो महिलाएं ही हुई है, बलात्कार महिलाओं के होते हैं, हमारी जवान लड़कियां उठाकर ये विधर्मी ले जाते हैं, इसमें शोषण किसका तो महिलाओं का.”

इसके बाद वो भीड़ को भड़काते हुए कहती हैं, “ये धर्मयुद्ध चल रहा है मित्रों, 2 ही विकल्प है या तो जितना है या तो मरना है, यहां हारने का ऑप्शन नहीं है. और अगर हार गए तो ऐसे पंडाल नहीं होगा, ऐसे राम मंदिर नहीं होगा और आप ऐसे नहीं होंगे बुर्के में होंगे और आपके बच्चों के खतना हो गए होंगे.”

21 मिनट 53 सेकंड पर काजल भीड़ को फिर से मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भड़काती हैं, “हमारे रामजी की शोभायात्रा निकले कि हमारे बजरंग बली की शोभायात्रा निकले तो ये पत्थरबाज़ी करते हैं, हमारे गुजरात में ही कितनी जगह पत्थरबाज़ी हुई. क्यूँ इन लोगों की हिम्मत हो जाती है गुजरात में 8-10 % है, उन लोगों की इतनी हिम्मत हो जाती है कि हिंदुओं के देश में और गुजरात जैसे राज्य में ये लोग पत्थरबाज़ी करने की हिम्मत करे और हम हिन्दू बस आवेदन देकर ही बैठे रहेंगे, किशन भरवाड को मार डाला क्या किया हमने? आवेदन दिए. (नमाला की तरह)” प्रतिकार किया? कुछ नहीं तो इनका आर्थिक बहिष्कार तो करो, अपने बच्चों की कब्र खोद रहे हो आप इन लोगों को धंधा देकर, इन लोगों को नौकरी पर रखकर ऐसे आतंकवादी विधर्मी को घर देकर.”

24 मिनट 20 सेकंड पर वो खुद की जान का खतरा बताती हैं, “मुझे भी मार देंगे, और मुझे पता है मैं बॉडीगार्ड लेकर ही निकलती हूं, 4 लोग मेरे साथ ही हमेशा होते हैं, एक साल हो गया बॉडीगार्ड के बिना निकलती नहीं हूं, हम थीएटर में नहीं जाते हैं, होटल में नहीं जाते हैं, पब्लिक प्लेस पर नहीं जाते हैं, मेरे बच्चे अकेले खेलने नहीं जाते हैं, ऐसा सब कर दिया है और वो भी हमारे गुजरात में.”

25 मिनट पर काजल कहती हैं, “अवैध कब्ज़ा, ये इस्लामिक आक्रामकता है हमारा सोमनाथ मंदिर है गुजरात का, सोमनाथ मंदिर के ट्रस्ट की जगह पर इन विधर्मियों इन मुसलमानों ने कब्ज़ा कर लिया है 52 बीघा ज़मीन पचा ली, खुदक कब्रस्तान बना दिया दरगाह बना दी, और आज भी केस कोर्ट में है, वक़्फ़ कोर्ट में, क्यूंकि क्लैम किया है वक़्फ़ बोर्ड ने, वक़्फ़ बोर्ड मतलब क्या? उसका जज भी मुसलमान, उसके निर्णय करनेवाले भी मुस्लिम और पक्ष भी मुस्लिम. यानी वक़्फ़ जहां झंडा डाले, आज यहां राममंदिर बन रहा है यहां वक़्फ़ बोर्ड झंडा डाले कि ये उनका है, तो वक़्फ़ बोर्ड को साबित नहीं करना है. हमारे सारे संतों महंतो को साबित करना होगा, कागज दिखाना होगा कि भाई ये हमारा है. ऐसे ही हमारे द्वारका के मंदिर, बेट द्वारका वहाँ हिन्दू 15% हो गए हैं, 85%, मुसलमान है. 85% में से 70% ने हिंदुओं की जगह पर मुसलमानों ने अवैध दुकान-मकान बना लिए हैं. और उस बेट द्वारका में हमारे भाई बहन झोंपड़े में रहते हैं और इन मुसलमानों के बड़े-बड़े बंगले हैं.”

