29 अक्टूबर को केरल के एर्नाकुलमल ज़िले के कलामासेरी में यहोवा के साक्षी नामक ईसाई संप्रदाय के एक धार्मिक सम्मेलन में कई इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) के विस्फ़ोट से तीन लोगों की मौत हो गई और 50 से ज़्यादा लोग घायल हो गए. पहले इस संप्रदाय के सदस्य रहे डोमिनिक मार्टिन नामक एक 48 साल के व्यक्ति ने इसके कुछ घंटों बाद, इन विस्फ़ोटों की ज़िम्मेदारी लेते हुए पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इससे पहले, मार्टिन ने इन विस्फ़ोटों को अंज़ाम देने के पीछे का कारण शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा था कि वो उन विचारों से असहमत है जिन पर ये समुदाय विश्वास करता है और वो उनकी गतिविधियों को रोकना चाहता है.

विस्फ़ोट की ख़बर आने के तुरंत बाद, कई राईट विंग इन्फ्लुएंसर और इज़राइल समर्थक सोशल मीडिया यूज़र्स ने दावा किया कि ये विस्फ़ोट एक यहूदी सम्मेलन में हुए थे. साथ ही ये भी सुझाव दिया कि इस घटना को मुसलमानों द्वारा अंज़ाम दिया गया था. इज़राइल-हमास युद्ध अपने चरम पर है, और इस पोस्ट में ये दावा किया गया इन विस्फ़ोट का सबंध चल रहे युद्ध से है. इनमें से ज़्यादातर सोशल मीडिया पोस्ट ने इस फ़ैक्ट पर ध्यान आकर्षित किया कि हमास के पूर्व प्रमुख खालिद मशाल ने केरल के मलप्पुरम में इस्लामिक संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद की युवा शाखा, सॉलिडेरिटी यूथ मूवमेंट द्वारा 27 अक्टूबर को आयोजित एक फ़िलिस्तीन समर्थक रैली को वर्चुअली संबोधित किया था.

पहले भी कई बार ग़लत सूचनाएं शेयर करने वाले मीडिया आउटलेट द न्यू इंडियन के कार्यकारी संपादक, रोहन दुआ (@ rohanduaT02) ने एक थ्रेड शेयर किया जिसमें उन्होंने दावा किया कि यहूदी उस क्षेत्र में रहते थे जहां ये विस्फ़ोट हुआ था और इसके लिए हमास को ज़िम्मेदार ठहराया. थ्रेड के पहले ट्वीट में 42 सेकंड का एक वीडियो था जिसमें विस्फ़ोट का विजुअल दिखाया गया था. इसके कैप्शन में उन्होंने अलंकारिक रूप से पूछा, “क्या आप सभी को अभी भी द केरला स्टोरी पर शक है?” दूसरे ट्वीट में अन्य बातों के अलावा उन्होंने लिखा, “हमास शर्म करो.”

ट्वीट को 20 लाख से ज़्यादा बार देखा गया और 6 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया. (आर्काइव)

रोहन दुआ ने जिस ‘द केरला स्टोरी’ फ़िल्म का ज़िक्र किया था, वो इस बात पर आधारित है कि 32 हज़ार महिलाएं या तो भारत से या सिर्फ केरल से ISIS में शामिल हुई थीं. ऑल्ट न्यूज़ ने पिछले दिनों इस दावे को खारिज करते हुए ये दिखाया था कि कैसे निर्देशक के दावे बेतुके थे, साथ ही ग़लत कोट, काल्पनिक आंकड़े और ग़लत गणित पर आधारित थे.

नियमित तौर पर गलत सूचनाएं और दुष्प्रचार शेयर करने वाले X ब्लू यूज़र मिस्टर सिन्हा (@MrSinha_) ने विस्फ़ोट के बारे में ट्वीट करते हुए ये ज़िक्र किया कि ‘रिपोर्ट्स से पता चलता है’ कि यहूदी विस्फ़ोट वाली जगह पर मौजूद थे और मेन टारगेट थे. बाद में ट्वीट डिलीट कर दिया.

एक दूसरे ट्वीट में सिन्हा ने अलंकारिक रूप से पूछा, “क्या हमें ये जानने के लिए भी जांच की ज़रूरत है कि ये किसने किया?”

