सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल है जिसमें मुसलमानों का एक जुलूस दिखता है. ये क्लिप शेयर करते हुए यूज़र्स G20 शिखर सम्मेलन से पहले दिल्ली में आने वाले विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के मद्देनजर मौजूदा स्थिति के बारे में चिंता जताई. इन ट्वीट्स में ये बताने की कोशिश की गई है कि जुलूस उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना निकाला गया था. कुछ यूज़र्स ने ये अनुमान लगाया कि क्या रैली किसी और चीज़ की तैयारी थी?

वेरिफ़ाईड ट्विटर हैन्डल ‘@MrSinha_’ ने ये क्लिप ट्वीट करते हुए लिखा, “अगर ये सच है, तो ये गहरी चिंता का विषय है क्योंकि G20 के लिए विदेशी मेहमान पहले से ही भारत आना शुरू कर चुके हैं. उम्मीद है दिल्ली पुलिस इस बार तैयार होगी.” ट्वीट करने के कुछ वक़्त बाद उन्होंने ये ट्वीट डिलीट कर दिया. (आर्काइव)

राईट विंग प्रॉपगेंडा आउटलेट सुदर्शन न्यूज़ के पत्रकार सागर कुमार ने दावा किया कि ‘इन लोगों’ ने 20 मिनट तक सड़क जाम कर रखा था. उन्होंने ये भी कहा कि महिलाओं को ‘धार्मिक नारे लगाते हुए सड़कों पर चलने के लिए मजबूर किया गया.’ उन्होंने सवाल किया, “आज हिंदुओ की जन्माष्टमी की शोभा यात्रा तक कैन्सल है तो ये लोग कैसे सड़को पर उतर गये…? (आर्काइव)

वेरिफ़ाईड राईटविंग हैंडल @rightwing_guy ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “ये वीडियो दिल्ली के संसद मार्ग का है… शांतिदूतों का बड़ा समूह धार्मिक नारे लगाते हुए जुलूस निकाल रहा है… ये सब G20 शिखर सम्मेलन से सिर्फ 2 दिन पहले… ये किसकी तैयारी है.. ??”. (आर्काइव)

वेरिफ़ाईड यूज़र्स सहित कई यूज़र्स ने भी इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए वीडियो ट्वीट किया. (आर्काइव – लिंक 1,लिंक 2)

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ये वीडियो फ़ेसबुक पर भी वायरल है.

फ़ैक्ट-चेक

5 सितंबर को दिल्ली ट्रैफ़िक पुलिस के ऑफ़िशियल हैंडल से दिल्ली में चेहल्लुम मनाने वाले शिया मुस्लिम समुदाय के मद्देनज़र एक ट्रैफिक एडवायज़री जारी की थी. चेहल्लुम मोहर्रम के 40वें दिन मनाया जाने वाला एक पारंपरिक कार्यक्रम है जो इमाम हुसैन (पैगंबर हजरत मोहम्मद के पोते) की शहादत की याद में मनाया जाता है.

दिल्ली पुलिस की एडवाइज़री के मुताबिक, ताजिया, अलम आदि (5000/6000) मुख्य चेहल्लुम जुलूस 6 सितंबर को सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर (आगामी G20 शिखर सम्मेलन के कारण) पहाड़ी भोजला, दिल्ली से शुरू होगा और दरगाह शाह-ए-मर्दन तक जाएगा. फिर बाद में कर्बला, जोर बाग (पीएस लोधी कॉलोनी) से होते हुए बाजार चितली क़बर, बाज़ार मटिया महल, चौक जामा मस्जिद, चौक हौज़ क़ाज़ी, अजमेरी गेट, पहाड़ गंज ब्रिज, चेम्सफोर्ड रोड, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, आउटर सर्कल कनॉट प्लेस ( रॉंग कैरिजवे) होते हुए) , संसद मार्ग, पटेल चौक चौराहा, संसद मार्ग, रफी मार्ग, रेल भवन चौराहा, कर्त्तव्य पथ/रफी मार्ग क्रॉसिंग, सुनहरी मस्जिद, सुनहरी बाग रोड, कृष्णा मेनन मार्ग, गोल मेथी चौराहा, तुगलक रोड, अरबिंदो मार्ग, जोर बाग रोड और कर्बला से लोधी कॉलोनी तक जाएगा.

 

हमने उस जगह को जियो लोकेट भी किया जहां वायरल क्लिप शूट की गई थी. ये संसद मार्ग एरिया के आसपास था. ट्रैफ़िक एडवाइज़री के मुताबिक, जुलूस को इस क्षेत्र से ले जाने की अनुमति दी गई थी. नीचे वायरल क्लिप के फ़्रेम और मैपिलरी पर उसी जगह के स्ट्रीट व्यू के बीच तुलना की गई है. इसके अलावा, हमने गूगल मैप्स के सेटेलाइट व्यू पर इस रूट को आउटलाइन भी किया है.

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जुलूस की क्लिप वायरल होने के बाद, दिल्ली पुलिस के ऑफ़िशियल हैंडल ने ट्विटर पर वायरल दावों का खंडन करते हुए ये स्पष्ट किया कि चेहल्लुम जुलूस कानून-प्रवर्तन एजेंसियों से उचित अनुमति के साथ निकाला गया था.

कुल मिलाकर चेहल्लुम जुलूस का वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया गया. ये एक पारंपरिक कार्यक्रम है और जुलूस दिल्ली पुलिस से अनुमति लेकर निकाला गया था.

(कलीम अहमद के एडिशनल इनपुट के साथ)

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Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.