22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर में हिंदू देवता राम की मूर्ति की प्रतिष्ठा हुई. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वहां मौजूद थे. मंदिर उस विवादित भूमि पर बनाया गया है जहां 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था. इससे अयोध्या में अशांति फैल गई थी जो देश के अन्य शहरों तक भी पहुंची थी. मुंबई जो पहले बंबई कहलाता था, सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ जहां सांप्रदायिक दंगों में 900 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई.

21 और 22 जनवरी, 2024 को जब प्रतिष्ठा समारोह चल रहा था, तब उत्तरी मुंबई के उपनगर मीरा रोड में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच झड़प हुईं. द क्विंट ने रिपोर्ट किया कि ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए हिंदुओं की एक बाइक रैली एक मुस्लिम इलाके से गुज़र रही थी और एक स्थानीय के मुताबिक, जब बाइक रैली एक मस्जिद के पास पहुंची तो दोनों समुदायों के बीच तनाव पैदा हो गया.

इस मामले के संदर्भ में मीरा रोड झड़प से संबंधित कई विजुअल्स फ़ुटेज के रूप में सामने आए हैं.

1. पुलिस ने दंगाइयों को लॉकअप में पीटा

दो पुलिसकर्मियों द्वारा लॉकअप में लोगों की पिटाई का एक वीडियो इस दावे के साथ खूब शेयर किया जा रहा है कि जिन लोगों को पुलिस द्वारा पीटा जा रहा है, वे मीरा रोड के हैं.

X यूज़र Kartik🇮🇳(@_Muffin_Men) ने अपने कैप्शन में ‘मीरा रोड’ का ज़िक्र करते हुए 25 जनवरी को ये वीडियो क्लिप शेयर किया. इस ट्वीट को 3.7 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है और 3 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)

कई अन्य यूज़र ने भी इसी तरह के दावे शेयर किए, जिनमें @AzzatAlsaalem, @raviagrawal3, @sanjoychakra, @FrontalForce, @AAKspeaks और @JSinha007 शामिल हैं.

पाठकों को ध्यान देना चाहिए कि @AzzatAlsaalem और @raviagrawal3 को पहले भी कई बार ग़लत सूचनाएं शेयर करते हुए पाया गया है.

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फ़ैक्ट-चेक

हमने इस क्लिप से कई कीफ़्रेम्स लेकर उनमें से कुछ का रिवर्स इमेज सर्च किया जिससे हमें 12 जून, 2022 की जागरण की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के टाइटल में लिखा है: सहारनपुर में बवालियों पर कड़ी कार्रवाई, 64 को भेजा जेल, दो के घर पर चला बुलडोज़र.” रिपोर्ट में वायरल वीडियो के पहले फ्रेम में दिख रहे विजुअल जैसी ही एक तस्वीर थी, जिसमें लॉकअप के अंदर कई लोगों को देखा जा सकता है.

हमने दोनों फ़्रेमों के बीच कई समानताएं नोटिस कीं. इससे साबित होता है कि ये दृश्य 2022 के हैं और मीरा रोड में हाल ही में हुई झड़प से संबंधित नहीं है.

वीडियो के एक अन्य कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च करने से हमें टाइम्स नाउ की 12 जून, 2022 की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट के टाइटल में कहा गया कि यूपी पुलिस द्वारा लॉक-अप में प्रदर्शनकारियों को पीटने के वीडियो के बाद हुआ विवाद; बीजेपी ने कहा ‘दंगाईयों को रिटर्न गिफ्ट’. रिपोर्ट में वायरल वीडियो का एक स्क्रीनग्रैब दिखाया गया है जिसमें देखा जा सकता है कि पुलिस उन लोगों की पिटाई कर रही है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि ये वीडियो सहारनपुर के एक पुलिस स्टेशन में शूट किया गया था, जहां भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा (जिन्हें अब सस्पेंड कर दिया गया है) की इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ़ टिप्पणी के बाद सांप्रदायिक झड़प हुईं. वीडियो में दिख रहे लोगों को दंगाई बताया जा रहा है.