26 अक्टूबर को कोझिकोड समुद्र तट पर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) द्वारा आयोजित फ़िलिस्तीन समर्थक रैली का एक वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा: “केरल के कोझिकोड में IsIamists द्वारा #HamasTerrorists रैली का वीडियो. आज केरल में लगातार बम धमाके हुए, यहूदियों को निशाना बनाया गया. क्या हमें ये जानने के लिए भी जांच की ज़रूरत है कि ये किसने किया???” ट्वीट को 1.7 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है और 2,200 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया. (आर्काइव)

X पर कई बार ग़लत सूचनाएं शेयर करने वाला पेज, स्क्विंट नियॉन (@TheSquind) ने सीधे तौर पर ये दावा किया कि ‘हमास नेता’ ने ‘हिंदुत्व और ज़ायोनीवादियों के खिलाफ जिहाद’ का आह्वान किया था और ‘मल्लू मुसलमानों’ ने तुरंत उनके इस आह्वान का जवाब दिया. ट्वीट अब डिलीट कर दिया गया है. (आर्काइव)

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूज़र्स ने इसी तरह के दावे शेयर किए. इन दावों में बताया गया कि विस्फ़ोट का लक्ष्य यहूदी थे और इसे मुसलमानों ने अंज़ाम दिया गया है. ऐसा दावा करने वालों में भाजपा केरल अध्यक्ष @surendranbjp, @pradip103, @erbmjha, @SurajKrBauddh, @MajorPoonia, @Dhruv_tr108, @KreatelyMedia शामिल हैं.

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फ़ैक्ट-चेक

वायरल दावों के दो हिस्से हैं, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष – I) यहूदियों को निशाना बनाया गया, और II) इस हमले के पीछे मुस्लिम थे. हम इन दोनों दावों को बारी-बारी से देखेंगे.

पहला दावा: यहूदियों को निशाना बनाया गया

इन विस्फ़ोट से संबंधित न्यूज़ रिपोर्ट्स में ज़िक्र किया गया है कि ये यहोवा के गवाह (Jehovah’s Witnesses) नामक एक संप्रदाय की धार्मिक सभा में हुए थे. संप्रदाय से संबंधित अनुमानित 2 हज़ार लोग कलामासेरी में ज़मरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र में प्रार्थना सभा के लिए जमा हुए थे. IED को सुबह 9 बजकर 38 मिनट के आसपास दूर से विस्फ़ोट किया गया.

यहोवा के गवाह कौन हैं?

यहोवा के गवाह खुद को ईसाई के रूप में बताते हैं, लेकिन ज़्यादातर ईसाइयों से अलग, वे त्रिमूर्तिवादी नहीं हैं, जिसका मतलब है कि वे होली (पवित्र) ट्रिनिटी में विश्वास नहीं करते हैं. ईसाई सिद्धांत में होली ट्रिनिटी की मान्यता के अनुसार, ईश्वर का अस्तित्व तीन समान व्यक्तियों में है – पिता, पुत्र (यीशु मसीह) और पवित्र आत्मा. हालांकि, यहोवा के गवाहों का मानना ​​है कि सिर्फ एक ही ईश्वर है – यहोवा, और यीशु मसीह ईश्वर के एजेंट है जिसे ईश्वर के राज्य पर शासन करने के लिए प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है. एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका के मुताबिक, एक और मान्यता जो उन्हें ज़्यादातर ईसाई संप्रदाय से अलग करती है. उनका ये मानना ​​है कि ज़ल्द ही दुनिया का अंत होने वाला है.

इस संप्रदाय की शुरुआत 19वीं सदी के अंत में पिट्सबर्ग, पेंसिल्वेनिया में देखी जा सकती है, जब चार्ल्स टेज़ रसेल नाम के एक व्यक्ति के नेतृत्व में बाइबल छात्रों के एक ग्रुप ने चर्च द्वारा पढ़ाए जाने वाले सिद्धांतों का एक व्यवस्थित विश्लेषण शुरू किया कि बाइबल असल में क्या सिखाती है.

क्या यहोवा के गवाह ज़ायोनीज़्म में विश्वास करते हैं?

ज़ायोनीज़्म यहूदी राष्ट्रवादी आंदोलन है जिसका मकसद फ़िलिस्तीन में एक यहूदी राष्ट्रीय राज्य बनाना है. यहोवा के गवाह की वेबसाइट के मुताबिक, समुदाय ‘धार्मिक सिद्धांत के रूप में ज़ायोनीज़्म की वकालत नहीं करता है और राजनीतिक ज़ायोनीवाद के प्रति तटस्थ है.’ असल में ये गवाह धर्मनिरपेक्ष सरकार से अलग होने की पुरजोर वकालत करते हैं और किसी भी राष्ट्र के झंडे को सलामी देने, सैन्य सेवा करने या चुनावों में भाग लेने को अस्वीकार करते हैं.

