7 अप्रैल को, समाचार चैनल ABP न्यूज़ ने एक राजमिस्त्री, सुमित कुमार विश्वकर्मा का साक्षात्कार लिया, जिन्होंने 2018 की UPSC में बिना किसी कोचिंग के, अपने प्रयास से 53वीं रैंक हासिल किया था। यह साक्षात्कार, संघ लोक सेवा आयोग द्वारा 5 अप्रैल को सिविल सेवा परीक्षा 2018 के अंतिम परिणाम घोषित करने के बाद आया था। अब ABP न्यूज़ की वेबसाइट से हटा दिया गया यह साक्षात्कार यहां नीचे देखा जा सकता है। इस वीडियो में, साक्षात्कारकर्ता ने पूछा, “आपका विषय क्या था?”, जिसका उन्होंने उत्तर दिया, “सामान्य अध्ययन और 10वीं (कक्षा) के बाद गणित और विज्ञान”। साक्षात्कारकर्ता ने फिर पूछा, “यूपीएससी की तैयारी में आपके विषय क्या थे”, और तब उन्होंने उत्तर दिया, “मेरा बेस था सामान्य अध्ययन और अंग्रेजी”। यह साक्षात्कार इस तथ्य के आसपास केंद्रित था कि सुमित कुमार ने राजमिस्त्री का काम किया था और फिर भी परीक्षाएं पास करने में सक्षम थे।

ज़ी न्यूज़, द लल्लनटॉप, टाइम्स नाउ हिंदी और दैनिक भास्कर सहित कई मीडिया संगठनों ने इसी संदेश के साथ इस खबर की रिपोर्ट की कि मध्यप्रदेश के सुमित विश्वकर्मा ने प्रशासनिक सेवा परीक्षा 2018 में 53वीं रैंक प्राप्त की है। दैनिक भास्कर और टाइम्स नाउ हिंदी द्वारा प्रकाशित खबर अब बिना किसी स्पष्टीकरण के हटा दी गई है। मुख्यधारा के कई अन्य मीडिया संगठनों ने भी खबर की, कि राजमिस्त्री का काम करने वाले लड़के ने यह प्रतिष्ठित परीक्षा पास कर ली है।

ज़ी न्यूज़

ज़ी न्यूज़ ने अपने लेख को पूरी तरह से अलग कहानी के साथ अपडेट किया है। लेकिन उसका हाइपरलिंक अभी भी कहता है, “sumit-vishwakarma-cleared-upsc-civil-services-exam-with-53rd-rank”। अब इस रिपोर्ट का शीर्षक है, “भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनना चाहता था : UPSCटॉपर कनिष्क कटारिया”। पूरी तरह से नया कर दिया गया यह लेख, यह उल्लेख करने में विफल रहता है कि इसे एक अलग कहानी के साथ अपडेट किया गया था।

तथ्य-जांच

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यूपीएससी द्वारा अनुशंसित 759 उम्मीदवारों की सूची में सुमित कुमार (AIR 53) शामिल हैं, सुमित कुमार विश्वकर्मा नहीं।

इसके अलावा, हमें बिहार के सफल उम्मीदवार सुमित कुमार का एक फेसबुक पोस्ट मिला जिसमें इस फ़र्ज़ी समाचार की निंदा की गई थी कि मध्य प्रदेश के सुमित कुमार विश्वकर्मा ने यूपीएससी के हाल ही घोषित परिणाम में 53 वीं रैंक हासिल की। इस पोस्ट में कहा गया है, “एबीपी न्यूज़ द्वारा कवर की गई एक फ़र्ज़ी खबर मीडिया में प्रसारित हो रही है कि “सुमित कुमार विश्वकर्मा” नामक व्यक्ति को सिविल सेवा परीक्षा (CSE), 2018 में रैंक 53 मिली है।” -(अनुवाद) यह पोस्ट, जो पहले सार्वजनिक था, अब निजी कर दिया गया है।

 

इसके अलावा, हमें सफल उम्मीदवार का फेसबुक प्रोफाइल मिला, जिसमें 2014 में पोस्ट की गई एक तस्वीर के आधार पर हम उनकी पहचान स्थापित करने में सक्षम थे, जो यूपीएससी आवेदन में सत्यापित फोटो से मिलता है। गोपनीयता कारणों से, हमने अपने स्क्रीनशॉट में उनकी प्रोफाइल पिक्चर को अस्पष्ट रखा है।

सफल उम्मीदवार सुमित कुमार ने 2017 में भी यह प्रतिष्ठित परीक्षा पास की थी। तब उन्होंने 493वीं रैंक हासिल की थी। वर्तमान में वह भारतीय रक्षा संपदा सेवा में प्रशिक्षु अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।

ऑल्ट न्यूज़ के साथ बातचीत में, बिहार के सुमित कुमार, जिन्होंने CSE 2018 में 53वीं रैंक हासिल की है, ने कहा, “जब मुझे जानकारी मिली कि मीडिया ने गलत तरीके से [किसी और को] मुझे बताया है, तो मैंने एक फेसबुक पोस्ट डाली थी। अब, मैंने अपने फेसबुक पोस्ट को निजी कर दिया है क्योंकि [आवेदन पत्र के] स्क्रीनशॉट में मेरे संपर्क विवरण भी थे, जिसे मैंने पोस्ट किया था।”

टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित एक तथ्य-जांच के अनुसार, समाचार एजेंसी IANS ने यह भी बताया था कि सुमित कुमार विश्वकर्मा, जिन्होंने यूपीएससी में 53 वीं रैंक प्राप्त की थी, एक राजमिस्त्री हैं। इस एजेंसी ने अब एक स्पष्टीकरण स्टोरी प्रकाशित की है, जो इसे गलत पहचान के मामले के रूप में स्वीकार करती है।

टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए, सुमित कुमार विश्वकर्मा, जिनका ABP न्यूज़ द्वारा सफल उम्मीदवार के रूप में गलती से साक्षात्कार लिया गया था, ने कहा कि उन्हें परीक्षा पास करने और चुने जाने के बारे में गलत जानकारी दी गई थी। घटनाओं की शृंखला के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ‘मीडिया कर्मी’, जिन्होंने कथित तौर पर परीक्षा को पास करने की सूचना दी थी, उनके मूल स्थान, मध्यप्रदेश के जबलपुर में उनका इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा, “मैंने अभी उनका [सुमित कुमार का] एडमिट कार्ड देखा। हमारे एक ही नाम हैं और इसी से भ्रम पैदा हुआ”। जब विश्वकर्मा से उनके एडमिट कार्ड की प्रति उपलब्ध कराने के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा, “यही पूरा मामला है। मुझे अपना एडमिट कार्ड नहीं मिल रहा है और न ही मुझे अपना रोल नंबर याद है।”

द लल्लनटॉप

लल्लनटॉप ने भी यह खबर रिपोर्ट की थी लेकिन अन्य मीडिया संगठनों के विपरीत, उन्होंने अपने तथ्य-जांच लेख में स्पष्टीकरण जारी किया है। यह दावा पहले NDTV द्वारा खारिज किया गया था।

UPSC की वेबसाइट पर जहां परिणाम प्रकाशित किया गया है वहाँ देखने भर से यह गलती नहीं हो सकती थी। तब यह स्पष्ट हो जाता कि सफल उम्मीदवार का नाम सुमित कुमार है, सुमित कुमार विश्वकर्मा नहीं, जैसा कि कई समाचार संगठनों ने रिपोर्ट किया।

 

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.