कुल मिलाकर, ये स्पष्ट है कि वायरल वीडियो में पुलिस मीरा रोड झड़प में शामिल दंगाइयों को नहीं पीट रही है. वीडियो दो साल पुराना है और मीरा रोड घटना से इसका कोई संबंध नहीं है.

2. पुलिस ने दंगाइयों को पकड़ने के लिए दरवाजे खटखटाए

पुलिस द्वारा कुछ लोगों को पकड़ने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि ये लोग मीरा रोड दंगों में शामिल थे.

ट्विटर यूज़र लोकेश यादव (@Lokeshy49599209) ने 24 जनवरी को ये क्लिप एक कैप्शन के साथ शेयर किया जिसका हिंदी अनुवाद है: “जिन लोगों ने 22 तारीख को मुंबई के मीरा नायर इलाके में राम यात्रा पर हमला किया था, उन्हें आज उनके घर से उठाया गया. बहुत-बहुत सम्मान. अब पिछवाड़ा तोड़ने का इनाम मिलेगा.” इस ट्वीट को 7.5 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है और 3 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)

 

@JIX5A@FrontalForce@mini_razdan10 जैसे कई अन्य यूज़र्स ने भी यही दावा करते हुए वायरल वीडियो शेयर किया.

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फ़ैक्ट-चेक

हमने इस वीडियो से कई की-फ़्रेम्स लिए और उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें पत्रकार यूनुस लासानिया के 24 अगस्त, 2022 के एक ट्वीट में ये वायरल वीडियो मिला. इस ट्वीट में ज़िक्र किया गया है कि विजुअल्स हैदराबाद के थे जहां पुलिस कुछ लोगों के घरों में घुस गई थी जो इस्लाम के पैगंबर के बारे में कथित रूप से अपमानजनक बयान देने की वजह से T राजा सिंह के खिलाफ़ प्रदर्शन कर रहे थे.

यानी, पुलिस को घरों में घुसने वाला वायरल वीडियो किसी भी तरह से मीरा रोड दंगों से संबंधित नहीं है.

  1. रेलवे स्टेशन पर लगी आग

रेलवे स्टेशन में आग लगने की 12 सेकंड की क्लिप सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ काफी ज़्यादा शेयर की जा रही है कि ये दृश्य मीरा रोड रेलवे स्टेशन के है.

X यूज़र 𝗦𝘁𝗿𝗼𝗸𝗲𝗢𝗚𝗲𝗻𝗶𝘂𝘀 🇮🇳 🇮🇳 (@Stroke0Genius41) ने 24 जनवरी को ये क्लिप को इस कैप्शन के साथ शेयर किया: “#MiRadoAdo की वर्तमान स्थिति रेलवे स्टेशन.. #MiRaRoadriots.” इस ट्वीट को 5.6 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है और 400 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)

 

कई अन्य यूज़र्स ने इस क्लिप को इसी कैप्शन के साथ X पर शेयर किया.

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फ़ैक्ट-चेक

हमने देखा कि @Stroke0Genius41 के ट्वीट पर पश्चिमी रेलवे के ऑफिशियल X पेज ने कमेंट किया कि दावा ग़लत था और मीरा रोड रेलवे स्टेशन पर स्थिति सामान्य थी.

पश्चिमी रेलवे के पेज से वायरल दावे वाले दिन का मीरा रोड स्टेशन का एक वीडियो भी शेयर किया गया जिसमें दिखाया गया कि रेलवे स्टेशन पर स्थिति शांत थी.

इसके अलावा, हमने वायरल क्लिप के कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च किया और हमें 23 अप्रैल, 2023 का संगबाद प्रतिदिन का एक यूट्यूब वीडियो मिला. वीडियो के टाइटल में कहा गया है: “संतोषपुर स्टेशन में भीषण आग.” यूट्यूब वीडियो में वायरल क्लिप वाले दृश्य दिखते हैं जिससे पता चलता है कि विजुअल्स हाल के नहीं हैं और इसलिए, मीरा रोड झड़प से संबंधित भी नहीं हैं.