क्या कालामस्सेरी में यहूदियों की संख्या अच्छी खासी है?

2011 की जनगणना के मुताबिक, धर्म के आधार पर केरल राज्य की जनसांख्यिकीय संरचना इस प्रकार है. केरल की ज़्यादातर आबादी में हिंदू हैं, इसके बाद मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, जैन और सिख हैं. अन्य धर्म, राज्य की जनसंख्या का सिर्फ 0.02% है जिनमें यहूदी धर्म भी शामिल है.

Kerala Total Hindu (54.72%) Muslim (26.56%) Christian (18.38%) Sikh (0.01%) Buddhist (0.01%) Jain (0.01%) Other religions and persuasions (incl.Unclassified Sect.) (0.02%)
3,34,06,061 1,82,82,492 88,73,472 61,41,269 3,814 4,752 4,489 7,618

विस्फ़ोट वाली जगह, कालामस्सेरी में भी हिंदू (41.76%) बहुसंख्यक हैं, इसके बाद मुस्लिम (34.53%) और ईसाई (23.42%) हैं. ‘अन्य’ वर्ग जनसंख्या का लगभग 0.02% है.

Kalamassery Total Hindu (41.76%) Muslim (34.53%) Christian (23.42%) Sikh (0.01%) Buddhist (0.008%) Jain (0.009%) Other religions and persuasions (incl.Unclassified Sect.) (0.02%)
71,038 29,671 24,532 16,638 14 6 7 19

केरल के यहूदी, जिन्हें कोचीन यहूदी या कोचीनी के नाम से जाना जाता है, मलयालम बोलते हैं और ये कोच्चि में स्थित हैं. कई रिपोर्ट्स (1, 2) बताती हैं कि एक समय कोच्चि में जीवंत यहूदी आबादी हुआ करती थी, लेकिन आज उनमें से सिर्फ मुट्ठी भर (10-20) ही केरल में बचे हैं क्योंकि उनमें से कई इज़राइल चले गए हैं.

अभियुक्त डोमिनिक मार्टिन का कबूलनामा

29 अक्टूबर को हुए धमाकों के कुछ घंटों बाद, डोमिनिक मार्टिन का वीडियो बयान फ़ेसबुक पर सामने आया जिसमें इसकी ज़िम्मेदारी लेते हुए इसे अंज़ाम देने के अपने कारणों के बारे में बताया गया.

वीडियो में डोमिनिक मार्टिन को ये कहते हुए सुना जा सकता है: “मैं इस काम के पीछे अपने कारणों को समझाने के लिए ये वीडियो रिकॉर्ड कर रहा हूं. मैं 16 सालों तक इस संगठन (यहोवा के गवाह) का हिस्सा रहा था, लेकिन तब मैंने कुछ मुद्दों को गंभीरता से नहीं लिया था. मैंने उन्हें एक मज़ाक के रूप में देखा. हालांकि, पिछले 6 सालों में मुझे एहसास हुआ कि ये संगठन ग़लत है और मैंने उनसे अपने तरीके बदलने का अनुरोध किया. मुझे एहसास हुआ कि वे एक बहुत ज़्यादा समस्याग्रस्त अवधारणा का प्रचार और शिक्षण कर रहे हैं. इतनी कम उम्र में बच्चे के दिमाग में उनके माता-पिता ऐसा ज़\हर डाल रहे हैं. वे उन्हें राष्ट्रगान न पढ़ने, बड़े होने पर वोट न देने, सेना, सिविल सेवा या शिक्षक के रूप में सेवा न करने और इन नौकरियों को एक बर्बाद या अनैतिक समुदाय की नौकरियों के रूप में पेश करने की शिक्षा देते हैं. उनका मानना ​​है कि पृथ्वी पर उनके समुदाय के सदस्यों को छोड़कर हर एक इंसान नष्ट हो जाएगा. हम उस संगठन के बारे में क्या कर सकते हैं जो 850 करोड़ मनुष्यों का विनाश चाहता है? तो मुझे प्रतिक्रिया देने के आलावा कोई समाधान नहीं मिला.”

यानी, ये साफ है कि इस हमले का टारगेट यहोवा के गवाह नामक समुदाय ही था, और पहले वो खुद भी इस समुदाय का सदस्य रहा था. वीडियो जारी करने के बाद मार्टिन ने त्रिशूर के कोडकारा पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण कर दिया.

