एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें एक लड़का पेड़ से बंधे बैल को राइफल से गोली मारते हुए दिख रहा है. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये लड़का केरल कांग्रेस का मीडिया प्रभारी मोहम्मद मुजाहिद इस्लाम है जिसने प्रियंका गांधी की जीत का जश्न मनाने के लिए एक गाय के सिर में गोली मार दी.

मौली नाम के यूज़र ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि वीडियो में पशु के साथ बर्बरता कर रहा लड़का केरल कांग्रेस का मीडिया प्रभारी मोहम्मद मुजाहिद इस्लाम है. इसके साथ ही यूज़र ने इसे प्रियंका गांधी की जीत के जश्न से जोड़कर शेयर किया.

मौली के वीडियो को कोट करते हुए भाजपा समर्थक रौशन सिन्हा ने लिखा कि ये लोग जन्म से ही राक्षस हैं. बाद में रौशन सिन्हा ने ये ट्वीट डिलीट कर दिया.

आदित्य आनंद नाम के यूज़र ने वीडियो ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया और लिखा कि कांग्रेस पार्टी ने हिंदुओं के प्रति नफरत की सारी हदें पार कर दी है. वीडियो में दिख रहा शख्स मोहम्मद मुजाहिद इस्लाम है जो केरल कांग्रेस का मीडिया प्रभारी है, उसने वायनाड में प्रियंका गांधी की जीत के लिए गोली मारकर गाय की बलि दे दी. (आर्काइव लिंक)

@HPhobiaWatch नामक हैन्डल ने भी इसे कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शेयर किया.

फ़ैक्ट-चेक

हमने वायरल वीडियो के फ्रेम्स् को गूगल पर रिवर्स-इमेज सर्च किया तो हमें इस वीडियो से जुड़ी एक खबर ‘फ्री प्रेस जर्नल’ की वेबसाइट पर 7 मई 2024 को पब्लिश्ड मिली. इससे इतना तो साफ है कि ये वीडियो हालिया नहीं है और कम-से-कम 6 महीने पुराना है. इसका नवंबर, 2024 में हुए उपचुनाव में वायनाड लोकसभा सीट जीतकर प्रियंका गांधी के पहली बार सांसद बनने से कोई लेना-देना नहीं है.

हमने देखा कि ये वीडियो समय-समय पर अलग-अलग दावों के साथ वायरल हुआ है. एक तरफ ये दावा किया गया था कि ये वीडियो कुकी उग्रवादी का है जिसने यह वीडियो मणिपुर में हिंदुओं का मज़ाक बनाने के लिए किया. वहीं मई महीने में ही इस वीडियो के साथ एक और दावा वायरल था जिसमें कहा जा रहा था कि केरल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा चुनाव में जीत के लिए गाय की बलि दी गई थी. उस वक़्त कई संस्थानों ने फ़ैक्ट-चेक कर इस दावे को झूठा बताया था.

मई में ही इस वीडियो के वायरल होने पर पशु अधिकार संगठन PETA ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वे मणिपुर पुलिस के साइबर अपराध सेल के साथ मिलकर ये जानकारी जुटा रहे हैं कि ये घटना कहां हुई थी. पता लगने पर वे इस मामले में FIR दर्ज करवाएंगे.

ऑल्ट न्यूज़ स्वतंत्र रूप से इस वीडियो के स्थान और घटना की तारीख की पुष्टि नहीं करता. लेकिन, इतना तय है कि ये वीडियो कम-से-कम 6 महीने से इंटरनेट पर उपलब्ध है और इसका हाल में प्रियंका गांधी के सांसद बनने पर जश्न मनाने से कोई संबंध नहीं है.

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