कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स क्षेत्र और आस-पास के इलाकों में 7 जनवरी से भयावह जंगल की आग ने तबाही मचाई है. इस आग में अबतक 25 से ज़्यादा जानें जा चुकी हैं, 1,80,000 से ज़्यादा निवासी घर छोर चुके हैं और 12 हज़ार से ज्यादा बिल्डिंग्स नष्ट हुई हैं. इसी बीच यूट्यूब समेत सोशल मीडिया पर कई वीडियोज़ वायरल हैं जिसमें दावा किया जा रहा है कि इतनी भीषण जंगल की आग के चपेट में शहर के बीच एक मस्जिद सुरक्षित रही, जबकि बाकी सब कुछ नष्ट हो गया.

इस्लामिक वाइब्स नाम के यूट्यूब चैनल ने एक 12 जनवरी को एक वीडियो अपलोड किया जिसमें दावा किया गया है कि लॉस एंजिल्स शहर में हुई तबाही के बीच मस्जिद अल-हिक्मा को कोई नुकसान नहीं हुआ, रहस्यमयी तरीके से जो हवा आग को मस्जिद की ओर धकेल रही थी, वह अचानक विपरीत दिशा में बहने लगी.

इसी प्रकार यूट्यूब चैनल अल-फतहन ने भी 12 जनवरी को ऐसा ही वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया कि जहां एक तरफ लॉस एंजिल्स शहर आग की तबाही से हजारों बिल्डिंग्स नष्ट हो गई, वहीं एक न्यूरल इमाम मस्जिद को कोई नुकसान नहीं हुआ.

डिस्कवर पाकिस्तान नाम के यूट्यूब चैनल ने भी ऐसा ही एक वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया कि लॉस एंजिल्स शहर में आग की भीषण तबाही में सभी बिल्डिंग्स नष्ट हो गई, जबकि एक न्यूरल इमाम मस्जिद को कोई नुकसान नहीं हुआ जिसमें कई लोग उस वक्त नमाज़ पढ़ रहे थे.

इस्लामिक सर्वाइवल नाम के यूट्यूब चैनल ने 13 जनवरी को ऐसा ही एक वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया कि लॉस एंजिल्स शहर में लगी आग के बीच कुछ लोग एक लाइब्रेरी में शरण लिए हुए थे. धीरे-धीरे वो लाइब्रेरी भी आग की चपेट में आ गई और सबकुछ जलकर खाक हो गया. उस आग से बचकर निकला एक सर्वाइवर जब बाद में उस लाइब्रेरी में पहुंचा तो उसने देखा कि इतनी आग मे वहाँ सबकुछ जलकर खाक हो चुका था, इतना तक कि लोहा भी पिघल चुका था, लेकिन सिर्फ एक किताब ‘कुरान’ में आग नहीं लगी थी. इस घटना से प्रभावित होकर कई गैर-मुस्लिमों ने इस्लाम में कन्वर्ट कर लिया.

इसी तरह कई यूट्यूब चैनल जैसे इस्लामिक रॉबस्, पाथ टू जंनह, इत्यादि ने भी इसी दावे के साथ वीडियो पोस्ट किया.

फ़ैक्ट-चेक

वायरल वीडियो के फ्रेम्स में गगनचुंबी इमारतों में भीषण आग लगी हुई दिखाई गई है, वहीं एक फ्रेम में पूरे शहर की गगनचुंबी इमारतों को जलता हुआ दिखाया गया है. फ्रेम्स में आग की लपट इमारतों के ऊपरी हिस्से से निकलते हुए भी दिख रहा है. वीडियो में कई ऐसे फ्रेम्स हैं जिससे साफ प्रतीत होता है कि यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया हुआ है. असल में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है और ना ही डाउनटाउन में ऐसी इमारतें हैं.

अमेरिका में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले सर्च इंजन गूगल पर ऐसी घटना से जुड़े कीवर्डस् सर्च करने पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिसमें बताया गया हो कि पूरे क्षेत्र में आग लगने के दौरान मस्जिद को नुकसान नहीं पहुंचा. ना ही ऐसी कोई ख़बर मिली जिसमें लाइब्रेरी की घटना का ज़िक्र हो और बताया गया हो कि पूरी लाइब्रेरी जलकर राख हो गई, लेकिन कुरान में आग नहीं लगी. ऐसा वाक़या तार्किक भी नहीं लगता है. हमने वायरल वीडियोज़ में बताए गए मस्जिदों के बारे में सर्च किया तो पाया कि हाल में लॉस एंजिल्स शहर में कोई अल-हिक्मा या न्यूरल इमाम नाम की मस्जिद से जुड़ी कोई खबर प्रकाशित नहीं हुई है, और ना ही ऐसी कोई मस्जिद से जुड़ी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद है. हालांकि, इस आग में पासाडेना और अल्ताडेना में कई प्रार्थना स्थल नष्ट होने की खबर मिली, जिनमें एक मस्जिद अल-तक्वा भी शामिल है.

इन सभी यूट्यूब वीडियो में गौर करने वाली बात यह है कि इसमें कहीं भी इस घटना से जुड़ी कोई असली तस्वीर या वीडियो नहीं है, न ही इसमें किसी आधिकारिक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया गया है. सभी वीडियो और ग्राफिक्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाए गए हैं, और इन सभी में वॉयस ओवर भी इंसानी आवाज़ नहीं बल्कि रोबोटिक आवाज़ है. इस मामले में डिस्कवर पाकिस्तान नाम का यूट्यूब चैनल अपवाद है, इस चैनल ने वायरल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाए गए वीडियो के आधार पर रिपोर्ट बनाई है, जिसमें इंसानी वॉयस ओवर का इस्तेमाल किया गया है.

जिन यूट्यूब चैनलों द्वारा ऐसे वीडियो अपलोड किये गए थे हमने उन चैनल्स के और भी वीडियोज़ चेक किये तो पाया कि इन चैनलों पर इसी तरह की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया कंटेंट अपलोड किया जाता है. इन चैनलों का स्क्रीनशॉट नीचे दिया गया है. इनमें देखा जा सकता है कि किस तरह के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाए गए सनसनीखेज थंबनेल का इस्तेमाल किया गया है.

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कुल मिलाकर, कई यूट्यूब चैनल्स ने लॉस एंजिल्स शहर में आग से हुई तबाही के बीच मस्जिद और कुरान से जुड़ी मनगढ़ंत कहानी का वीडियो आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाकर यूट्यूब पर अपलोड किया. और क्यूंकि ये टॉपिक अभी हेडलाइन में है इन वीडियोज़ को लाखों व्यूज़ भी मिल रहे हैं.

 

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).