सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी शेयर किया जा रहा है. वीडियो में एक काले रंग का पत्थर दिख रहा है जिसपर एक व्यक्ति कुछ कीलें रखता है. देखते ही देखते ये कीलें पिघलने लगती हैं. ये वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है ये पत्थर अफ़गानिस्तान से मिला है जो बाहर से ठंडा होता है लेकिन इसपर स्टील या लोहे की कोई चीज़ रख दें तो वो पिघलने लगती है. ट्विटर हैन्डल ‘@kabirkhan488’ ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए यही दावा किया. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
*अफगानिस्तान के तोरा बोरा पहाड में एक ऐसा पत्थर दरियाफत हुआ है जो ऊपर से ठंडा है लेकिन अगर स्टील या लोहा उस पर रखे तो पिघलता है* pic.twitter.com/JUQaRbrS8N
— A F KHAN (@kabirkhan488) December 1, 2021
कुछ फ़ेसबुक यूज़र्स भी ये वीडियो इसी दावे के साथ पोस्ट कर रहे हैं.
*#अफगानिस्तान के तोरा बोरा पहाड में एक ऐसा #पत्थर दरियाफत हुआ है #जो ऊपर से ठंडा है #लेकिन अगर स्टील या लोहा उस पर रखे तो #पिघलता है*
Posted by Faiyaz Sayyed on Tuesday, 30 November 2021
कुछ पाकिस्तानी यूज़र्स ने भी ये वीडियो ऐसे ही दावे वाले उर्दू मेसेज के साथ पोस्ट किया. (लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3)
افغانستان کے صوبہ وردک میں ایک ایسا پتھر دریافت ہوا ھے جو اوپر سے ٹھنڈا ھے لیکن اگر اسٹیل یا لوہا اوپر رکھے تو پگھلاتا ھے۔۔ یہ کون سا پتھر ہو سکتا ہے pic.twitter.com/4sXl6w9LRL
— Sajid Mehmood (@Sajid_Mehmood_5) November 28, 2021
फ़ैक्ट-चेक
वीडियो के फ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को masralyoum वेबसाइट का आर्टिकल मिला. इस आर्टिकल में जेद्दाह के एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी के संस्थापक मजीद अबू ज़ाहिरा के हवाले से बताया गया कि वीडियो में दिख रही कीलें गैलियम धातु से बनाई गई हैं. इस धातु का गलनांक 29 ºC के करीब होता है. और इसी वजह से ये आसानी से पिघल जाता है. इस आर्टिकल में 27 नवंबर 2021 की एक फ़ेसबुक पोस्ट शेयर की गई है. पोस्ट के मुताबिक, गैलियम धातु से बनाई गई ये कीलें सूरज की रोशनी में एक पत्थर पर रखने पर आसानी से पिघल गयीं.
की-वर्ड्स सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को ऐसी कई रिपोर्ट्स मिलीं जिसमें ऐसे कुछ और वीडियोज़ के बारे में बताया गया है. 12 अप्रैल 2018 की ABC 10 News की रिपोर्ट में ऐसे ही एक वीडियो की असलियत बताई गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, पत्थर पर रखी कील गैलियम धातु से बनी है. इस धातु का गलनांक 85.6°F है. यानी, इस तापमान पर ये धातु आसानी से पिघल जाता है.
गौर करें कि शरीर का सामान्य तापमान लगभग 98.6° F होता है. यानी ये धातु महज़ हमारे स्पर्श से ही पिघल सकती है. लेकिन रूम टेम्परेचर पर ये धातु सामान्य अवस्था में होती है. इस धातु का बॉइलिंग टेम्परेचर काफ़ी ज़्यादा (4044°F) है. गैलियम के अलावा, मरकरी (पारा), सीज़ियम और रूबिडियम धातु भी रूम टेम्परेचर पर पिघल सकते हैं. और इसी वजह से इनका उपयोग थर्मामीटर में किया जाता है.
स्नोप्स ने भी 10 अप्रैल 2018 को ऐसे एक वीडियो के बारे में फ़ैक्ट-चेक आर्टिकल पब्लिश किया था. आर्टिकल के मुताबिक, स्टील या लोहे के पिघले रूप का रंग लाल या नारंगी जैसा होता है. लेकिन वीडियो में दिख रही धातु का रंग पिघलने क बाद भी सफेद रहता है. भौतिक रसायण विज्ञान के नियम इस दावे पर संदेह जताते हैं कि एक पत्थर धातु को पिघला दे. रिपोर्ट में भी कील को गैलियम धातु से बना बताया गया है. सूरज की रोशनी में एक पत्थर आसानी से इस धातु को पिघलाने का सही तापमान हासिल कर सकता है.
एक और रिपोर्ट्स में भी ये कीलें गैलियम धातु की बताई गई है.
यहां साफ़ हो जाता है कि वीडियो में कोई चमत्कारी पत्थर नहीं है. बल्कि उसके ऊपर रखी कीलें गैलियम धातु की बनी हैं. और ये 85.6 °F तापमान पर पिघल जाती हैं.
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