“आप जय श्री कृष्णा क्या करते हो, जो हमारी कृष्ण भूमि है हम उसे नहीं बचा सकते कि पूरी के पूरी जिहादियों ने लूट ली है. पर हमें क्या? हमारे बाप का थोड़ी है, कृष्ण भगवान हमारे नाम पे थोड़ी लिख के गए हैं. इसके बाद हमारे अहमदाबाद का श्री जगन्नाथ मंदिर, इस जगन्नाथ मंदिर ओ विधर्मियों ने पूरी प्रॉपर्टी पर कब्ज़ा कर लिया. और इसमें किसी न किसी का हाथ संचालकों के ट्रस्टियों के होते हैं…”

35 मिनट 27 सेकंड पर वो एक संकल्प लेते हुए कहती हैं, “मैं गुजरात की नारी शक्ति बोटाद की भूमि से भगवान श्री राम जी को साक्षी मानकर ने आज ये संकल्प करती हूं कि हिन्दू धर्म की रक्षा करूंगी हिन्दू जाती की रक्षा करूंगी गुजरात से जातिवाद का ज़हर ध्वस्त करूंगी सारे हिंदुओं को एक करूंगी जातिवादी ठगों से दूर रहूँगी अवैध कब्ज़ाओं से छुड़वाऊँगी, हिन्दू मंदिरों को मुस्लिम आक्रमक्ताओं से बचाऊँगी लव जिहाद में फंसी हिन्दू लड़कियों को मुस्लिमों से बचाऊँगी और हिन्दू लड़की को वापस हिन्दू समाज में लाऊँगी मेरे धर्म की रक्षा के लिए मेरी अनेवाली पीढ़ी की रक्षा के लिए इन मुसलमानों से एक भी सामान नहीं खरीदूँगी उन लोगों से सब्ज़ी नहीं लूँगी उनलोगों से फ्रूट-फल नहीं लूँगी उन लोगों से कपड़ा नहीं लूँगी सिर्फ और सिर्फ हिन्दू को ही व्यवसाय दूँगी पैसे दूँगी और हिन्दू राष्ट्र के लिए भारत की सरकार के सामने ये प्रस्तुति देती हूं कि भारत को जल्द से जल्द हिन्दू राष्ट्र घोषित करें अगर हमारे बहन बेटियों की चिंता हो तो भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर देना.”

“जय तू जय तू… हिन्दू राष्ट्र (2)
भारत किसका है? हिंदुओं का (3)”

काजल शिंगला से ऑल्ट न्यूज़ की बातचीत

हमने काजल शिंगला से संपर्क किया. फ़ोन पर हुई बातचीत का कुछ हिस्सा नीचे रखा गया है.

  • आपका फ़ेसबुक प्रोफाइल देखने से मालूम पड़ता है कि पहले मॉडलिंग किया करती थीं, फिर आपका झुकाव पॉलिटिक्स की तरफ आया और अब आप ‘लव जिहाद’, ‘लैंड जिहाद’ के खिलाफ़ काम करती हैं. अगर थोड़ा विस्तार से आप अपने काम के बारे में बता पाएं तो. आपको क्या इन्सपाइर किया?

काजल: “मुझे नहीं पता आपको इन्फॉर्मैशन कहां से मिली लेकिन मैं कभी मॉडलिंग में थी ही नहीं. मैंने कभी प्रोफेशनल मॉडलिंग नहीं की न ही में मॉडल रही हूं न ही मैंने ऐसा कुछ किया. मैं हमेशा से बिजनेस वुमन थी. 2016 से मैंने समाज जागरण का काम शुरू किया. मैं कभी पॉलिटिक्स में भी नहीं रही. हां, पॉलिटिकल व्यूज़ ज़रूर मैं देती हूं अपने लेकिन में डायरेक्टली कभी कोई पॉलिटिकल पार्टी से नहीं जुड़ी हूं. 2016 से मैं समाज जागरण का काम कर रही हूं और जिसपे ग्राउन्ड पे मैं ‘लव जिहाद’, ‘इलिगल इंकरोचमेंट और धर्मांतरण पर कार्य कर रही हूं काफी वर्षों से. ऑल्मोस्ट 8 वर्ष हो गए.”

  • ऊना में आपके जनसभा के बाद दंगा हो गया था. और इसका आरोप आप पर आया कि आपके भाषण के बाद दंगा हुआ था. एक समुदाय के अगैन्स्ट आपके भाषण होते हैं. इस बारे में क्या कहना चाहेंगी?