हमने सबंधित की-वर्डस सर्च भी किया जिससे हमें अप्रैल, 2023 में कोलकाता के संतोषपुर रेलवे स्टेशन पर आग लगने के संबंध में कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं. टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने भी अपनी रिपोर्ट में यही वीडियो पब्लिश किया था.

यानी, ये दावा ग़लत है कि रेलवे स्टेशन में आग लगने के दृश्य मीरा रोड के हैं. ये हादसा पश्चिम बंगाल के संतोषपुर रेलवे स्टेशन का है जो 2023 में हुआ था.

  1. मीरा रोड पर राम की मूर्ति तोड़ी गई

एक व्यक्ति द्वारा हिंदू देवता राम की विशाल मूर्ति पर चढ़ने और उसे तोड़ने की कोशिश करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि मामला मीरा रोड का है.

ट्विटर यूज़र किक्की सिंह ने वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ”यह सभी मीरा रोड के बाबर वंशज ऐसी हरकतें करते हैं उसके बाद कुटाते फिर कहते हैं कि हमारी तो गलती थी ही नहीं.” ट्वीट को 2.6 लाख से ज़्यादा बार देखा गया है और 1,300 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)

 

कई अन्य यूज़र्स ने भी दुर्घटना को मुंबई के मीरा रोड पर अशांति से जोड़ते हुए इसी तरह के दावे शेयर किए.

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फ़ैक्ट-चेक

हमने वीडियो से कई की-फ्रेम्स लिए और उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 21 जनवरी को @truthanidare की एक इंस्टाग्राम पोस्ट मिली जिसमें उसी वीडियो को एक अलग ऐंगल से दिखाया गया था. पोस्ट के कैप्शन में बताया गया कि ये घटना अयोध्या के अमृत महोत्सव मेले की है.

 

इसे ध्यान में रखते हुए हमने हिंदी में एक सबंधित की-वर्डस सर्च किया. हमें 16 जनवरी को जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी के ऑफ़िशियल फ़ेसबुक पेज द्वारा शेयर की गई एक फ़ेसबुक रील मिली. रील में अयोध्या में आयोजित अमृत महोत्सव मेले के विजुअल्स शामिल थे. इसमें भी वही राम प्रतिमा है जो वायरल वीडियो में है.

हमें हिंदू देवता राम की मूर्ति के वही विजुअल्स अयोध्या नगरी 92 नामक एक यूट्यूब चैनल के वीलॉग में भी मिले. ये वीडियो 15 जनवरी को पब्लिश हुआ था. वीडियो के टाइटल में कहा गया है: “अयोध्या में अमृत महोत्सव शुरू हो गया है.”

इससे ये स्पष्ट हो जाता है कि वायरल वीडियो में दिखाई गई राम की मूर्ति मीरा रोड की नहीं है, ये अयोध्या के अमृत महोत्सव मेले की है.

इसके अलावा, हमें व्लॉगर शिवा नामक एक यूट्यूबर का एक और वीडियो मिला जिसमें एक व्यक्ति द्वारा मूर्ति पर चढ़ने और उसे तोड़ने की कोशिश करने की घटना को दिखाया गया था. ये वीडियो अलग ऐंगल से शूट किया गया था.

व्लॉग में पुलिसकर्मियों को घटना स्थल की ओर भागते देखा जा सकता है और हमने देखा कि उनकी वर्दी पर हिंदी में ‘उत्तर प्रदेश पुलिस’ लिखा हुआ था.

कुल मिलाकर, ये स्पष्ट है कि कि राम की मूर्ति तोड़े जाने के विजुअल मीरा रोड के नहीं हैं. ये घटना अयोध्या में हुई थी.

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