सोशल मीडिया में दो वीडियो वायरल है, जिसमें एक महिला को भीड़ द्वारा बच्चा चोर होने के संदेह में बंधक बनाकर प्रताड़ित किया जा रहा है। पहले वीडियो में, लोग काले रंग की साड़ी पहनी हुई एक महिला से उसके ‘बच्चा चोर गिरोह’ के सदस्यों के बारे में पूछताछ कर रही है। फेसबुक उपयोगकर्ता सुनीता जयराम ने वीडियो को इस संदेश के साथ साझा किया है –“सावधान पूरे हिन्दुस्तान में रोहिंग्या की 2000 लोगो की टीम आयी है जो बच्चों को उठा के ले जा रही है कोई बेचता है कोई बलि के लिये ले जाता है खुद देखो सुनो ओर ज्यादा से ज्यादा इसे फैलाओ”। इस पोस्ट को करीब 5,600 बार साझा किया गया है।
सावधान पूरे हिन्दुस्तान में रोहिंग्या की 2000 लोगो की टीम आयी है जो बच्चों को उठा के ले जा रही है कोई बेचता है कोई बलि के लिये ले जाता है खुद देखो सुनो ओर ज्यादा से ज्यादा इसे फैलाओ
Posted by Sunita Jairam on Monday, 19 August 2019
सोशल मीडिया में इसी महिला का एक अन्य वीडियो, जिसमें उससे भीड़ अगवा किये गए बच्चों और उसके गिरोह के सदस्यों के बारे में पूछ रही है। फेसबुक पेज National Samachar 24×7 ने इस वीडियो को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक बच्चा चोर को पकड़ने के दावे से साझा किया है, जिसे 38,000 से अधिक बार देखा जा चूका है।
तथ्य जांच
ऑल्ट न्यूज़ ने उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाओं की समाचार लेखों की तलाश की, जिसमें गलती से बच्चा चोर होने के संदेह में लोगों को पकड़ा गया हो। हमने पाया कि इस महिला को यूपी के झांसी जिले के डिमरौनी गांव में एक भीड़ ने बंधक बना लिया था। एक यूट्यूब चैनल भारत न्यूज़ 24 लाइव ने दावा किया कि महिला एक बच्चा-चोर थी। वीडियो में रिपोर्टर को बड़गांव थाने में महिला से बात करते हुए देखा जा सकता है।
3 अगस्त के अमर उजाला के एक लेख के मुताबिक, महिला को बच्चा चोर होने के संदेह में दमरौनी गांव में भीड़ द्वारा बंदी बना लिया गया था, बाद में उसे पुलिस को सौंप दिया गया था।अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने महिला को मानसिक रूप से बीमार बताया था।
ऑल्ट न्यूज़ ने इस घटना की अधिक जानकारी के लिए बडगांव पुलिस स्टेशन से संपर्क किया। हमें बताया गया कि घटना कम से कम 15-20 दिन पुरानी है और यह महिला मानसिक रूप से बीमार थी। गांव के लोगों ने उसे गलती से बच्चा चोर समझ लिया था। SI RK पांडे ने बताया,“हमने हाल में किसी भी बच्चा चोर को नहीं पकड़ा नहीं है।”
अंत में हमने अपनी पड़ताल में पाया कि उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में एक मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला को लोगों ने बच्चा चोर होने के संदेह में बंदी बना लिया था और इस वीडियो को रोहिंग्या महिला के रूप में साझा किया था। भारत में बच्चा चोरी की अफवाहों को हवा देने के लिए पहले भी इसी तरीके से मानसिक रूप से बीमार एक व्यक्ति को स्थानीय लोगों द्वारा बंधक बनाया गया था।
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