29 नवंबर को अमर उजाला और दैनिक जागरण ने रिपोर्ट किया कि उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले में एक 15 वर्षीय लड़की के साथ कथित तौर पर दो लोगों ने बलात्कार किया. इसके बाद, कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने दैनिक जागरण की रिपोर्ट की एक तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया कि लड़की के साथ दो “जिहादियों” ने बलात्कार किया था.
पतंजलि के राकेश ने वायरल न्यूज़ की तस्वीर पोस्ट की. उनके ट्वीट को 1 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया. पोस्ट में लिखा गया कि ये घटना रामला नामक एक गांव में हुई जहां हिन्दुओं की संख्या ज़्यादा है. उन्होंने लिखा कि ‘जिहादी’ जबरदस्ती हिन्दू घर में घुसे और लड़की को अगवा कर ले गए. बाद में उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया. (आर्काइव लिंक)
राकेश के पोस्ट करने से पहले एक फ़ेसबुक यूज़र ने इसे पोस्ट किया था. दरअसल, कई फ़ेसबुक और ट्विटर यूज़र्स ने ये तस्वीर पोस्ट की है. ऑल्ट न्यूज़ ने सोशल मीडिया रिसर्च टूल क्राउडटैंगल का इस्तेमाल कर देखा कि इसे कई हिंदू समर्थक फ़ेसबुक ग्रुप्स में पोस्ट किया गया है. ‘हिन्दू कम्युनिटी इन यूएसए‘, ‘🚩हिन्दू धर्म रक्षक💪’, और ‘हिन्दू राष्ट्र 🚩🙏 (ग्रुप में अपने 50 मित्रों को जोड़े🙏)’ इनमें कुछ प्रमुख नाम हैं.
बागपत पुलिस ने एंटी-मुस्लिम ऐंगल ख़ारिज किया
बागपत पुलिस ने 1 दिसंबर को दो तस्वीरें ट्वीट करते हुए बताया कि इस मामले में दो लोगों को ग़िरफ्तार किया गया है. पहली तस्वीर में पुलिस का बयान लिखा है जिसमें ग़िरफ्तारी का जानकारी है. और दूसरी तस्वीर मामले के आरोपी की है.
#baghpatpolice थाना रमाला पुलिस ने थाने के मु0अ0सं0 213/21 धारा 363/376A,D भादवि व 5g/6 पोक्सो एक्ट में वांछित 02 अभियुक्तों को किया गिरफ्तार। pic.twitter.com/aP4CwnlXaf
— Baghpat Police (@baghpatpolice) November 30, 2021
भारत के बेटे प्रशांत और रवींद्र के बेटे परमजीत दोनों आरोपी हैं.
दोनों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 363 (अपहरण की सज़ा) और 376 (बलात्कार के लिए सज़ा) के तहत आरोप लगाए गए हैं.
3 दिसंबर को बागपत पुलिस ने @rakesh_bstpyp और @Maitreyeechakr5 को कोट-ट्वीट करते हुए लिखा, “कतिपय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित की जा रही पीड़िता व अभियुक्तों के धर्म से सम्बन्धित भ्रामक सूचना का बागपत पुलिस खण्डन करती है.”
थाना रमाला पर दि 29.11.21 को पंजीकृत मुकदमे की अपहृता को बरामद कर दोनो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। कतिपय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित की जा रही पीड़िता व अभियुक्तों के धर्म से सम्बन्धित भ्रामक सूचना का बागपत पुलिस खण्डन करती है।#BPTViralCheck https://t.co/AafHtoo1T3 https://t.co/PntBKkggf1 pic.twitter.com/gvASWQfA3O
— Baghpat Police (@baghpatpolice) December 3, 2021
ऑल्ट न्यूज़ ने एक स्थानीय पत्रकार से बात की जिन्होंने रमाला थाना का एक प्रेस नोट शेयर किया. उन्होंने बताया कि पीड़िता बागपत के अल्पसंख्यक समुदाय की है. ऑल्ट न्यूज़ ने बागपत एसएचओ से भी बात की. उन्होंने बताया, ‘आरोपी और पीड़ित अलग-अलग समुदायों से हैं. पीड़िता नाबालिग है और अल्पसंख्यक समुदाय की है.” 2011 की आधिकारिक जनगणना के अनुसार, बागपत ज़िले में हिंदूओं की संख्या ज़्यादा है.
यानी, सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा ग़लत है कि यूपी के बागपत में मुसलमानों ने एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार किया.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.