कुल मिलाकर, ये मानने का कोई विश्वसनीय कारण नहीं है कि केरल के कलामासेरी में हुए विस्फ़ोट के टारगेट यहूदी थे. इस क्षेत्र में कोई महत्वपूर्ण यहूदी आबादी नहीं है, और आत्मसमर्पण करने वाले आरोपी के वीडियो-रिकॉर्ड किए गए कबूलनामे के मुताबिक, उसके हमले का टारगेट यहोवा के गवाह संप्रदाय के सदस्य थे जो किसी भी तरह से यहूदियों से संबंधित नहीं है.

दूसरा दावा: ‘हमले के पीछे इस्लामिक कट्टरपंथी’

30 अक्टूबर को, केरल पुलिस ने औपचारिक रूप से डोमिनिक मार्टिन को गिरफ़्तार कर लिया जिसने इस विस्फ़ोट की ज़िम्मेदारी ली थी. पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने से पहले डोमिनिक मार्टिन ने एक वीडियो बयान में बताया कि वो भी 16 साल तक यहोवा के गवाह रहा है. हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्टिन ने पुलिस को बताया कि वो दुबई में इलेक्ट्रिकल फ़ोरमैन के रूप में रहकर काम करता था और विस्फ़ोट की साजिश रचने और उसे अंज़ाम देने के लिए सिर्फ दो महीने पहले ही लौटा था. उसने विस्फ़ोटकों को स्थापित करने के लिए सुबह कन्वेंशन सेंटर का दौरा किया और रिमोट कंट्रोल का इस्तेमाल करके विस्फ़ोट को अंज़ाम दिया.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की टाइमलाइन के मुताबिक, विस्फ़ोट के बाद, मार्टिन कोराट्टी के एक होटल में गया और फ़ेसबुक पर लाइव होकर अपराध कबूल किया. दोपहर करीब 12 बजकर 15 मिनट पर वो कोडकारा पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण करने पहुंचा. करीब 1 बजे पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए त्रिशूर के एक अनजान जगह पर ले गई.

एक पुलिस अधिकारी ने इंडिया टुडे को बताया कि कोडकारा पुलिस स्टेशन में डोमिनिक मार्टिन का आत्मसमर्पण “बहुत नाटकीय” था. “उसने फ्रंट ऑफ़िस के सिविल अधिकारी को ये सूचित करने से पहले कुछ मिनट तक स्टेशन पर इंतजार किया.” पहले तो अधिकारी को उस पर विश्वास नहीं हुआ, लेकिन फिर उसने उसे अपने मोबाइल फ़ोन में धमाकों के वीडियो दिखाए. इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया.

मार्टिन पर UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम), विस्फ़ोटक पदार्थ अधिनियम और IPC की आपराधिक साजिश, हत्या की कोशिश और हत्या से संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जबकि राज्य और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा ​​विस्फ़ोट की जांच जारी हैं.

कुल मिलाकर, इस आर्टिकल के लिखे जाने तक सार्वजनिक डोमेन में मौजूद जानकारी के मुताबिक, डोमिनिक मार्टिन नामक एक व्यक्ति कथित तौर पर केरल के कलामासेरी में यहोवा के गवाहों के धार्मिक सम्मेलन में हुए विस्फ़ोट के लिए ज़िम्मेदार है. वो उसी संप्रदाय का भ्रमित सदस्य है. ये दावा निराधार है कि कथित अपराध में मुसलमानों की भूमिका थी.

31 अक्टूबर को एर्नाकुलम पुलिस ने X पर एक पोस्ट के लिए केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के खिलाफ़ IPC की धारा 153 और 153-A के तहत FIR दर्ज़ की थी. पोस्ट में उन्होंने लिखा था, “केरल में आतंकवादी हमास द्वारा जिहाद के लिए खुले आह्वान के कारण निर्दोष ईसाइयों पर हमले और बम विस्फ़ोट हो रहे हैं.”

विस्फ़ोट के साथ मुसलमानों को किसी तरह फंसाने या जोड़ने की भरसक कोशिश में राईट विंग प्रॉपगेंडा आउटलेट ऑपइंडिया ने एक अजीबोगरीब हेडलाइन के साथ एक रिपोर्ट पब्लिश की, जिसमें कहा गया था, “केरल में विस्फ़ोट की ज़िम्मेदारी लेने वाले डोमिनिक मार्टिन ने जेहोवा के गवाह पर ‘राष्ट्र-विरोधी’ होने का आरोप लगाया है, संयोगवश उसकी मान्यताएं कट्टरपंथी इस्लाम से मेल खाती हैं.” आर्टिकल में लगभग 20 बार Jehovah को ग़लत तरीके से ‘Jehova’ लिखा गया है.

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