काजल: “पहली बात तो मैं स्पष्ट कर दूं, पुलिस FIR में भी कहीं भी मेन्शन नहीं है कि दंगा मेरी वजह से हुआ है या मेरे भाषण से हुआ है. दंगा उसे कहते हैं जब हिन्दू-मुस्लिम आपस में दंगा करते हैं. जब एक तरफ पत्थर चलते हैं तो इस्लामिक जिहाद कहा जाता है. जो इस्लामिक रॉयट या एंटी हिन्दू रॉयट्स जिसे आप कह सकते हो. तो वो हुआ था और ऊना में मैं आपको बताऊँ कि वहां 40% मुस्लिम हो गए हैं. डेमोग्राफ़ी वहां की चेंज हो गई है. और हर रामनवमी पर कुछ न कुछ होता ही है. इस रामनवमी पर मेरा वहां आयोजन था और वहां पर मेरा भाषण था. और भाषण के 3 दिन बाद पत्थरबाज़ी होती है. कुछ मीडिया हाउसेज ने अपनी कोई निजी अजेन्डे के चलते मीडिया ट्रायल चलाया मुझपर. और मैं मीडिया ट्रायल की ही भोग बनी हूं. मुझपर न तो पुलिस ने दंगे का इल्जाम लगाया है न FIR में है. और अभी चार्जशीट भी फ़ाइल नहीं हुई है. क्यूंकि सबूत ही नहीं है.”

  • उस भाषण में आपने मुस्लिम औरतों को हिन्दू लड़कों से शादी करने के 9 फायदे गिनाए और ये दो समुदायों के बीच दंगा भड़काने की एक वजह हो सकती है.

काजल: “धार्मिक भावना तब आहत होती है जब हम उनके धर्म पर कटाक्ष करते हैं. न तो मैंने इनके धर्म पर कटाक्ष किया, न अल्लाह पे कटाक्ष किया न मोहम्मद पे किया. मार्च की 30 तारीक को पूरा कंटेन्ट ये था कि मैंने कहा यूनिफॉर्म सिविल कोड का ये लोग विरोध कर रहे हैं. ये पर्टिकुलर समाज महिलाओं के उत्थान की बात नहीं करता. जब हम महिला सम्मान और सुरक्षा की बात करते हैं तो 75 वर्ष आज़ादी को हो गए लेकिन फिर भी भारत में मुस्लिम महिलाओं को समानता का हक नहीं मिल है. यदि ये लोग ये हक नहीं देते हैं ये वही लॉबी है जो ट्रिपल तलाक़ के खिलाफ़ थी. और आज भी ये वही लॉबी विरोध कर रही है तो मुस्लिम महिलायें अगर हिन्दू लड़कों से शादी करती है तो उनके फ़ायदे क्या हैं. क्यूंकि वो तो हो ही रहा है, हलाला हो रहा है, मुताह निकाह हो रहा है, ट्रिपल तलाक़ हो रहा है, तो ये सारी कुरुतियां हो रही हैं. चार-चार शादियाँ करते हैं, दर्जनों बच्चे पैदा कराते हैं. तो ये कुरूतियां हैं. महिला होने के नाते ये मेरी ज़िम्मेदारी है कि यदि आपको आपका समाज न्याय नहीं दे रहा है तो दूसरा समाज आपको एक्सेप्ट करने को तैयार है. और उसमें भी हमने कहीं धर्मांतरण शब्द यूज नहीं किया है. स्पेशल मेरेज ऐक्ट के तहत शादियाँ होती हैं, वो अपनी पहचान से रहे मगर उसको इंडियन कॉन्सटीट्यूशन के हिसाब से जस्टिस मिलेगा जो अभी शरिया लॉ या पर्सनल लॉ बोर्ड के होने की वजह से उसको नहीं मिल रहा है. तो ये पूरा एक संदर्भ था. वो जो वीडियो वायरल हुआ वो सिर्फ उतना स वो 9 वर्ड जो मैंने बातें कही लेकिन उससे पहले जो मैं पूरा कंटेन्ट बोल रही हूं, वो कहीं चला ही नहीं. तो बसिकली ये पूरा था.”

  • आप हर जगह श्रद्धा और आफताब का उदाहरण देती हैं लेकिन ऐसी कई घटनाएं हैं जहां आरोपी हिन्दू हैं. सिर्फ इस साल 2023 में ऐसे 3 केसे हैं जहां फ्रिज में अपनी पार्टनर लड़कियों के टुकड़े काटकर रख दिए गए. 2 केस में आरोपी हिन्दू हैं. ये तो क्राइम है फिर सिर्फ एक उदाहरण लेकर क्यूँ एक समुदाय से जोड़कर पेश किया जा रहा है?

