आईएएस ऑफिसर निधि चौधरी पर उनके महात्मा गांधी से संबंधित ट्वीट को लेकर निशाना साधा जा रहा है। कांग्रेस और आप के नेता इस घटना पर आघात व्यक्त किया है। एनसीपी नेता जीतेन्द्र अवहाद ने उनके तत्काल निलंबन की मांग की है और शरद पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को लिखते हुए इस पर ‘योग्य कार्यवाही’ की मांग की है। उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ ही उनका तबादला भी कर दिया गया है। चौधरी ने ट्वीट किया था कि,”150 जन्म जयंती का क्या विशेष उत्सव चल रहा है। यह एक बड़ा मौका है कि हम उनकी तस्वीर को मुद्राओं से, उनकी मुर्तिओं को दुनिया भर के से, उनके बाद उनके नाम पर रखे गए संस्थानों के, रास्तों के नामों को बदल सकते हैं। यह हम सभी की ओर से सच्ची श्रद्धांजलि होगी। गोडसे आपका 30-1-1948 के लिए धन्यवाद”। -(अनुवाद) हालांकि यह ट्वीट अब डिलीट कर दिया गया है।
क्या ट्वीट का गलत मतलब निकाला गया?
चौधरी ने अपना यह ट्वीट 17 मई को, भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर के महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे को ‘देशभक्त’ कहने के एक दिन बाद किया था। इसपर चौधरी की सफाई के मुताबिक, उनके व्यंग्यपूर्ण ट्वीट को लोगों ने गलत तरीके से समझा है। “मैं उनको (गांधी) को गहन रूप से नमन करती हूं और अंतिम सांस तक करती रहूंगी”– (अनुवाद) उन्होंने लिखा।
I have deleted my tweet of 17.05.2019 w.r.t. GandhiJi because some people misunderstood it
If only they had followed my timeline since 2011 they would’ve understood that I would NEVER even dream of insulting GandhiJi
I bow before him with deepest regard & will do till last breath pic.twitter.com/CSjaKHF9BJ— Nidhi Choudhari🕉☪️✝️☸️ (@nidhichoudhari) May 31, 2019
अगर कोई इस पूरे थ्रेड को पढ़े तो मालूम होता है कि वाकई में चौधरी का ट्वीट व्यंग्यात्मक था।
चौधरी की ट्विटर टाइमलाइन को देखने पर वह स्पष्ट रूप से गांधी की अनुयायी मालूम होती हैं।
अप्रैल 2019 में, उन्होंने गांधी की किताब ‘सत्य ना प्रयोगों’ को अपनी मनपसंद किताब बताया है। 2018 के अपने एक अन्य ट्वीट में उन्होंने सत्य और अहिंसा का मतलब समझाने के लिए गांधी का धन्यवाद किया था।
I have known no distinction between relatives & strangers, countrymen & foreigners, white & coloured, Hindus & Indians of other faiths, whether Mussalmans, Paris, Christians or Jews
I may say that my heart is incapable of making any such distinctions#GandhiJi#TuesdayMorning pic.twitter.com/SDzEFEtBKh— Nidhi Choudhari🕉☪️✝️☸️ (@nidhichoudhari) April 9, 2019
ThankU Mahatma for giving truth & non-violence a meaning that no dictionary can actually explain
ThankU for enriching the spiritual fabric of India & her millions of people
Bless us with a heart full of love, forgiveness & peace#Gandhiji #BapuAt150 #MahatmaGandhi #GandhiJayanti pic.twitter.com/Fpbmc6OqXh— Nidhi Choudhari🕉☪️✝️☸️ (@nidhichoudhari) October 2, 2018
कुछ अन्य ट्वीट में, आईएएस ऑफिसर गांधी के संदेशो को पोस्ट की थीं,“गांधी जी मुझे हर दिन प्रेरित करते हैं और मैं उनके संदेशो को नियमित रूप से पोस्ट करती रहती हूं…उनके ट्वीट आज किसी भी समय की तुलना में अधिक आवश्यक हैं,”– यह ट्वीट उन्होंने एक व्यक्ति के यह पूछे जाने पर किया था कि आप महात्मा गांधी के संदेशो को इतना क्यों साझा करती है?
Why so much of Gandhiji today? 🤔
— Rahul Sethi (@rahulsethi75) April 9, 2019
ऑल्ट न्यूज़ से बातचीत के दौरान, चौधरी ने दोहराया कि उनका ट्वीट व्यंगनात्मक था। “मुझे अनावश्यक रूप से इस विवाद में घसीटा गया है क्योंकि गांधीजी पर 17 मई को पोस्ट किया गया मेरा ट्वीट स्पष्ट रूप से व्यंग्य था और ट्वीट में स्पष्ट रूप से रोते हुए इमोजी के ज़रिये व्यक्त किया गया है। इसे गलत रूप से समझा गया है क्योंकि कुछ लोग इसका वास्तविक अर्थ नहीं समझ पाए हैं। जब मैंने पाया कि मेरे ट्वीट के सही मतलब को लोग समझ नहीं रहे है, तब मैंने इसे डिलीट कर दिया। हालांकि मैंने ट्विटर पर विस्तार से यह बताया है कि मैंने गांधीजी के बारे में बहुत बार ट्वीट किया है और कभी भी उनका अपमान नहीं किया है। और वास्तव में मैं इन घटनाओं को लेकर बहुत दुखी हूं”। -(अनुवाद)
हालांकि, मुख्यधारा की मीडिया ने चौधरी के स्पष्टीकरण को नज़रअंदाज़ किया है या तो उसे संक्षिप्त में दिखाया है और बाकि उनका ध्यान पूर्ण रूप से उनके विवादास्पद ट्वीट और उन पर हुई प्रतिक्रियाओं पर था।
ANI ने अवहाद के बयान को प्रकाशित किया है, जिसमे उन्होंने चौधरी के अपमानजनक ट्वीट को लेकर उनपर कार्यवाही की मांग की है।
NCP leader Jitendra Awhad in Mumbai: We demand immediate suspension of IAS officer Nidhi Choudhari for her derogatory tweet against Mahatma Gandhi. She gloried Nathuram Godse, this should not be tolerated. (pic of tweet by IAS Nidhi Choudhari on May17,she later deleted the tweet) pic.twitter.com/Ir2lMldQmW
— ANI (@ANI) June 1, 2019
कुछ मीडिया सगठनों ने इस पर शीर्षक में अपनी नाराज़गी व्यक्त करते हुए लिखा कि,“महिला आइएएस अधिकारी ने गांधी का अपमान किया, गोडसे को सराहा है और वह नोटों से गांधी की तस्वीरों को हटाना चाहती है”। उनमें से कुछ ने उनके स्पष्टीकरण को अपने लेख गलत शीर्षक के साथ बाद में शामिल किया है, जिसमे “एन्टी गांधी” और “अपमानजनक” शब्द का इस्तेमाल किया गया है।
गुमराह करने वाले इन लेखों को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कांग्रेस विधायक रणदीप सुरजेवाला जैसे नेताओं ने भी साझा किया था।
सोशल मीडिया पर अक्सर ऐसे बयानों को गलत तरीके से लिया जाता है। निधि चौधरी के व्यंगानात्मक ट्वीट को गलत समझा गया क्योंकि सोशल मीडिया पर उनके वास्तविक विचारों को बिना उनके ट्विटर टाइमलाइन को देखे समझ पाना मुश्किल है। सोशल मीडिया पर उनके स्पष्टीकरण के बाद भी उन्हें दोषी माना गया और मीडिया संगठन द्वारा भी उन पर संदेह को कम करने में कोई कार्य नहीं किया गया।
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