काजल: “ये हम नहीं कह रहे हैं. केरला हाई कोर्ट के जस्टिस के टी शंकरण ने 2009 में जजमेंट दिया था कि भाई ‘लव जिहाद’ हो रहा है वहां पे क्रिस्टीयन और हिन्दू लड़कियों का. एक ऐसा ग्रुप बना हुआ है जो लड़कियों का धर्मांतरण करवा रहा है. इसपर केरला के स्पेशल टास्क फोर्स ने पिछले 5-6 वर्षों की एक रिपोर्ट सबमिट करी थी और उसमें ये आँकड़े दिए थे. इन आंकड़ों के हिसाब से इतनी लड़कियों का धर्मांतरण करवाया गया है और ये देखने में साधारण केसेज नहीं लग रहे हैं. ये केसेज प्रॉपर लव जिहाद के प्रोपोगेट कर करे हुए हैं जिसमें अन्य धर्म की लड़कियों कप टारगेट किया जा रहा है. ये मैं नहीं बोली…

महाराष्ट्र के बीजेपी मंत्री ने आँकड़े दिए 1 लाख से ज़्यादा लव जिहाद के केसेज आए हैं. और वहां पर ये कानून बनाने के लिए एक बहस भी चली थी. और पूरा उसका एक ड्राफ़्ट बन रहा है लव जिहाद कानून लाने के लिए…”

काजल ने जिस केरला हाईकोर्ट जजमेंट का ज़िक्र किया वो क्या है?

जजमेंट की कॉपी के मुताबिक, न्यायमूर्ति के.टी. शंकरण ने 29 सितंबर, 2009 को एक ईसाई और एक हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन कर उससे शादी करने के आरोपी दो मुस्लिम लड़कों, शाहन और सिराजुद्दीन की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर एक लंबा आदेश पारित किया. उन्होंने कहा, “यह सर्वविदित है कि लव जिहाद या रोमियो जिहाद के रूप में जाना जाने वाला एक मूवमेंट था.”

उन्होंने केरल के DGP को एक हलफ़नामा दायर करने का निर्देश दिया जिसमें आठ सवालों के जवाब मांगे गए कि क्या ऐसे मूवमेंट (रोमियो जिहाद) मौजूद थे, भारत और विदेश में कौन से संगठन शामिल थे, मूवमेंट को कहां से पैसे मिल रहे, क्या इसका अखिल भारतीय आधार है, कितने छात्रों का धर्मांतरण किया गया था, पिछले तीन वर्षों में इस्लाम, और क्या ‘लव जिहाद आंदोलन’ और जालसाजी, तस्करी, मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवादी गतिविधियों के बीच कोई संबंध है.

केरल के DGP ने 18 अक्टूबर, 2009 को एक विस्तृत हलफ़नामा दायर की जो प्रत्येक ज़िला पुलिस अधीक्षक की 14 रिपोर्टों और CID, पुलिस खुफिया, विशेष सेल और अपराध शाखा के प्रमुखों की चार रिपोर्टों पर आधारित थी.

29 सितंबर, 2009 को न्यायमूर्ति द्वारा पूछे गए सभी आठ सवालों के जवाब कोर्ट में नकारात्मक पेश हुए. स्पष्ट रूप से ये बताया गया कि कोई संगठित गतिविधि या साजिश नहीं थी, और केरल में यह एकमात्र मामला था जहां पिछले तीन वर्षों में इस तरह का आरोप लगाया गया था.

इसके बावजूद, न्यायमूर्ति के.टी. शंकरन ने 26 अक्टूबर, 2009 को अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया. उन्होंने DGP को 18 रिपोर्ट एक सीलबंद कवर में दाखिल करने का निर्देश दिया. उन्होंने केंद्र सरकार को एक हलफ़नामा दाखिल कर यह बताने का भी निर्देश दिया कि उन्होंने क्या कार्रवाई करने का प्रस्ताव किया है.

9 नवंबर, 2009 को DGP ने 18 रिपोर्टें और एक हलफ़नामा दायर किया जिसमें बताया गया कि “स्रोत जानकारी” और “आरोप” के कोई ठोस सबूत नहीं थे. इसलिए किसी भी आपराधिक गतिविधि या संगठन के भी सबूत नहीं थे, फिर भी खुफिया सेल को आरोपों की निगरानी और जांच का काम सौंपा गया था.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी 1 दिसंबर 2009 को दायर हलफ़नामा में बताया कि कोई ‘लव जिहाद’ आंदोलन या संगठन अस्तित्व में नहीं था.

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